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पंखुड़ी पाठक और टीम पर लगा दलित युवती के चरित्र हनन का आरोप, डिलीट किया व्हाट्सएप ग्रुप

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Published on: 23 July 2017 6:48 AM GMT
पंखुड़ी पाठक और टीम पर लगा दलित युवती के चरित्र हनन का आरोप, डिलीट किया व्हाट्सएप ग्रुप
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आगरा: एक समाजसेवी युवती ने सपा नेता पंखुड़ी पाठक और उनकी टीम के कुछ सदस्यों पर उन्हें सोशल मीडिया पर बदनाम करने का आरोप लगाया है। सपा नेताओं पर पीड़ित युवती का चरित्र हनन करते हुए युवती का नंबर सोशल मीडिया पर वायरल करने का आरोप लगा है।

थाना शाहगंज में एक नामजद आरोपी और टीम के खिलाफ आईटी एक्ट और एसएसटी एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। वहीं Newstrack.com से बात करते हुए इस पूरे मामले पर सपा प्रवक्ता पंखुड़ी पाठक ने बताया कि एफआईआर में उनका नाम नहीं है, क्योंकि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है। उन्होंने बताया, कि 'यह लड़की अटेंशन पाने के लिए पिछले एक महीने से उनके खिलाफ सोशल मीडिया पर कुछ ना कुछ वायरल करती रहती है। वह इस लड़की के खिलाफ मानहानि का दावा करेंगी।'

पंखुड़ी ने कहा, 'इस लड़की ने अपनी राजनीतिक महत्वकांक्षा पूरी करने के लिए उनके ऊपर गलत आरोप लगाए हैं। सस्ती लोकप्रियता के लिए यह सब ड्रामा किया है।'

व्हाट्सएप ग्रुप डिलीट किया

सपा प्रवक्ता ने newstrack.com में खबर प्रकाशित होने के बाद अपने व्हाट्सएप ग्रुप को डिलीट कर दिया। जबकि, पीड़िता का कहना हुई कि 'वो खुद पंखुड़ी पाठक और उनकी टीम पर मानहानि का दावा करेंगी। क्योंकि, पंखुड़ी पाठक उसी व्हाट्सएप्प ग्रुप की एडमिन हैं जिसमें उनके खिलाफ 'अभद्र भाषा' का प्रयोग किया गया है। ग्रुप मेंबर्स ने सोशल मीडिया पर उनका चरित्र हनन किया।

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क्या है पूरा मामला

-शाहगंज क्षेत्र की रहने वाली युवती राशि (काल्पनिक नाम) एक एनजीओ संचालक है।

-कुछ समय पहले उसने तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव को ट्वीट किया था कि 'उनके पिता को कैंसर है। कृपया इलाज के लिए उसकी मदद की जाए। सीएम ने इलाज के लिए उसकी मदद भी की'।

-युवती का कहना है कि वह अखिलेश यादव के प्रचार प्रसार में उसी दिन से जुट गई।

-उसने कई लोगों को सपा पार्टी से जोड़ा। उसकी मेहनत देख सपा नेता पंखुड़ी पाठक ने अपने व्हाट्सएप पर बने ग्रुप में उसे जोड़ लिया।

-उसकी मेहनत और बढ़ता कद कुछ लोगों को रास नहीं आया।

-युवती का आरोप है कि पंखुड़ी पाठक के इशारे पर सोशल मीडिया पर उसके खिलाफ कुछ लोगों ने अभियान छेड़ दिया।

आगे की स्लाइड में जानिए इस मामले से जुड़ी और भी बातें

उपलब्ध कराए गए साक्ष्यों में क्या-क्या है?

-युवती द्वारा उपलब्ध कराए साक्ष्य में यह सिद्ध हो रहा है कि उसको सोशल मीडिया पर बदनाम किया गया है।

-युवती दलित है। ग्रुप पर उसे जातिसूचक शब्द भी कहे गए हैं।

-युवकों ने उसे जातिसूचक शब्दों सहित गालियां तक दीं, लेकिन वह सब कुछ सहन करती रही।

उसके बाद उसने सपा जिलाध्यक्ष से लेकर सपा के हर वरिष्ठ नेता को अपनी पीड़ा बताई, लेकिन किसी ने उसकी नहीं सुनी।

बनाए गए युवती के नंबर से फर्जी अकाउंट

-नतीजा यह रहा है कि युवकों ने उसका फोन नंबर डालकर फेसबुक पर फर्जी एकाउंट बनाया और अभद्र भाषा का प्रयोग कर उसको चरित्रहीन बताया।

-इसके बाद पीड़िता के पास फोन कॉल्स आने का सिलसिला शुरू हुआ तो उसने पुलिस अधिकारियों से इस मामले में शिकायत की।

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-शाहगंज पुलिस इस मामले में जांच की।

-उसके बाद आरोपी युवक आसिफ और पंखुड़ी पाठक के व्हाट्सएप्प ग्रुप की टीम पर आईटी एक्ट और एसएसटी एक्ट की -गंभीर धाराओं में मुकद्दमा दर्ज किया। युवती का आरोप है कि आगरा के जिलाध्यक्ष राम सहाय यादव ने उसे फोन पर -इस मामले में समझौता करने को भी कहा है। जिसकी उसके पास रिकॉर्डिंग भी उपलब्ध है।

नहीं मिल रहा युवती को न्याय

-कई दिनों से पुलिस अधिकारियों के चक्कर लगा रही थी।

-बड़े बाद जाकर उसका मुकद्दमा दर्ज किया गया। हालांकि एफआईआर दर्ज हो गई, लेकिन जिस तरह से सपा नेता और उनकी टीम पर इतने गंभीर आरोप सबूतों के साथ लगाए गए हैं, उसके बाद पुलिस किस तरह से कार्रवाई कर पीड़िता को न्याय दिलवा पाती है। ये देखने वाली बात होगी।

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