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Pilibhit Crime News: भू-माफिया ने किया प्लाट पर कब्जा, चकबंदी विभाग की लापरवाही हुई उजागर

यूपी के पीलीभीत जनपद में कोतवाली जहानाबाद इलाके में भू-माफिया ने लॉक डाउन का फायदा उठा कर प्लाट पर कब्जा करने की नीयत से प्लाट पर नींव खुदवाने का प्रयास किया।

Pranjal Gupata
Published on: 13 July 2021 11:26 AM IST
Pilibhit land mafia captured the plot
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पीलीभीत भू-माफिया ने किया प्लाट पर कब्जा: फोटो- सोशल मीडिया

Pilibhit Crime News: उत्तर प्रदेश में भू-माफियाओं का खेल जारी है। भाजपा की उत्तर प्रदेश सरकार इन भू-माफियाओं पर नकेल कसने में पूरी तरह फेल होती नजर आ रही है। जमीन और प्लाटों पर भू-माफियाओं द्वारा जबरन कब्ज़ा करने का खेल जारी है। ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जनपद का है जहां कोरोना के दौरान लगे लॉक डाउन का फायदा उठाकर भू-माफियाओं ने जमीन पर कब्ज़ा कर लिया। आपको बता दें कि यूपी के पीलीभीत जनपद के थाना जहानाबाद इलाके में मौजूद शाही रोड पर वर्षों से एक प्लाट मौजूद है जो कि बीते कई वर्षों से खाली पड़ा था।

वहीं इसी प्लाट के आधे हिस्से में दो मंजिला दुकान आज भी है। कोरोना के दौरान यूपी के पीलीभीत जनपद में कोतवाली जहानाबाद इलाके में भूमाफिया ने लॉक डाउन का फायदा उठा कर प्लाट पर कब्जा करने की नीयत से प्लाट पर नींव खुदवाने का प्रयास किया। जिसकी जानकारी पीड़ित प्लाट स्वामिनी उषा गुप्ता को हुई। पीड़िता का पुत्र जो कि पीलीभीत जनपद में पत्रकार के रूप में मौजूद था।

भू-माफिया दुबारा प्लाट पर कब्ज़ा करने की फ़िराक में था

पीड़िता के पुत्र ने इस मामले की लिखित शिकायत एसड़ीएम सदर अविनाश चंद्र मौर्य सहित जहानाबाद कोतवाल हरिशवर्धन से की। जिसके बाद कोतवाल हरिशवर्धन ने मौके पर पहुंचकर काम को रुकवाया। कुछ दिन रुकने के बाद भू-माफिया दुबारा प्लाट पर मौजूद लभेड़े के पेड़ को कटवाने का प्रयास करने लगा। पत्रकार को जब मामले की जानकारी हुई तब कोतवाल हरिशवर्धन से मामले की फ़ोन द्वारा सूचना देने के बाद काम को रुकवाया गया। इस घटना के बाद कोतवाल हरिशवर्धन ने दोनों पक्षों को थाने बुलाया और कागजात देखे।



वहीं पीड़ित के पास उस प्लाट से सबंधित सभी दस्तावेज मौजूद मिलने के बाद कोतवाल हरिशवर्धन ने आश्वासन दिया कि प्लाट पर किसी भी तरह का अवैध कब्जा नही होने दिया जाएगा। पीड़ित इस आश्वासन के बाद शांत हो गया।

वहीं जब पूरा देश 15 अगस्त 2020 को आजादी का जश्न मना रहा था। आरोपी भू-माफिया शशि ओम प्लाट पर नींव खोदकर प्लाट पर कब्जा करने में मशरूफ था। दरअसल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जहानाबाद कोतवाल ने मोटी रकम लेकर प्लाट पर भूमाफिया का पूरा कब्जा करा दिया। आपको बता दें कि जब पूरा देश कोरोना वायरस महामारी से जूझ रहा था। मामले की शिकायत पत्रकार ने नवागत जिलाधिकारी पुलकित खरे से की जिसके बाद मामले की जांच की गई।

जांच के बाद प्लाट की जगह सरकारी दस्तावेजों में बाजार के रूप में दर्ज पाई गई। तब नगर पंचायत वर्षों बाद नींद से जागा और अपना हक जताया साथ ही आरोपी भू-माफिया शशि ओम पर एन्टी भू-माफिया की धारा 447 में मुकदमा दर्ज कराया गया।




चकबंदी विभाग की लापरवाही हुई उजागर

आपको बता दें कि सन 1947 में देश को अंग्रेजो से आजादी मिली जिसके बाद सन 1950 में भारतीय संविधान लागू किया गया। भारतीय संविधान लागू होने से पहले और अब तक जहानाबाद कस्बे में उस जगह पर आवादी बसी हुई है। बही सन 1952 में चकबंदी विभाग ने जहानाबाद कस्बे में गाटा संख्या 1413 रकवा 0.498 हे0 जिसका जिक्र सरकारी दस्तावेजों में बाजार के रूप में दर्ज कर दिया गया है। जो कि पूर्णतया गलत है और सभी अधिकारी भी इसको चकबंदी विभाग की एक बड़ी गलती के रूप में मान रहे है।

जबकि उस जगह पर कई मकान व दुकानें बनी हुई है। एक अच्छी खासी आवादी बसी हुई है। एक बड़ा बोट बैंक भी मौजूद है। बही जिस प्लाट का यहां जिक्र किया जा रहा है और जिसको जांच उपरांत नगरपंचायत ने अधिग्रहण कर लिया है। जबकि उस प्लाट को जहानाबाद के एक गुप्ता परिवार ने सन 1952 में अपने परिवार मे बंटवारा किया था। जिसके सभी दस्तावेज पीड़ित परिवार के पास मौजूद है। जो कि खानदानी व पुश्तैनी जमीन है। और एक भाई को बंटवारे में मिली,

जिसको बाद में उन्होंने अपने ही परिवार के दूसरे भाई के हाथ बेच कर कस्बा छोड़कर बरेली जनपद में बस गए। बही उस प्लाट के आधे हिस्से में सन 1980 में दुकान का निर्माण कराया गया था। बाद में आधे हिस्से का बैनामा सन 1992 में उषा देवी के नाम से करा दिया गया। तब से ही वो आज तक खाली पड़ा था। जिसपर भूमाफिया ने 2020 में अपना कब्जा करने का प्रयास किया था। पर अब चकबंदी विभाग की लापरवाही के बाद पीड़ित अपने ही प्लाट पर किसी भी तरह का निर्माण कार्य करने में असमर्थ है।

अब देखना यह है कि चकबंदी विभाग कब तक मामले में संज्ञान लेता है यह तो आने वाला बख्त ही बताएगा। फिलहाल मामले में चकबंदी विभाग की बड़ी लापरवाही देखने को मिल रही है। पीड़ित ने राजस्व विभाग लखनऊ व इलाहाबाद सहित एडीएम पीलीभीत से मामले में लिखित शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई है।

पर अब तक मामले में विभाग ने कोई सुध नही ली है। जिससे जान पड़ता है कि यूपी में स्थापित योगी सरकार में पूर्ण रूप से जंगलराज कायम है। पीड़ित दर-दर किराए के मकानों में भटकने को मजबूर है।



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Shashi kant gautam

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