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योगीगढ़ में सरकारी टीचर बच्चों से उठवा रहे कुर्सी-पर्स, अधिकारी नहीं दे पा रहे जवाब

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Published on: 28 July 2017 9:19 AM GMT
योगीगढ़ में सरकारी टीचर बच्चों से उठवा रहे कुर्सी-पर्स, अधिकारी नहीं दे पा रहे जवाब
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गोरखपुर: योगी जहां प्रदेश में बेहतर शिक्षा के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रहे हैं और एक बेहतर शिक्षा का सपना देख रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ योगी के कर्म भूमि में ही योगी के सपने पर योगी के शिक्षक पलीता लगाते नजर आ रहे हैं और मासूम के भविष्य के साथ खिलवाड़ करते भी नजर आ रहे हैं।

गोरखपुर के मुख्यालय से माह 20 किलोमीटर की दुरी पर खजनी थाना क्षेत्र में सरया तिवारी प्राथमिक विद्यालय, जिसका पूरा नाम पूर्व माध्यमिक विद्यालय सरया तिवारी क्षेत्र-खजनी जनपद गोरखपुर है। यहां पर लगातार तीन स्कूल एक साथ हैं, सभी प्राथमिक विद्यालय ही हैं। लेकिन सरया तिवारी प्राथमिक विद्यालय की ये टीचर चार-पांच की संख्या में एक साथ गप-शप करती नजर आईं और बच्चे नीचे पीपल के पेड़ के पास बैठ कर कुछ पढ़ते तो कुछ खेलते नजर आए। दो जेंट्स टीचर थे, एक पेपर पढ़ रहे थे तो दूसरे एक फॉर्म को देखते निहारते नजर आए।

जब कैमरा चलने लगा तो टीचरो में खलबली मची और वो उठ कर इधर-उधर होने लगी और उनमें से एक टीचर रिपोर्टर पर ही भड़क गई और परमिशन की धमकी देने लगी। वह बोली- आपके पास कोई परमिशन है। बिना परमिशन के आप कैमरा नहीं चला सकते, लेकिन वही कैमरे में कैद तस्वीरों में बच्चे पढ़ने के बजाय कुर्सी उठा कर मैडम को देते नजर आए और एक बच्ची मैडम का पर्स लाती नजर आई। पूछने पर भड़की मैडम ने कहा- आप कौन होते ही कौन हैं पूछने वाले?

आगे की स्लाइड में जानिए क्या कहना है अधिकारियों का

वहीं जब इस मामले पर जब जिले के बीएससे का भार ग्रहण करने वाले महेंद्र नाथ तिवारी से बात की गई, तो उनका कहना था कि अगर इस तरह का मामला है, तो हम कार्रवाई कराते हैं। जब उन्हें पूरी बात बताई गई, तो वह बोले- मैंने वीडियो देखा है, उसमें बच्चे सलीके से नहीं बैठे थे। उसकी जांच हम खण्ड शिक्षा अधिकारी से कराते हैं। उसके बाद उनके विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई करेंगे, यानी बच्चों के द्वारा कुर्सी लाते और मैडम का पर्स लाते वीडियो दिखाने के बाद भी जांच कर कार्रवाई करने की बात कहते हैं।

जब उनसे पूछा गया कि स्कूल परिसर में कैमरा चलाने के लिए परमिशन लेने की आवश्यकता है, तो उस पर साहब ने लड़खड़ाते हुए अल्फाजों में कहा कि इस संबंध में मुझे कोई जानकारी नहीं है। ऐसी हालत है, योगी के शहर वाले प्राथमिक विद्यालयों की, तो बाकी जिलो के स्कूलों के क्या हालात होंगे? इसका अंदाजा बखूबी लगाया जा सकता है।

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