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दुनिया का दूसरा सबसे महंगा पदार्थ 'कैलिफोर्नियम' लखनऊ में बरामद, कीमत सुनकर उड़ जाएंगे होश
लखनऊ पुलिस की गाजीपुर थाने की टीम ने 'कैलिफोर्नियम' बेचने वाले एक गिरोह को पकड़ा है।
लखनऊ: कैलिफोर्नियम विश्व का दूसरा सबसे महंगा रेडियो एक्टिव पदार्थ। इस पदार्थ के एक ग्राम की कीमत करीब 170-180 करोड़ रुपये होती है। जी हां, ये बात बिल्कुल सच है। गुरुवार को जब लखनऊ पुलिस की गाजीपुर थाने की टीम ने कैलिफोर्नियम (californium) बेचने वाले एक गिरोह को पकड़ा, तब यह पदार्थ फिर से चर्चा में आ गया। पुलिस टीम ने शहर के पॉलिटेक्निक चौराहे से आठ लोगों को 340 ग्राम संदिग्ध कैलिफोर्नियम (californium) धातु के साथ गिरफ्तार किया है। अग़र इसकी कीमत लगाया जाए, तो वह करीब 5 खरब 78 अरब रुपये होगी। हालांकि, अभी यह कहना मुश्किल है कि यह पदार्थ कैलिफोर्नियम ही है। मगर, गिरफ्तार किए गए सदस्यों ने इस धातु के होने की पुष्टि की है। फिलहाल, जब्त किए गए पदार्थ को आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों को जांच के लिए भेजा गया है।
गाजीपुर थाने के इंस्पेक्टर प्रशांत मिश्रा ने बताया कि 'पूछताछ में पता चला कि महेश और रविशंकर (गिरफ्तार किए गए व्यक्ति) बिहार से इसे लेकर आए थे। वहां कोयले की खदान में काम करने वाले किसी व्यक्ति ने दिया था। उसने भी बताया था कि यह कैलिफोर्नियम पदार्थ है। बहुत महंगा बिकता है। उसकी बिक्री करने के लिए यह दोनों लखनऊ ले आए थे। इसके बाद से ग्राहक तलाश रहे थे।'
मुखबिर की सूचना पर हुई गिरफ्तारी
एडीसीपी उत्तरी प्राची सिंह ने बताया कि 'गिरफ्तार आरोपितों में गिरोह का सरगना अभिषेक चक्रवर्ती निवासी कानपुर रोड एलडीए कालोनी कृष्णानगर, महेश कुमार निवासी नेवादा न्यू एरिया बिहार, रविशंकर निवासी शाहजहांपुर पटना बिहार, अमित कुमार सिंह मानसनगर कृष्णानगर, शीतल गुप्ता उर्फ राज गुप्ता गुलजार नगर बाजारखाला, हरीश चौधरी लौकिहवा बस्ती, रमेश तिवारी निवासी कठौतिया सांवडी पैकुलिया बस्ती और श्याम सुंदर गांधीनगर बस्ती है। इन्हें पालीटेक्निक चौराहे के पास से मुखबिर की सूचना पर इंस्पेक्टर प्रशांत मिश्रा, दारोगा कमलेश राय व उनकी टीम ने पकड़ा है। इनके पास से कैलिफोर्नियम पदार्थ के अलावा, 10 हजार रुपये, एक कार वैगनआर, स्कूटी और बाइक बरामद की गई है। पूछताछ में अभिषेक ने बताया कि यह कैलिफोर्नियम पदार्थ है। इसके बाद इसकी पड़ताल शुरू की गई। कई वैज्ञानिकों को दिखाया गया पर वह कुछ सही बात बता नहीं सके। अधिकारियों को जानकारी देने के बाद परीक्षण के लिए इसके आइआइटी कानपुर भेजा जा रहा है।'
'गिरोह से जुड़े अन्य लोगों के तार खंगाले जा रहें'
एडीसीपी ने कहा कि 'गिरोह से जुड़े अन्य लोगों के तार खंगाले जा रहे हैं। इसके साथ ही अभिषेक और महेश के मोबाइल भी जब्त कर लिए गए हैं। उनकी काल डिटेल्स खंगाली जा रही है। किन किन लोगों के यह संपर्क में थे। ऐसा तो नहीं कि इनके संपर्क विदेशों में भी हों। हालांकि फौरी जांच में पता चला है कि यह लोग चोरी का माल बेचने के काम करते थें।'
रुपये लेने के बाद भी ग्राहक को नहीं दिया था कैलिफोर्नियम
इंस्पेक्टर प्रशांत मिश्रा के मुताबिक- 'महेश और रविशंकर ने लखनऊ आकर कैलिफोर्नियम की बिक्री के लिए अभिषेक से संपर्क किया। इसके बाद अभिषेक बीते जनवरी माह से गिरोह के साथ कैलिफोर्नियम लेकर बिक्री के लिए घूम रहा था। जनवरी के आखिरी सप्ताह में अभिषेक ने गोमतीनगर निवासी प्रापर्टी डीलर शशिलेश से संपर्क किया था। शशिलेश से सौदा तय हुआ था। शशिलेश को माल दिखाकर उससे 1.20 लाख रुपये भी ले लिए थे। शुक्रवार तड़के शशिलेश को अभिषेक ने फिर बात करने के लिए पालीटेक्निक चौराहे पर बुलाया था। शशिलेश की सूचना पर वहां पुलिस टीम लगा दी गई थी। इसके बाद पुलिस ने घेराबंदी कर गिरोह को दबोच लिया।'
कैलिफोर्नियम का उपयोग
इस पदार्थ की बिक्री मिली ग्राम में होती है। यह कोई प्राकृतिक पदार्थ नहीं है। लैब में मानव निर्मित पदार्थ है। इसका प्रयोग कैंसर के इलाज, एटॉमिक एनर्जी और अन्य कार्यों में प्रयोग किया जाता है।