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Raebareli Crime News : बदमाश ने व्यापारी से मांगी पचास लाख की रंगदारी, सामने आया ऑडियो
Raebareli Crime News :लखनऊ जेल में बंद बदमाश द्वारा सर्राफा व्यापारी से रंगदारी मांगने का मामला सामने आया है। बदमाश ने फोन करके व्यापारी से 50 लाख की रंगदारी मांगी है।
Raebareli Crime News :प्रदेश की जेलों में बंद बदमाशों के रंगदारी मांगने के मामलों पर लगाम लगती नहीं दिख रही है। जेल में बंद बदमाश बेखौफ तरीके से अपना धंधा संचालित कर रहे हैं। ताजा मामला रायबरेली का है। यहां के एक सर्राफा व्यापारी से 50 लाख रुपये रंगदारी मांगने का ऑडियो सामने आया है। बदमाश खुद को लखनऊ सेंट्रल जेल में बंद होना बता रहा है। बदमाश ने व्यापारी को रुपये न देने पर अंजाम भुगतने की धमकी दी।
महराजगंज कोतवाली के कस्बा स्थित शिप्रा ज्वेलर्स के मालिक अरुण सोनी को फोन पर धमकी मिली। धमकी देने वाले ने अपने को लखनऊ जेल में बंद वांटेड राजू भारती बताया। बदमाश ने व्यापारी को फोन करके पहले अपना परिचय दिया। उसके बाद कहा, पचास लाख रुपया रख लीजिए, कल लेना है हमको। व्यापारी ने जब पूछा क्या मतलब तो बदमाश ने कहा राजू भारती बोल रहे हम, लखनऊ सेंट्रल जेल से। पचास लाख कल चाहिए हमको। व्यापारी द्वारा कारण पूछने पर उसने कहा कि आपकी कुण्डली मिली है मेरे पास। रुपया न देने पर आप जानेंगे और आपके लड़के जानेंगे। कल मेरे लड़के आएंगे उनको पचास लाख रुपये चाहिए। व्यापारी ने फोन पर कहा कि पैसे ऐसे रखे रहते हैं क्या तो बदमाश ने कहा हम कल फोन करेंगे।
इसी साल एटा में हो चुकी वारदात
साल 2021 की शुरूआत एटा जेल से हुई। यहां जिला कारागार में हत्या के आरोप में बंद अनिल पाण्डेय द्वारा आगरा के चिकित्सक सजीव यादव से 10 लाख रूपये की रंगदारी मांगी गई थी। मामले में डिप्टी जेलर आरके गौतम को निलंबित कर दिया गया था। डीजी जेल आनंद कुमार ने इस मामले में जेल अधीक्षक पीपी सिंह और जेलर कुलदीप भदौरिया को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इस मामले में दो कैदियों अलीगढ़ और कासगंज जेल में ट्रांसफर कर दिया गया था।
पहले भी हो चुकी हैं घटनाएं
इससे पहले देवरिया जेल में बंद अतीक अहमद ने साल 2018 में एक जमीन कारोबारी को पहले किडनैप कराया। इसके बाद उसके गुर्गे कारोबारी को लखनऊ से 315 किलोमीटर दूर देवरिया जेल लेकर गए। यहां अतीक अहमद ने उसे अपने गुर्गों से जेल में ही बुरी तरह से पिटवाया था। आरोप लगा कि उसकी 45 करोड़ की सम्पत्ति हड़पने के लिए उसकी फर्में अपने नाम करा लीं थी। इतना सब होता रहा, फिर भी पुलिस, जेल प्रशासन या खुफिया विभाग को इसकी भनक तक नहीं लग पाई थी। घटना तब सामने आई थी जब कारोबारी पुलिस के पास पहुंचा. था। इसके बाद एक्शन में आए आलाधिकारियों ने जब 200 से अधिक सुरक्षाकर्मियों के साथ जेल में छापा मारा तो उनके हाथ कुछ नहीं लगा था। जेल में लगे सीसीटीवी कैमरे से कुछ समय के फुटेज तक गायब कर दिए गए थे। लेकिन इसके बाद अतीक अहमद को देवरिया जेल से बरेली जेल स्थानांतरित कर दिया गया था।