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Sambhal Crime News: तेईस साल पहले देश छोड़कर आतंकी बन गया था सैयद अख्तर उर्फ उमर हलमंडी

प्रदेश की राजधानी में लखनऊ में दो गिरफ्तार आतंकियों के हैंडलर उमर हलमंडी का नाम आया है जिसका असली नाम सैयद अख्तर है।

Saddam Hussain
Published on: 13 July 2021 2:19 AM GMT (Updated on: 13 July 2021 2:20 AM GMT)
Lucknow terrorist encounter
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लखनऊ आतंकी मुठभेड़: डिजाईन फोटो- सोशल मीडिया 

Sambhal Crime News: प्रदेश की राजधानी में लखनऊ में दो गिरफ्तार आतंकियों के हैंडलर उमर हलमंडी का नाम आया हैं जिसका असली नाम सैयद अख्तर है। सैयद अख्तर उर्फ उमर हलमंडी सम्भल का रहने वाला हैं। 23 साल पहले आसिम उमर व दो अन्य युवकों के साथ देश छोड़कर आतंक के रास्ते पर चला गया था। सैयद अख्तर के उमर हलमंडी बनकर सीमा पार से भारत में आतंकी गतिविधियों को तेज करने की जानकारी मिलने के बाद अब खुफिया एजेंसियों ने एक बार फिर से सैयद अख्तर व उससे जुड़े युवाओं की फाइलें खंगालनी शुरू कर दी हैं।

खुफिया एजेंसियों ने आतंकियों के हैंडलर उमर हलमंडी को लेकर जो ब्यौरा जुटाया है उसके मुताबिक 23 साल पहले 1998 में आसिम उमर व सैयद अख्तर सहित संभल के चार युवक अचानक लापता हुए थे। यह भी पता चला था कि इन युवकों ने सीमा पार पाकिस्तान में जाकर आतंक की ट्रेनिंग ली थी और इन्हें वहां से एके 47 राइफलें व गोला बारूद दिया गया था।

अलकायदा कमांडर अल जवाहिरी का बेहद करीबी है आसिम उमर

इस जानकारी के बाद पुलिस व खुफिया एजेंसियों ने इन युवकों का पता लगाने का प्रयास किया मगर कामयाबी नहीं मिली। आठ साल पहले आसिम उमर के बारे में पता चला कि वह अफगानिस्तान में है और अलकायदा कमांडर अल जवाहिरी का बेहद करीबी है। अल जवाहिरी द्वारा आसिम उमर को अल कायदा का इंडिया चीफ बनाने की बात भी सामने आई मगर सैयद अख्तर के बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं मिल पाई।

लखनऊ में एटीएस द्वारा पकड़े गये आतंकी मसीरुददीन व मिनहाज ने हैंडलर उमर हलमंडी के बारे में जानकारी दी। इसके बाद ही साफ हुआ कि पाकिस्तान अफगानिस्तान सीमा पर रहकर अलकायदा से जुड़े संगठन अंसार गजवातुल हिंद की भारत में जड़ें मजबूत करने का काम कर रहा उमर हल मंडी संभल का वही सैयद अख्तर है जो 23 साल पहले आसिम उमर के साथ देश छोड़कर आतंकी गतिविधियों में शामिल हो गया था।

संभल से जुड़े तार तो पुरानी फाइलें खंगालने में जुटी एजेंसियां

रविवार को लखनऊ में दो आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद उनके हैंडलर उमर हलमंडी का नाम सामने आया तो रात तक ही यह बात भी पता चल गई कि हलमंडी संभल का रहने वाला है। इसके बाद खोजबीन में उसका असली नाम सैयद अख्तर होने और तेईस साल पहले देश छोड़कर चले जाने की जानकारी के बाद अब यह पता लगाया जा रहा है कि देश छोड़ने के बाद वह संभल के किन लोगों के संपर्क में रहा है।

उमर हलमंडी व उससे जुड़े लोगों का पता लगाने के लिए सोमवार को कई सरकारी एजेंसियों से जुड़े लोग संभल में सक्रिय नजर आये। पड़ताल का बड़ा पहलू यही है कि आतंकी बनने के बाद सैयद अख्तर उर्फ उमर हलमंडी का परिवार और पुराने परिचितों के साथ संपर्क रहा है या नहीं। 1998 में सैयद अख्तर के साथ आसिम उमर के अलावा गायब हुए दो अन्य युवकों के बारे में भी पता लगाया जा रहा है।

हालांकि मोहल्ले के लोगों का दबी जुबान से यही कहना है कि पुलिस क्या कह रही है वह नहीं जानते मगर उन्हें नहीं लगता कि सैयद अख्तर इतना बड़ा आतंकी बन गया होगा। इसके साथ ही लोग कहते हैं कि वह एब बार गया तो फिर कभी किसी का उससे संपर्क नहीं हुआ।



न पिता की मौत पर पाया न मां की मौत पर ली कोई सुध

अफगानिस्तान और पाकिस्तान की सीमा पर रहकर भारत में अलकायदा की जड़े मजबूत कर आतंकी साजिश रचने के आरोपी संभल के सईद अख्तर उर्फ आसिम हल मंडी के परिजनों का कहना है कि 23 साल पहले उसने एक बार घर के बाहर कदम बढ़ाया तो फिर कभी उसने घर परिवार से संपर्क नहीं किया। भले ही सैयद अख्तर और आसिम हल मंडी आतंक की राह पर चलकर देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहा हो लेकिन संभल में उसके परिवार की छवि वाले भले लोगों की है हल मंडी का छोटा भाई मेंथा के कारोबार से जुड़ा है जबकि परिवार के अन्य लोग भी काम धंधे से लगे हैं।

लखनऊ में आतंकवादी की गिरफ्तारी के बाद उमर अल मंडी का का नाम उनके हैंडलर के रूप में सामने आए तो यहां परिवार ने उसका बचाव नहीं किया। छोटे भाई ने कहा कि देश की एजेंसी कह रही हैं तो किसी आधार पर ही कह रही होंगी कहा कि जब उमर हल मंडी घर से गया था तो कुछ साल बाद खुफिया एजेंसियों के लोगों ने बताया था कि वह आतंकी गतिविधियों में लिप्त है। आज तक हमारा उससे कोई संपर्क नहीं हुआ।

माता पिता की मौत पर भी नहीं क्या संपर्क सईद अख्तर पुर आसिम अल मंडी के छोटे भाई ने कहा कि 4 साल पहले उसके पिता का इंतकाल हुआ था अब 4 महीने पहले मां भी दुनिया छोड़कर चली गई ना तो पिता की मौत पर उसने परिवार की सुध ली और ना ही मां का इंतकाल होने पर किसी तरह का को संपर्क किया।

गुस्से के स्वभाव का ता उम्र हल मंडी

छोटे भाई का कहना है कि 1998 में जब सईद अख्तर उर्फ उमर हल मंडी ने घर छोड़ा था तब वह 23 साल से ज्यादा उम्र के थे। वह कम बोलते थे मगर वह गुस्सेल स्वभाव वाले थे। उन्होंने बताया कि हल मंडी ने स्कूल में पढ़ाई नहीं की थी।

Shashi kant gautam

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