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शातिर अपराधी ने जेल के अंदर से सेल्फी की FB पर अपलोड, मचा हडकंप
रामपुर : जिला कारागार प्रतापगढ़ में बंद संगीन धाराओं में निरूद्ध शातिर अपराधी द्वारा सेल्फी एफबी पर अपलोड किये जाने को लेकर जिला रामपुर के आरटीआई एक्टिविस्ट ने पुलिस के आला अफसरान को मामले से अवगत कराया। जिससे आला अफसरान ने फौरन एसएसपी प्रतापगढ़ को जांचोपरांत कार्रवाई के निर्देश दिए और आरटीआई एक्टिविस्ट को भी कार्रवाई से अवगत कराया।
मामले की गंभीरता के चलते पुलिस व जिला कारागार प्रतापगढ़ में हडकंप मच गया है। जेल अधिकारियों की गर्दन जांच में फंसती नजर आ रही है।
सईंया भये कोतवाल अब डर काहे का! जी हां कुछ ऐसा ही नजारा प्रतापगढ़ के जिला कारागार में चल रहा महसूस होता है जिसकी बानगी सोशल साइट फेसबुक पर देखने को मिली। एफबी पर जिला कारागार में बंद राहुल तिवारी नाम के शातिर अपराधी ने अपनी सेल्फी अपलोड की। राहुल तिवारी ने फेसबुक पर अपनी तीन सेल्फी 20 दिसंबर को रात करीब साढ़े दस बजे अपलोड की।
आपको बता दें कि राहुल तिवारी शातिर अपराधी है जो लूट, हत्या, डकैती, अपहरण व फिरौती जैसी संगीन घटनाओं को अंजाम देने में जिला कारागार में बंद है। प्रतापगढ़ की जेल पहले भी कई बार ऐसे ही विवादों से घिरी रही है जहां अपराधियों को खुलेआम छूट दी जाती है।
अक्सर चर्चा में रहने वाली प्रतापगढ़ की जेल एक बार फिर अपराधी राहुल तिवारी की सेल्फी फेसबुक पर अपलोड करने के कारण चर्चा में आ गई है। सोशल साइट पर फोटो होने पर इंद्र कुमार ने इसे नोटिस किया कि एक अपराधी को जेल में आखिर मोबाइल कैसे मुहैया कराया गया यानी जेल में अपराधियों को पूरी तरह खुला माहौल प्रदान किया जा रहा है उनके रसूख के बल पर। इस पर आपत्ति जताते हुए इंद्र कुमार ने अपने यूपी के जिला रामपुर के फेसबुक फ्रेंड एंव आरटीआई एक्टिविस्ट दानिश खान को यह सेल्फी टैग कर सूचित किया। इस पर तुरंत हरकत में आये दानिश ने इस प्रकरण को फेसबुक के ही माध्यम से पुलिस महानिदेशक व अन्य अधिकारियों को सूचित किया।
20 दिसंबर को अपलोड हुई सेल्फी आखिरकार पुलिस के आला अधिकारियों के संज्ञान में आने पर एसएसपी प्रतापगढ़ को एडीजी जोन इलाहाबाद, आईजी रेंज इलाहाबाद, व डीआईजी रेंज इलाबाद ने पत्र लिखकर जांच कर वैधानिक कार्रवाई करने के आदेश दिये हैं जिससे पुलिस विभाग व जेल अधिकारियों में हडकंप मच गया है।
आरटीआई कार्यकर्ता दानिश की यदि माने तो उन्होंने एफबी पर पुलिस के उच्चाधिकारियों के संज्ञान में मामला 21 दिसंबर को दिया था जिसपर 22 दिसंबर की सुबह उन्हें मेल से जांच और कार्रवाई के लिए लिखे गये पत्र के बारे में अवगत कराया गया है।
दानिश ने बताया कि अक्सर जेलों में रूपयों, रसूख और रूतबे के बल पर अपराधियों को घर जैसा माहौल दिया जाता है। साथ ही उन्हें जेल के बाहर मिलने वाले साधन भी उपलब्ध कराये जाते हैं जिसमें जेल अधिकारियों से लेकर पुलिस विभाग की मिलीभगत होती है। प्रतापगढ़ के जेल अधीक्षक आरके त्रिपाठी ने बताया कि जेल से तस्वीरें फेसबुक पर अपलोड करने की जानकारी मिलने पर सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है और ऐसा कुछ पाया जाता है तो सख्त से सख्त कार्रवाई की जायेगी।
वहीं घटना को लेकर पूरे उप्र में एलर्ट जारी कर सभी जिला कारागार में तलाशी अभियान चलाये जाने की खबरें भी मिल रही हैं। जिला रामपुर कारागार में भी जेल अधिकारियों ने चैकिंग अभियान चलाया।