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Sonbhadra Crime News: वन कर्मियों और खनन माफिया में भिड़ंत, प्रतिबंधित समय में हो रहा बालू का अवैध खनन

Sonbhadra Crime News: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में प्रतिबंधित समय में बालू का खनन किया जा रहा है। जिसको लेकर वन कर्मियों और खनन माफियाओं में जमकर भिड़ंत हुई।

Kaushlendra Pandey
Published on: 23 Sept 2021 3:40 PM IST
Illegal sand mining happening during restricted time, clash between forest workers and mining mafia
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सोनभद्र: प्रतिबंधित समय में बालू का खनन 

Sonbhadra Crime News: बारिश के मौसम (rainy season) में बालू खनन (sand mining) पूरी तरह से प्रतिबंधित होने के बावजूद जनपद सोनभद्र में अवैध खनन (Illegal sand mining) की शिकायतें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। चाहे दुद्धी तहसील क्षेत्र (Duddhi Tehsil Area) का इलाका हो या फिर ओबरा तहसील क्षेत्र अवैध खनन की शिकायतें लगातार बनी हुई है। बृहस्पतिवार को विंढमगंज थाना क्षेत्र में, वन रेंज की एरिया में आने वाले कनहर किनारे स्थित ग्राम पंचायत बोधाडीह के केरवा घाट पर बालू का अवैध खनन रोकने पहुंचे वन कर्मियों को खनन कर्ताओं के हमले का सामना करना पड़ा।

छापामारी के दौरान एक ट्रैक्टर के पकड़े जाने पर खननकर्ता हमलावर हो गए और हाथापाई कर एक ट्रैक्टर छुड़ा ले गए। वहीं, दूसरा ट्रैक्टर वनकर्मी कब्जे में लेने में कामयाब रहे। वन कर्मियों का आरोप है कि हमला करने वाले एक वनकर्मी की मोबाइल भी लूट कर ले गए। इसको लेकर जहां वन अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है। वहीं आईपीसी की धाराओं के तहत मामला दर्ज करने के लिए विंढमगंज थाने में एक तहरीर भी दे दी गई है।

बालू का अवैध खनन फिर से शुरू

बताया गया कि कनहर नदी किनारे स्थित के्रवाद घाट से बालू का अवैध खनन करने की शिकायत पिछले कई दिनों से मिल रही थी। शिकायत की पुष्टि के बाद वन विभाग के लोगों ने बालू अवैध खनन कर परिवहन के लिए बनाए गए रास्ते हो काट दिया था। बृहस्पतिवार की सुबह वन विभाग के लोगों को सूचना मिली कि रास्ता दोबारा पाट दिया गया है और बालू का अवैध खनन परिवहन शुरू कर दिया गया। इस सूचना के आधार पर वन कर्मियों की टीम जब मौके पर पहुंची तो वहां खनन में संलिप्त लोग इधर-उधर भागने लगे। टीम ने मौके पर मिले दो बालू लदे ट्रैक्टर को पकड़ लिया। यह देख खनन करता टीम पर हमलावर हो गए और हाथापाई शुरू कर दिया। करीब 15:20 मिनट तक चली हाथापाई के बाद खननकर्ता वन कर्मियों से एक ट्रैक्टर छुड़ा ले गए। वहीं दूसरे ट्रैक्टर की ट्राली पलट जाने के कारण खननकर्ता उसे नहीं ले जा पाए। वन कर्मियों ने ट्राली को मौके पर ही छोड़कर इंजन को कब्जे में ले लिया और विंढमगंज वन रेंज कार्यालय लाकर सीज कर दिया।

आरोप है कि खननकर्ता जाते समय एक वनकर्मी का मोबाइल भी लूट कर लेते गए। इसको लेकर वन विभाग की तरफ से जहां वन्य अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। वहीं वन दरोगा सर्वेश सिंह की तरफ से मोबाइल लूटकर फरार होने वाले कथित खननकर्ता के खिलाफ नामजद और 12 अज्ञात के खिलाफ विंढमगंज थाने में तहरीर देकर कार्रवाई की गुहार लगाई गई है। सेलफोन पर हुई वार्ता में सर्वेश सिंह ने बताया कि बालू खनन और परिवहन में लिप्त ट्रैक्टरों को वह लोग पकड़ ही रहे थे, तभी दर्जनों की संख्या में पहुंचे बालू खननकर्ता हमलावर हो गए। बताया कि गुलाब यादव समेत 12 अज्ञात लोगों के खिलाफ मोबाइल लूटने और जबरदस्ती ट्रैक्टर कब्जे से छुड़ाकर ले जाने के मामले की तहरीर विंढमगंज थाने में दे दी गई है। साथ वन अधिनियम की धारा 5/26 के तहत भी आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।

रात में दौड़ते डंपर ग्रामीणों की उड़ाए हुए है नींद

जुगाड़ थाना क्षेत्र में उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सीमा पर बालू खनन की लंबे समय से बनी शिकायत थमने का नाम नहीं ले रही है ग्रामीणों का आरोप है कि रात घर आते ही यहां बालू का अवैध खनन और डंपरों के जरिए बालू की धुलाई शुरू हो जा रही है जो पूरी रात चल रही है। इससे सड़क के इर्द-गिर्द निवास करने वाले ग्रामीणों की नींद पूरी नहीं हो पा रही अगर कोई ग्रामीण इस पर अपराध करता है तो उसे डरा धमका कर चुप करा दिया जा रहा है।

रात के अंधेरे में बालू अवैध खनन और परिवहन के होने वाले इस खेल का खुलासा ना होने पाए, इसके लिए रात में बिजोरा गांव से लेकर मध्य प्रदेश की सीमा तक हर किलोमीटर पर अवैध खनन से जुड़े व्यक्तियों का पहरा बिठा दिया जाता है। जैसे ही कोई इस क्षेत्र में प्रवेश करता है मोबाइल के जरिए एक दूसरे को सूचना प्रेषित कर दी जाती है। दिन में भी इस रास्ते पर खनन कर्ताओं से जुड़े लोगों कि लोगों के आवाजाही पर निगरानी बनी रहती है। नदी किनारे लगे बालू के ढेर पर जैसे ही किसी का कैमरा क्लिक करता है उसके बारे में जानकारी जुटाने का काम शुरू कर दिया जाता है।

जांच करने पहुंची प्रशासनिक टीम हो चुकी है हमले का शिकारः

बता दें कि कुछ वर्ष पूर्व यहां जांच करने गई प्रशासनिक टीम भी हमले और तोड़फोड़ का शिकार हो चुकी है। तात्कालिक समय में कार्रवाई के जोर शोर से दावे हुए लेकिन तत्कालीन डीएम के तबादले के साथ ही चीजें पुरानी हो गईं। हाल ही में रेलवे में कराए जा रहे कार्यों में बगैर परमिट वाले बालू के प्रयोग को लेकर नोटिस भी जारी हो चुकी है। एक बड़े प्रोजेक्ट का निर्माण कर रही कंपनी पर भी बगैर परमिट वाली बालू के प्रयोग के आरोप पिछले कई महीनों से लगाए जा रहे हैं।

Shashi kant gautam

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