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Sonbhadra Crime News: मासूम को चाकू दिखाकर किया था दुष्कर्म, झोलाझाप डॉक्टर को मिली 10 साल की कैद
Sonbhadra Crime News: उत्तर प्रदेश के जनपद सोनभद्र में एक झोलाझाप डॉक्टर ने नाबालिग से चाकू दिखाकर किया दुष्कर्म। जिसके लिए उसे 10 साल की कैद के साथ 55 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई है।
Sonbhadra Crime News: चार वर्ष पूर्व चाकू दिखाकर नाबालिग से दुष्कर्म (rape of minor) करने वाले झोलाछाप डॉक्टर को 10 वर्ष कैद की सजा सुनाई गई है। अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट (POCSO Act) पंकज श्रीवास्तव की अदालत ने मंगलवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए दोषी पाकर झोलाछाप डॉक्टर सुनील बैसवार को 10 वर्ष की कैद और 55 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना अदा न करने की दशा में एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी पड़ेगी। जुर्माने की पूरी धनराशि जमा होने के बाद पीड़िता को प्रदान की जाएगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक जुगैल थाना क्षेत्र (Jugail police station area) के एक गांव निवासी व्यक्ति ने 25 फरवरी 2017 को एसपी को प्रार्थना पत्र सौंपा। उसमें आरोप लगाया कि उसकी पत्नी बीमार थी। उसके उपचार के लिए घोरावल थाना क्षेत्र के शिल्पी गांव निवासी झोलाछाप डॉक्टर सुनील बैसवार जो जुगैल थाना क्षेत्र के कुरछा गांव में रहता है, को बुलाया गया था। घर आने पर उसकी नाबालिग बेटी गिलास में पानी लेकर डॉक्टर को देने गई तो वह गलत हरकत करने लगा। उसे जब इसकी जानकारी हुई तो उसने डॉक्टर से नाराजगी जताई तो वह माफी मांगने लगा। उसने भविष्य में ऐसी गलती न करने की बात कही। इसके बाद मामला शांत हो गया।
मौका पाकर डॉक्टर सुनील ने बेटी के पेट पर चाकू रखकर दुष्कर्म किया
इसी बीच एक दिन मौका पाकर वह घर आ गया। उस समय उसकी बेटी घर पर अकेली थी। डॉक्टर सुनील बैसवार ने बेटी से पूछा कि तुम्हारी मम्मी की तबियत कैसी है और कहां पर है। बेटी ने बताया कि मम्मी ठीक है। वह घर पर नहीं है, आप जाइए। इतना सुनते ही डॉक्टर सुनील ने बेटी के पेट पर चाकू सटा दिया, इससे बेटी डर गई और इसका फायदा उठाकर उसने जबरन दुष्कर्म किया। जब वह चीखने-चिल्लाने लगी, तब आवाज सुनकर कई लोग पहुंच गए। यह देख वह चाकू दिखाते हुए वहां से भाग गया।
पॉक्सो एक्ट (POCSO Act) के तहत एफआईआर दर्ज की गई
एसपी के निर्देश के क्रम में एक मार्च 2017 को जुगैल थाने में झोलाछाप डॉक्टर सुनील बैसवार के विरूद्ध दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई। विवेचना के दौरान पर्याप्त सबूत मिलने पर न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की गई। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुना। गवाहों के बयान और पत्रावली का अवलोकन किया। इसके आधार पर दोषसिद्ध पाकर दोषी सुनील को 10 वर्ष की कैद और 55 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी अधिवक्ता दिनेश अग्रहरि और सत्यप्रकाश त्रिपाठी ने पैरवी की।
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