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Sonbhadra Crime News: जीजा को जिंदा जलाने के आरोप में बंद कैदी की मौत, सिर में लगी चोट बना रहस्य

सोनभद्र जनपद के राबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के मधुपुर में जीजा को जिन्दा जलाने के आरोप में बंद कैदी की मौत हो गई।

Kaushlendra Pandey
Published on: 19 July 2021 8:24 AM GMT (Updated on: 19 July 2021 8:25 AM GMT)
In Madhupur of Robertsganj Kotwali area of ​​Sonbhadra district, a prisoner was killed for burning his brother-in-law alive.
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जीजा को जिन्दा जलाने के आरोप में बंद कैदी की मौत: फोटो- सोशल मीडिया

Sonbhadra Crime News: सोनभद्र जनपद के राबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के मधुपुर में दस दिन पूर्व रात में पेट्रोल छिड़ककर जीजा को जिंदा जलाने के आरोपी की रविवार की रात संदिग्ध मौत हो गई। घटना के तीन-चार दिन बाद आरोपी साले को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। रविवार की रात जेल प्रशासन ने उसे बीमारी की हालत में मूर्छित होने की सूचना पुलिस को दी। पुलिस एंबुलेंस से लेकर जिला अस्पताल पहुंची, जहां उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया। मौत का कारण प्रथम दृष्टया सिर में चोट लगना बताया जा रहा है लेकिन यह चोट उसे कब और कैसे लगी? यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। मौत का कारण चोट ही लगना है या कुछ और? इसको लेकर भी डॉक्टरों की राय उलझी हुई है। पूरी तरह की स्थिति स्पष्ट होने के लिए पीएम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।

बताते चलें कि राबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के मधुपुर (बंतरा) में गत 9 जुलाई की रात 1:30 बजे बिल्डिंग मटेरियल दुकान पर सो रहे मधुपुर निवासी सीताराम को पेट्रोल छिड़ककर जला दिया गया था। गंभीर हालत में उन्हें वाराणसी ले जाया गया था जहां उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई थी। वही उन्हें जिंदा जलाने का आरोपी उनका साला बद्री प्रसाद मोर्य निवासी ग्राम सहुआइन का गोला, थाना अहरौरा जनपद मीरजापुर भागते समय चौकी पुलिस के पास बाइक से गिरकर घायल हो गया था।

उपचार के लिए उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां से तीन-चार दिन बाद छुट्टी दे दी गई थी। इसके बाद बद्री को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया था, जहां उसे न्यायिक हिरासत में लेकर गुरमा स्थित जिला कारागार में दाखिल कराया गया था। तब से वह जेल में ही निरुद्ध था। रविवार की देर रात पुलिस को जेल प्रशासन से सूचना मिली कि वह अचानक गिरकर बेहोश हो गया है। इस पर पुलिस ने एंबुलेंस बुलाकर उसे जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।


व्यवसायिक प्रतिद्वंदिता के चलते घटना को दिया गया था अंजाम:

घटना के पीछे व्यवसायिक प्रतिद्वंदिता का मामला सामने आया था। बताया गया था कि कई वर्ष तक सीताराम और बद्री ने साझे में व्यवसाय किया। तीन-चार साल पूर्व लेन-देन को लेकर विवाद हुआ तो दोनों अलग-अलग व्यवसाय शुरू कर दिए लेकिन दोनों में प्रतिद्वंदिता की स्थिति बनी रही। बताते हैं कि इसी मामले को लेकर बद्री ने जीजा सीताराम पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी थी, जिससे उनकी दो दिन बाद मौत हो गई थी। पुलिस द्वारा परिवार वालों से पूछताछ में भी यहीं कहानी सामने आई थी।

गिरफ्तारी के समय जेब से मिले सुसाइड नोट ने उलझाई बद्री के मौत की गुत्थी: जिस वक्त बद्री पुलिस को बाइक से गिरने के बाद घायल अवस्था में मिला था उस समय उसके जेब से पुलिस को एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ था। उसमें उसने जीजा द्वारा बार-बार बेइमान होने का दिए जाने वाले ताने की वजह से तंग आकर घटना किए जाने और बहुत ज्यादा कर्ज होने के कारण खुद के आत्महत्या करने जाने की बात लिखी हुई थी। उस समय तो इस पर किसी ने संजीदगी से ध्यान नहीं दिया लेकिन अब जब बद्री की संदिग्ध मौत हो गई है तो उसके द्वारा जेल में बंदी के दौरान आत्महत्या की कोशिश करने की चर्चा जोर पकड़ने लगी है।

पुलिस ने मेडिकल के साथ कराया था जेल में दाखिला

गुरमा स्थित जिला कारागार के जेलर अनिल कुमार सुधाकर ने सेल फोन पर हुई वार्ता में बताया कि जिस समय मरीज को यहां लाया गया था, उस समय उसकी पूरी स्थिति ठीक नहीं थी। मेडिकल के साथ उसका दाखिला कराया गया था। रविवार की रात उन्हें जानकारी मिली थी वह अपने बैरक में मूर्छित होकर गिरा पड़ा है। तत्काल इसकी सूचना पुलिस को दी गई और उनके जरिए उसे अस्पताल पहुंचाया गया। मौत कैसे हुई? इसके बारे में पुलिस या चिकित्सक ही बता सकते हैं।

पीएम रिपोर्ट ही स्थिति कर पाएगी स्पष्ट: पुलिस: गुरमा चौकी इंचार्ज सतीश सिंह ने बताया कि जैसे ही जेल प्रशासन ने उन्हें बद्री के मूर्छित होकर गिरने की सूचना दी वैसे ही एंबुलेंस बुलाकर उसे अस्पताल पहुंचाया गया। उसकी मौत कैसे और किन कारणों से हुई? जेल में दाखिला से पहले क्या स्थिति थी? यह सारी चीजें पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद ही स्पष्ट कर पाना संभव हो पाएगा। फिलहाल वह जिला अस्पताल में ही बने हुए हैं और शव का पोस्टमार्टम करवा रहे हैं।

Shashi kant gautam

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