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Sonbhadra: चोरी की तहरीर में कटिंग कर एक माह बढ़ा दी तिथि, SO सहित 3 की फंसी गर्दन
Sonbhadra: जुगैल थाना क्षेत्र में मार्च 2020 में हुई चोरी के एक मामले में घटना के एक माह बाद दर्ज किए गए मुकदमे में, कटिंग कर तहरीर की तिथि ही बदल दी गई।
Sonbhadra: जुगैल थाना क्षेत्र (Jugail police station area) में मार्च 2020 में हुई चोरी के एक मामले में घटना के एक माह बाद दर्ज किए गए मुकदमे में, कटिंग कर तहरीर की तिथि ही बदल दी गई। यह खुलासा तब सामने आया, जब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission) की तरफ से दिए गए निर्देश पर सीबीसीआईडी (CBCID) की तरफ से मामले की विवेचना की गई। सामने आए खुलासे के बाद, जहां सीबीसीआईडी के निरीक्षक अशोक चंद्र दूबे (CBCID Inspector Ashok Chandra Dubey) की तरफ से जुगैल के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक विनोद सिंह, विवेचक एवं उपनिरीक्षक रामदेव यादव और आरक्षी ज्ञानंदा प्रसाद प्रज्ञा के खिलाफ धारा 166/218 आईपीसी के तहत मामला दर्ज करने के लिए तहरीर दी गई है। वहीं सीबीसीआईडी के अपर पुलिस अधीक्षक डा. कृष्णगोपाल के पत्र पर एसपी डा. यशवीर सिंह की तरफ से प्रभारी निरीक्षक जुगैल को नियमानुसार मामला दर्ज कर गहनता से विवेचना कराए जाने का निर्देश दिया गया है। इसके क्रम में जुगैल पुलिस की तरफ से भी मामला दर्ज करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
यह है पूरा घटनाक्रम
कथित चोरी के प्रकरण में गिरफ्तार किए गए भरहरी निवासी सुनील कुमार विश्वकर्मा के पिता सपेत लाल विश्वकर्मा ने वर्ष 2020 में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को शिकायत भेजी, जिस पर आयोग में केस दर्ज कर शासन को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया। संयुक्त सचिव गृह मानवाधिकार ने सीबीसीआईडी के एसपी को जांच के निर्देश दिए। एसपी के निर्देश पर वाराणसी शाखा में तैनात तत्कालीन सीओ सुनीता सिंह ने, जुगैल थाने में धारा 380, 457, 3/25 आर्म्स एक्ट के तहत दर्ज मामला और उत्तर प्रदेश गुंडा नियंत्रण अधिनियम के तहत की गई कार्रवाई की जांच की।
यहां पकड़ी गई गड़बड़ी
जांच में पाया गया कि मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी और सामान की बरामदगी पांच अप्रैल 2020 को की गई और दर्ज मामले में चार्जशीट 9 मई को प्रेषित कर दी गई। वहीं, चोरी की घटना चार मार्च को होने और उसी दिन पीड़ित सत्यप्रकाश सिंह द्वारा घटना की लिखित सूचना देने के बावजूद तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक जुगैल विनोद सिंह, आरक्षी ज्ञानंदा प्रसाद प्रज्ञा द्वारा एक माह विलंब से चार अप्रैल को मुकदमा दर्ज किया गया। आरोप है कि इसके लिए वादी की तहरीर में दर्ज 04.03.2020 की तिथि में तीन को कटिंग और ओवरराइटिंग कर 04 बना दिया गया।
विवेचक रामप्रसाद यादव ने भी जानबूझकर इस कटिंग-ओवरराइटिंग की विवेचना नहीं की। सीबीसीआईडी ने इसे आपराधिक कृत्य माना और मामला दर्ज करने के लिए तहरीर जिले के एसपी डा. यशवीर सिंह के यहां प्रस्तुत कर दी। उधर, सेलफोन पर प्रभारी निरीक्षक जुगैल जितेंद्र कुमार चौधरी ने बताया कि मिले निर्देश के क्रम में मामला दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है।