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सावधान! समझबूझ कर इंस्टाल करें Software, वरना लग सकता है चूना
मामले की जांच के लिए कंपनी ने साइबर एक्सपर्ट से संपर्क किया। जब जांच शुरू की गई तो पता चला कि कंपनी ने हैकर से बचाने के लिए उपाय किए थे। इससे जनरल अटैक से हैक कर डाटा चुराने की संभावना नहीं थी।
लखनऊ: नेट पर सर्च करने के दौरान फायदे का लॉलीपाप देने वाले किसी सॉफ्टवेयर को बिना जाने समझे अपने कंप्यूटर में इंस्टाल करना बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। इतना ही नही ये सॉफ्टवेयर चोरी-छुपे आपके लैपटॉप से जुड़ी जानकारियां अपने बेस सर्वर तक भेज देते हैं। इसके बाद आपको जोर का झटका लगेगा और फायदे का दांव उलटा पड़ जाएगा। ये जानकारी रेडियो मुख्यालय में आयोजित दो दिवसीय साइबर क्राइम कार्यशाला में साइबर एक्सपर्ट अनुज अग्रवाल ने दी।
साइबर एक्सपर्ट ने क्या कहा
-मुंबई के एक फार्मास्यूटिकल कंपनी द्वारा अपने क्लाइंट को यूएस में एक मेल भेजा।
-इसमे एक बैंक की डिटेल देकर उसमें पैसे जमा करने के लिए कहा।
-काफी समय तक पैसा नहीं आया तो कंपनी के अकाउंटेंट ने अपने क्लाइंट से पैसे जमा करने के लिए कहा।
-क्लाइंट ने दो दिन पहले ही पैसा जमा करने की बात कही और डिपाजिट की डिटेल भेजी।
-एकाउंटेंट ने बताया कि गलत एकाउंट में पैसा भेज दिया है।
-क्लाइंट ने जब कंपनी द्वारा भेजी गई मेल को देखा तो सभी भौचक्के रह गए।
-मेल को हैक कर किसी ने डिटेल बदल दी थी और पैसे अपने खाते मेें जमा करवा लिए थे।
साइबर एक्सपर्ट ने की जांच
-मामले की जांच के लिए कंपनी ने साइबर एक्सपर्ट से संपर्क किया।
-जब जांच शुरू की गई तो पता चला कि कंपनी ने हैकर से बचाने के लिए उपाय किए थे।
-इससे जनरल अटैक से हैक कर डाटा चुराने की संभावना नहीं थी।
-जांच में सामने आया कि एकाउंटेंट अपने ग्रैंडसन के लिए पॉएम डाउनलोड कर रहे थे।
-इसी दौरान ZEAS नामक एक मालवेयर उनके मोबाइल में इंस्टाल हो गया।
-इस पर उन्होंने ध्यान नही दिया, लेकिन ये मालवेयर कम्प्यूटर में पड़ा रहा।
-इस दौरान जब भी कम्प्यूटर नेट से कनेक्ट होता तो उसकी सारी डिटेल अपने चीन स्थित बेस सर्वर तक पहुंच जाती।
इस खास मालवेयर की खासियत
-जब भी कोई 3, 04, 12, 14, 16 डिजिट का नुमेरिक टेक्स्ट आते ही वो अपने सर्वर पर अलर्ट भेज देता ।
-इसी तरह का एक मेल जब कम्पनी ने यूएस के अपने एक क्लाइंट से मेल कर बैंक डिटेल दी।
-तो उसे बीच में ही बदल दिया गया, जिससे कम्पनी को करोड़ों का चूना लग गया ।
-एक्सपर्ट की माने तो फ्री में आने वाले सोफ्टवेयर धोखा हो सकते हैं इन्हें इंस्टाल करने के पहले जांच परख लें।