TRENDING TAGS :
सफलता : यूपी में TET परीक्षा में नकल का ठेका लेने वाले 2 गिरफ्तार
लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने इलाहाबाद पुलिस के साथ मिलकर अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का इस्तेमाल कर फर्जीवाड़ा करने वाले नकल माफिया गिरोह का पर्दाफाश करते हुए दो सदस्यों को गिरफ्तार किया।
यूपी एसटीएफ के एडिशनल एसपी त्रिवेणी सिंह ने शनिवार को बताया कि 15 अक्टूबर को टीईटी की ऑफलाइन भर्ती परीक्षा है। कई दिनों से सूचना मिल रही थी कि नकल माफिया कई जनपदों में सक्रिय हैं।
उन्होंने कहा कि इस बीच सर्विलांस और मुखबिर से खबर मिली कि नकल माफिया इलाहाबाद में सक्रिय हैं। शुक्रवार को टीम ने जॉर्ज टाउन थाना क्षेत्र में दबिश दी और इलाहाबाद पुलिस की मदद से गिरोह के दो सदस्यों- संदीप पटेल और शिवजी पटेल को हासिमपुर चौराहे से गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से 3 मोबाइल, 31 इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, 25 स्टीकर, 28 ब्लूटूथ डिवाइस, 7 सिमकार्ड और 9,670 रुपये बरामद हुए हैं। हालांकि दो सदस्य फरार हो गए।
सिंह ने कहा कि डिवाइस की सप्लाई करने वाला गैंग दिल्ली का है, जिसके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।
एएसपी ने बताया कि पूछताछ में उन्हें पता चला कि फरार सदस्यों में गिरोह का सरगना सुरेंद्र पाल और के.एल. पटेल हैं। वांछित के.एल. पटेल व्यापम घोटाले में भी जेल जा चुका है। जमानत पर छूटने के बाद वह ऑनलाइन और ऑफलाइन परीक्षा में नकल करवाता है।
उन्होंने कहा कि फरार आरोपियों के पकड़े जाने के बाद ही पता चल पाएगा कि प्रदेश के किस परीक्षा केंद्र में उनकी 'सेटिंग' थी, जहां से वे पेपर आउट कराकर सॉल्वर की मदद से नकल कराते थे। गिरफ्तार आरोपियों ने नकल कराने के लिए लोगों से दो-दो लाख रुपये का ठेका लिया था।
एएसपी ने बताया कि नकल माफियाओं ने दिल्ली से बगिंग डिवाइस मंगाई थी, जिसकी मदद से वे नकल कराते हैं। परीक्षा केंद्र में जाने वाले किसी अभ्यर्थी को वे एक ब्लूटूथ डिवाइस और एक बगिंग डिवाइस दे देते हैं। ब्लूटूथ डिवाइस इतना छोटा है कि उसे कान के अंदर लगाया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि बगिंग डिवाइस क्रेडिट कार्ड जैसा होता है, जिसमें मोबाइल सिम लगा रहता है। उसे नकलची अभ्यर्थी पर्स में रख लेता है। जैसे ही नकल माफिया को किसी केंद्र से पेपर मिलता, वे उसे बाहर सॉल्वर से सॉल्व कराते और कॉल करके हर अभ्यार्थी को जवाब बता देते थे।