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विवेक तिवारी हत्याकांड: आरोपी सिपाही का समर्थन पड़ा सिपाहियों पर भारी, तीन कोतवाल भी हटे
लखनऊ: पुलिसिया गुंडई का शिकार हुए एपल के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी की हत्या के आरोपी दो सिपाहियों प्रशांत चौधरी और संदीप कुमार के खिलाफ हुई कार्रवाई से असंतुष्ट कुछ सिपाहियों ने प्रदेश में डीजीपी ओपी सिंह की अपील और निर्देशों को ताक पर रखकर एकजुटता का प्रदर्शन किया। लखनऊ के साथ साथ वाराणसी, मिर्जापुर, अमेठी, सीतापुर और प्रतापगढ़ सहित कई जिलों में असंतुष्ट सिपाही तयशुदा कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को जगह-जगह काला फीता बांध कर विरोध प्रदर्शन करते दिखे। सिपाहियों ने काली पट्टी बांधकर फोटो वायरल की, इसके बाद प्रशासन की नींद टूटी। आनन फानन में राजधानी के तीन कोतवालों को कुर्सी से हटाया गया और सिपाहियों पर सस्पेंशन की कार्यवाही की गई।
लखनऊ के इन थानों की तस्वीर हुई वायरल
राजधानी लखनऊ में ही यह प्रदर्शन अलीगंज, गुडंबा व नाका थाने में हुआ। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होता रहा। विरोध प्रदर्शन सुबह से ही शुरू हो गया था।
इस बाबत अपर पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था आनंद कुमार ने बताया कि अनुशासनहीनता करने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ जांच व कार्रवाई शुरू कर दी गई है। जिलों से ऐसे पुलिस कर्मियों के बारे में सूचना मंगाई गई है।
जांच में दोषी पाए जाने पर ऐसे पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। डीआईजी कानून-व्यवस्था प्रवीण कुनार ने बताया कि अनुशासनहीनता करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की गई है। उन्होंने बताया कि गुडंबा में तैनात सिपाही जितेंद्र कुमार वर्मा, अलीगंज में तैनात सुमित कुमार व नाका में तैनात गौरव चौधरी को निलंबित कर दिया गया है।
एसएसपी ने दिए विभागीय जांच के आदेश
लखनऊ के एसएसपी कलानिधि ने इनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी दिए हैं। जबकि अलीगंज के थाना प्रभारी अजय कुमार यादव, गुडंबा के प्रभारी धर्मेश कुमार व नाका कोतवाली के प्रभारी परशुराम सिंह को हटा दिया गया है।
वहीं, सोशल मीडिया पर डीजीपी को चुनौती देने वाले एटा के सिपाही सर्वेश चौधरी को निलंबित कर उसके खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू की जा चुकी है। बताया गया कि मिर्जापुर व वाराणसी में विरोध प्रदर्शन करने वालों को चिह्नित करा गया है।
दोनों स्थानों पर दो बर्खास्त पुलिसकर्मियों अविनाश व बृजेंद्र के नाम सामने आए हैं। दोनों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं। बताया जा रहा है कि इन दोनों ने शनिवार को इलाहाबाद में बैठक करने का कार्यक्रम तय किया था।
इसमें खुद को पुलिस वेलफेयर असोसिएशन का राष्ट्रीय अध्यक्ष बताने वाले बृजेंद्र ने सोशल मीडिया के जरिए सिपाहियों पर दर्ज मुकदमा वापस लेने और विरोध में अराजपत्रित पुलिसकर्मियों से 11 अक्टूबर को मेस का बहिष्कार एवं भूख हड़ताल करने की अपील की थी। उसे शुक्रवार को वाराणसी के कैंट थाना क्षेत्र से गिरफ्तार करा गया।
फेसबुक को बनाया हथियार
वहीं अमेठी में जामो थाने के इंस्पेक्टर ने फेसबुक पर विवादित टिप्पणी कर दी। बताया गया कि इस थाना प्रभारी ने अपनी टिप्पणी में डिप्टी सीएम व कानून मंत्री तक को नसीहत दे दी। अमेठी के एसपी ने इसकी जांच के आदेश दिए हैं। ऐसे ही सीतापुर जिले में सिपाहियों द्वारा तंबौर थाना क्षेत्र में काला फीता बांध कर प्रदर्शन करेजाने की सूचना है।
सीएम ने जताई नाराजगी
इस मामले की जानकारी होने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नें मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय, प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार, डीजीपी ओम प्रकाश सिंह, एडीजी कानून-व्यवस्था आनंद कुमार व एडीजी लखनऊ जोन राजीव कृष्ण को तलब कर लिया। सीएम ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए हालात पर त्वरित नियंत्रण करे जाने के निर्देश दिए। सीएम की नाराजगी के बाद डीजीपी मुख्यालय में बैठक हुई। इसमें तय हुआ कि सभी जिलों के प्रभारियों को वहां तैनात अन्य राजपत्रित अफसरों के साथ वहां के पुलिस कर्मियों के साथ संवाद स्थापित कर स्थिति को सामान्य बनाया जाए। वार्ता का यह क्रम क्षेत्राधिकारियों से शुरू होगा। जो सीनियर अफसरों तक जारी रहेगा।