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Lucknow Shiva Temples: लखनऊ में स्थित ये शिव मंदिर हैं बेहद चमत्कारी, भक्तों की जुड़ी है गहरी आस्था
Shiva Temples In Lucknow: नवाबों के शहर लखनऊ में कई प्रसिद्ध भगवान शिव के मंदिर हैं। शिव भक्त देश के अलग-अलग कोने से इन शिव मंदिरों (Shiv Mandir) में आते हैं।
Lucknow Shiv Temples: नवाबों का शहर कहलाने वाला लखनऊ शहर (Lucknow) पूरे विश्व में अपने अदबगी और ऐतिहासिक इमारतों के साथ अपने बेहतरीन जायकों के लिए भी प्रसिद्ध है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि लखनऊ में मौजूद कई धार्मिक स्थल भी अपने चमत्कारी रूप और गहरी आस्था के कारण लोगों के आस्था का बड़ा केंद्र माने जाते हैं। यहाँ मौजूद भगवान् शिव के कई मंदिर (Lord Shiva Temple) अपने चमत्कारी रूप और मान्यताओं के कारण भक्तों के लिए सदैव गहरी आस्था और भक्ति की पवित्र जगह माने जाते हैं।
बता दें कि वहीं नवाबों के शहर लखनऊ (Lucknow) में स्थित शिवालय के दर्शन के लिए भक्त देश के अलग-अलग कोने से इन शिव मंदिरों (Shiv Mandir) में आते हैं। गौरतलब है कि कोई भी खास दिन हो या शिवरात्री (Shivratri) का पावन अवसर इन सभी दिन इन मंदिरों में शिव भक्तों की लम्बी कतार लगी रहती है।
कहते हैं भगवान् शिव बेहद ही भोले हैं। जो भी भक्त सच्ची श्रद्धा और मन से इनकी पूजा करता है शिवशंभू बहुत जल्दी अपने भक्तों से प्रसन्न हो जाते हैं। यहाँ तक कि उन्हें प्रसन्न करने के लिए किसी विशेष आयोजन की जरुरत भी नहीं पड़ती है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार कोई भी भक्त अगर सच्चे मन से सोमवार के दिन भगवान शिव की आराधना करें तो भगवान् शिव उसकी हर मनोकामना की पूर्ति जरूर करते हैं।
तो आईये जानते हैं लखनऊ के लोकप्रिय और चमत्कारी शिव मंदिर
मनकामेश्वर मंदिर
बता दें कि लखनऊ के गोमती नदी के ही किनारे पर बायीं तरफ मनकामेश्वर महादेव के मंदिर की स्थापना की गई है। इस मंदिर के बारे मान्यता है कि प्राचीन समय में राजा हिरण्यधनु ने जब अपने दुश्मन पर विजय प्राप्त की तो उसी की खुशी में उन्होंने 'मनकामेश्वर मंदिर' की स्थापना की थी। गौरतलब है कि इस मंदिर के शिखर पर 33 स्वर्ण कलश स्थापित किए गए हैं। कहा जाता है कि यहाँ आने वाले भक्त सच्चे मन से अगर महादेव से कुछ मन्नत मांगे तो वो जरूर पूरी होती है।
श्री कोनेश्वर महादेव
बता दें कि प्राचीन काल में कुड़िया घाट पर कभी कौण्डिन्य ऋषि का आश्रम हुआ करता था। वहींसे कुछ दूरी पर कोण्डिन्येश्वर महादेव मंदिर स्थित है, आमतौर पर इसे कोनेश्वर शिवाला भी कहते हैं। मान्यताओं के अनुसार कोणेश्वर को लंकापति रावण का ईष्ट देवता भी माना जाता है। कहा जाता है कि वीरवर लक्ष्मण ने दशानन से प्राप्त तीन उपदेशों के साथ शिव की यह उपासना पद्धति भी यही पायी थी।
बुद्धेश्वर महादेव
लखनऊ के मोहान मार्ग के इस मंदिर का शिवलिंग गुप्तकालीन में ही प्रमाणित किया जाता है। हालाँकि इस पुराने मंदिर का अब पूरी तरह जीर्णोद्धार हो चुका है। बता दें कि इस मंदिर के पीछे एक सरोवर भी है, जो इस तीर्थ स्थान की महिमा का प्रतीक माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार लक्ष्मण ने इसी जलाशय में स्नान किया था।
बड़ा शिवाला
लखनऊ के रानी कटरा स्थित बड़ा शिवाला में स्थित सहस्त्र लिंग प्रतिमा सम्पूर्ण भारत में एकमात्र यही पर है । उल्लेखनीय है कि कश्मीरी लोगों द्वारा निर्मित किए जाने के कारण इस मंदिर के प्रांगण में आपको 'संकटा देवी', जो कि कश्मीरियों की आराध्य देवी हैं, उनकी भी एक प्रतिमा दिखेगी और ठाकुर द्वारे में शिव-पार्वती की प्रतिमा स्थापित की गई है। मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर का निर्माण 9वीं सदी से पहले ही किया गया है।
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