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बांग्लादेश का दावा: व्यक्ति आय में भारत को पीछे छोड़ा, विशेषज्ञों ने कहा ये अस्थाई प्रगति है

भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश (Bangladesh) ने वित्त वर्ष 2020-21 में अपने देश की प्रति व्यक्ति आय 2227 डालर दिखाई है।

Raj Kumar Singh
Written By Raj Kumar SinghPublished By Ashiki
Published on: 22 May 2021 8:23 AM GMT (Updated on: 25 May 2021 10:28 AM GMT)
Per Capita Income
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प्रतीकात्मक तस्वीर (सौ. सोशल मीडिया )

लखनऊ: अर्थव्यवस्था (Economy) को लेकर भारत (India) को एक औऱ झटका लगा है। भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश (Bangladesh) ने वित्त वर्ष 2020-21 (FY 2020-21) में अपने देश की प्रति व्यक्ति आय (Per Capita Income) 2227 डालर दिखाई है। ये पिछले वित्त वर्ष की अपेक्षा 9 फीसदी ज्यादा है। पिछले साल बांग्लादेश की प्रति व्यक्ति आय 2064 डालर थी। उधर ताजे आंकड़ों के अनुसार भारत की प्रति व्यक्ति आय 1947.417 डालर है। कोरोना (coronavirus) और उसके बाद लगे लाकडाउन (Lockdown) से भारत की अर्थव्यवस्था (Economy of India) को काफी नुकसान हुआ है।

अक्टूबर 2020 में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund) ने भी ये अनुमान लगाया था कि प्रति व्यक्ति आय के मामले में बांग्लादेश भारत को पीछे छोड़ देगा। हालांकि जब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने विश्व आर्थिक आउटलुक डाटा रिलीज किया था तब भारत के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने कहा था कि भारत और बांग्लादेश के आर्थिक मामलों में तुलना करना सही नहीं है।

बांग्लादेश के प्लानिंग मंत्री एमए मन्नान ने प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ हुई एक वर्चुअल बैठक में ये घोषणा की। मन्नान ने कहा कि उनके देश ने प्रति व्यक्ति आय में काफी अच्छी प्रगति की है और उन्होंने पड़ोसी देश भारत को पीछे छोड़ दिया है।

उधर आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह एक अस्थाई प्रगति है। कोविड काल (corona pandemic) में बांग्लादेश ने श्रम आधारित उत्पादों का काफी निर्यात किया जिसके चलते आंकड़ों में सुधार दिख रहा है। कोरोना के बाद हालात सुधरने पर भारत फिर से आगे बढ़ जाएगा।

कई और कारण भी हैं बांग्लादेश के आगे निकलने के-

  • उल्लेखनीय है कि 2007 में बांग्लादेश की प्रति व्यक्ति आय भारत से आधी थी।
  • 2007 से 2010 के बीच दुनिया में आई मंदी का भारत पर ज्यादा असर हुआ, बांग्लादेश पर कम।
  • बांग्लादेश में श्रम आधारित कार्य अधिक होने से अर्थव्यवस्था संभली रही।
  • बांग्लादेश में महिला श्रम का बड़े पैमाने पर अर्थव्यवस्था में योगदान रहा है।
  • बांग्लादेश में महिला श्रम की दर 37 फीसदी है जबकि भारत में 21 फीसदी।

अन्य मानकों पर भी आगे-

सिर्फ प्रति व्यक्ति आय़ ही नहीं कई अन्य मानकों पर भी बांग्लादेश ने भारत को पीछे किया है। ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत 102 नंबर है जबकि बांग्लादेश 88 वें स्थान पर। जीवन प्रत्याशा दर भारत में 69 वर्ष है जबकि बांग्लादेश में 72 वर्ष।

पाकिस्तान से अलग होने के बाद कई साल गरीबी में रहा

गौरतलब है कि बांग्लादेश 1971 में जान पाकिस्तान (Pakistan) से अलग होकर स्वतंत्र देश बना तो उसकी गिनती दुनिया के गरीब देशों में होती थी। बांग्लादेश का जनघनत्व भी भारत की तुलना में ज्यादा है। प्राकृतिक आपदाओं से भी बांग्लादेश काफी परेशान रहा है, लेकिन इन सब चुनौतियों के बावजूद बांग्लादेश आगे बढ़ता गया और अब भारत से कई मामलों में आगे निकलता दिख रहा है।

1974 में भयानक अकाल के बाद 16.6 करोड़ से ज्यादा की आबादी वाला बांग्लादेश खाद्य उत्पादन के मामले में अब आत्मनिर्भर बन चुका है। विश्व बैंक की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, प्रतिदिन 1.25 डॉलर में अपना जीवन चलाने वाले लोग 2019 में 9 फीसदी ही रह गए थे। हालांकि बांग्लादेश में अब भी बड़ी संख्या में लोग गरीबी में जीवन बसर कर रहे हैं।

मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में भी बांग्लादेश तेजी से आगे बढ़ रहा है। मालूम हो कि कपड़ा उद्योग मामले में बांग्लादेश विश्व में चीन के बाद दूसरे नंबर पर है। हाल के एक दशक में बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था औसत 6 प्रतिशत की वार्षिक दर से आगे बढ़ी है। साल 2018 जून महीने में यह वृद्धि दर 7.86 फीसदी तक पहुंच गई थी।

पाकिस्तान से अलग होने से पहले बांग्लादेश (पूर्वी पाकिस्तान) वहां का सबसे गरीब क्षेत्र हुआ करता था। 1971 में आजादी के बाद भी बांग्लादेश भीषण गरीबी में रहा। हालांकि, साल 2006 के बाद से बांग्लादेश की तकदीर बदलने लगी और विकास की रेस में पाकिस्तान से आगे निकल गया।

सीनियर पत्रकार (journalist) - Rajkumar singh

Ashiki

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