×

आरटीई के तहत सभी पात्र बच्चों को एडमिशन देगा सी.एम.एस.

शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई अधिनियम) - 2009 के तहत सिटी माॅन्टेसरी स्कूल (सी.एम.एस.) में एडमिशन के लिए भेजे गए बच्चों के संबंध में 8 अगस्त को डीएम लखनऊ और सी.एम.एस. प्रबंधतंत्र के बीच विशेष रूप से 2 मुद्दो पर मीटिंग की गई।

tiwarishalini
Published on: 10 Aug 2017 2:08 PM GMT
आरटीई के तहत सभी पात्र बच्चों को एडमिशन देगा सी.एम.एस.
X
आरटीई के तहत सभी पात्र बच्चों को एडमिशन देगा सी.एम.एस.

लखनऊ: शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई अधिनियम) - 2009 के तहत सिटी माॅन्टेसरी स्कूल (सी.एम.एस.) में एडमिशन के लिए भेजे गए बच्चों के संबंध में 8 अगस्त को डीएम लखनऊ और सी.एम.एस. प्रबंधतंत्र के बीच विशेष रूप से 2 मुद्दो पर मीटिंग की गई।

इस मीटिंग में आरटीई अधिनियम 2009 के तहत सी.एम.एस. में पिछले साल चयनित 15 बच्चों और इस साल चयनित 296 बच्चों का मुद्दा विशेष रूप से शामिल रहा।

पिछले साल बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा 15 बच्चों को सिटी माॅन्टेसरी स्कूल में एडमिशन के लिए भेजा गया था। इन बच्चों की पात्रता को हाईकोर्ट में दी गई चुनौती के बाद कोर्ट के आदेश पर डीएम लखनऊ द्वारा कमेटी बनाई गई।

यह भी पढ़ें .... RTE के तहत नियुक्त किए गए टीचर्स 2019 तक कर लें B.Ed : केंद्र सरकार

कमेटी द्वारा दी गई रिपोर्ट के आधार पर डीएम ने सी.एम.एस. को 3 जुलाई 2017 को लिखे पत्र में यह स्वीकार किया कि इन 15 बच्चों में से 11 बच्चे आरटीई अधिनियम 2009 के अंतर्गत निर्धारित पात्रता की शर्तों को पूरा नहीं करते हैं। जबकि शेष 4 बच्चों को पात्र बताया गया, जिनकी पात्रता अभी भी कोर्ट में विचाराधीन है।

सी.एम.एस. प्रबंधतंत्र ने डीएम को यह लिखित में दिया कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 की पात्रता की 1 या 1 से अधिक शर्तों को पूरा न करने के कारण ही सी.एम.एस. द्वारा अभी तक इन बच्चों का एडमिशन स्कूल में नहीं लिया गया है।

सी.एम.एस. ने डीएम को दिए गए विवरण में यह स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है कि कौन सा बच्चा पात्रता की किन शर्तों को पूरा न करने के लिए अपात्र माना गया है। सी.एम.एस. ने इस संबंध में एक पत्र बेसिक शिक्षा अधिकारी और बेसिक शिक्षा निदेशक को भी भेजकर वस्तुस्थिति से अवगत कराया है।

डीएम ने सी.एम.एस. प्रबंधतंत्र को यह आश्वासन दिया है कि वे सी.एम.एस. द्वारा उठाए गए बिदुओं की जांच करेंगे और नियमानुसार निर्णय लेंगे।

यह भी पढ़ें .... CMS-नवयुग रेडियंस की NOC होगी रद्द, RTE के तहत नहीं दिए एडमिशन

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश शिक्षा के अधिकार अधिनियम नियमावली 2011 में वर्णित है कि यदि किसी भी स्तर पर स्कूल द्वारा तथ्यों को छिपाकर अथवा मिथ्या दावे के आधार पर प्रतिपूर्ति की अपेक्षा करके उसे प्राप्त किया गया पाया जाता है तो उसे स्कूल की मान्यता वापस लेने की कार्यवाही और भारतीय दण्ड संहिता की सुसंगत धाराओं के अधीन कार्यवाही सहित इस प्रकार प्राप्त की गई धनराशि की दोगुनी धनराशि सरकारी राजकोष में जमा करनी होगी।

यह धनराशि कलेक्टर द्वारा भूमि राजस्व की बकाया धनराशि के रूप में वसूली जाएगी। इसलिए यह जरूरी हो जाता है कि सिटी माॅन्टेसरी स्कूल अपने यहां एडमिशन हेतु भेजे गए इन सभी बच्चों की पात्रता की जांच अवश्य करे। यह इसलिए भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि अभी हाल ही में एक समाचार पत्र ने यह प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया था कि कुछ लोग पैसा लेकर अपात्र बच्चों का प्रवेश शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत करा रहे हैं।

tiwarishalini

tiwarishalini

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

Next Story