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PCS कैंडिडेट्स 'आंसर की' पर कर सकते है ऑब्जेक्शन, 24 Nov तक मौका
सडीएम, डिप्टी एसपी सहित प्रदेश सरकार में अधिकारी बनने का सपना देख रहे पीसीएस कैंडिडेट्स के लिए जरूरी खबर है। पीसीएस का एग्जाम कराने वाले उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPSC) ने इस बार परीक्षा में शामिल हुए छात्रों से प्रश्नपत्र के उत्तरों पर आपत्तियां मांगी हैं। आयोग ने अपनी ओर से इस बार हुए पेपर की आंसर की जारी कर दी है। इस 'आंसर की' को कैंडीडेट 18 नवंबर से 23 नवंबर तक आयोग की ही वेबसाइट पर देख सकते हैं।
लखनऊ: एसडीएम, डिप्टी एसपी सहित प्रदेश सरकार में अधिकारी बनने का सपना देख रहे पीसीएस कैंडिडेट्स के लिए जरूरी खबर है। पीसीएस का एग्जाम कराने वाले उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPSC) ने इस बार परीक्षा में शामिल हुए छात्रों से प्रश्नपत्र के उत्तरों पर आपत्तियां मांगी हैं। आयोग ने अपनी ओर से इस बार हुए पेपर की आंसर की जारी कर दी है। इस 'आंसर की' को कैंडीडेट 18 नवंबर से 23 नवंबर तक आयोग की ही वेबसाइट पर देख सकते हैं।
अगर किसी उम्मीदवार को इस 'आंसर की' में कोई गड़बड़ी लगती है तो वह एक निश्चित फार्मेट पर आयोग को अपना ऑब्जेक्शन भेज सकते हैं। 24 नवंबर के बाद किसी भी कैंडिडेट्स के आब्जेक्शन को नहीं माना जाएगा और न ही उन्हें आगे इसके लिए कोई क्लेम करने का मौका मिलेगा।
10 प्वाइंटर है फार्मेट
आयोग की एग्जामिनेशन कंट्रोलर अंजू कटियार के मुताबिक अगर कोई कैंडीडेट आंसर की से संतुष्ट नहीं है तो उसे आयोग द्वारा जारी एक 10 प्वाइंटर फार्मेट को भरकर देना होगा। तभी उसके आब्जेक्शन को सही माना जाएगा। इसमें उसे अपना नाम, रोल नंबर, एग्जाम का नाम, पेपर का नाम, क्वैश्चन बुकलेट का सीरियल नंबर भरकर देना होगा। इसके साथ ही उसे जिस प्रश्न के उत्तर पर आपत्ति हो उसकी संख्या, आयोग का आंसर, कैंडीडेट का आंसर और अपने आंसर से संबंधित साक्ष्य देने होंगे। यह सब कैंडीडेट को 24 नवंबर तक हर हाल में आयोग को बंद लिफाफे में पहुंचाने होंगे।
गलत प्रश्न पर उठे थे सवाल
यह पहला मौका नहीं है जब आयोग ने कैंडिडेट्स से आपत्तियां मांगी हैं। हर साल यही होता है। पिछले सालों की तरह इस साल भी प्रधानमंत्री की योजनओं से संबंधित प्रश्न पूछने में गलती हुई। इसमें पहले पेपर में सुकन्या समृद्धि योजना, अटल पेंशन योजना, मेक इन इंडिया और प्रधानमंत्री जन धन योजना को समय के अनुसार व्यवस्थित करना था, जिसके सारे आप्शन गलत दिए गए थे। इतना ही नहीं दूसरे पेपर में मैथ, रीजनिंग और इंग्लिश के प्रश्नों के सारे जवाब गलत थे। इस पर बवाल भी मचा था। इसके चलते इस परीक्षा से 6 प्रश्नों को बाहर करना पड़ा। इतना ही नहीं वर्ष 2016 में प्रश्नपत्र के आठ सवालों को लेकर सड़क से लेकर हाईकोर्ट तक संघर्ष हुआ। जिसके चलते वर्ष 2016 का पीसीएस परिणाम ही अब तक लटका हुआ है।
स्पेशलिस्ट पैनल पर उठी उंगली
यूपीपीसीएस की तैयारी कर रहे छात्र धनंजय द्विेदी की मानें तो आयोग प्रश्न बनाने के लिए स्पेशलिस्ट पैनल का गठन करता है। यह पैनल अलग अलग विषयों के एक्सपर्ट का होता है। यही पैनल परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्न तैयार करता है।ऐसे में अगर प्रश्न गलत हो रहे हैं और लगातार यही हो रहा है तो कहीं न कहीं ये स्पेशलिस्ट पैनल भी इस बात के लिए जिम्मेदार है।