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Exit Poll UP 2022: योगी आदित्यनाथ बनते हैं मुख्यमंत्री तो लगाएंगे रिकार्डों का अंबार
Exit Poll UP 2022: यूपी में भाजपा की सरकार एक बार फिर बनने जा रही है। अब यदि भाजपा की सरकार प्रदेश में दोबारा गठित होती है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ फिर से प्रदेश की बागडोर संभालते हैं तो यह अपने आप में एक रिकार्ड तो बनेगा ही साथ कई अन्य रिकार्ड भी बन सकते हैं।
Lucknow News: यूपी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election) के परिणाम आने में भले ही अभी दो दिन का वक्त बाकी हों पर एक्जिट पोल (Exit Poll) के नतीजे इस बात के संकेत दे रहे हैं कि प्रदेश में भाजपा की सरकार (BJP Government) एक बार फिर बनने जा रही है। अब यदि भाजपा की सरकार प्रदेश में दोबारा गठित होती है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) फिर से प्रदेश की बागडोर संभालते हैं तो यह अपने आप में एक रिकार्ड तो बनेगा ही साथ कई अन्य रिकार्ड भी बन सकते हैं।
नोएडा का मिथक तोडेंगे योगी आदित्यनाथ
यूपी की राजनीति में हमेशा एक मिथक रहा है कि जो भी मुख्यमंत्री नोएडा दौरे पर आता है तो फिर उसे अगले बार मुख्यमंत्री बनने का मौका नहीं मिलता है। यह अंधविश्वास कांग्रेस के मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह के जमाने से बना हुआ है। यही कारण कि इसके बाद कई मुख्यमंत्रियों ने नोएडा आने से परहेज किया पर योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने अपने कार्यकाल के दौरान नोएडा के कई दौरे किए हैं। अगर वह चुनाव जीतकर फिर से मुख्यमंत्री बनते हैं तो करीब तीन दशक बाद नोएडा (Noida) के जिंक्स को तोड़ने में कामयाब रहेंगे।
भाजपा के पहले मुख्यमंत्री जिन्होंने पूरा किया कार्यकाल
योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) भाजपा (BJP) के पहले मुख्यमंत्री होगें जो 19 मार्च को पूरे पांच साल का कार्यकाल पूरा करने जा रहे हैं। इसके अलावा वह तीसरे मुख्यमंत्री भी बनेंगे जिन्होंने एमएलसी रहते हुए अपना कार्यकाल पूरा किया। इससे पहले अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने 15 मार्च 2012 से 19 मार्च 2017 तक समाजवादी पार्टी सरकार (SP Government) तथा बहुजन समाज पार्टी (BSP) की मायावती (Mayawati) ने 13 मई 2007 से 15 मार्च 2012 तक कार्य किया था।
कई सालों बाद विधानसभा सदस्य बनेगा मुख्यमंत्री
भाजपा नेता एवं गोरखपुर शहर (Gorakhpur city) से चुनाव लड रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) यदि मुख्यमंत्री बनते हैं तो मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) के बाद वह ऐसे मुख्यमंत्री होंगे जो विधानसभा के सदस्य के तौर पर मुख्यमंत्री बनेंगे। योगी लगातार तीसरे ऐसे मुख्यमंत्री भी हैं, जो एमएलसी रहते हुए मुख्यमंत्री बने है। उत्तर प्रदेश के इतिहास में यूपी उनसे पहले समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और मायावती ने विधानपरिषद सदस्य रहते हुए यह करिश्मा दिखाया है। इसके पहले इन दोनो ही नेताओं ने अपना कार्यकाल पूरा करने का काम किया है।
नारायण दत्त तिवारी के बाद लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री
यूपी की राजनीति में उठापटक के चलते टकराव के बीच कभी कोई भी मुख्यमंत्री दोबारा इस पद पर आसीन नहीं हो सका। यही कारण है कि 1985 में कांग्रेस के नारायण दत्त तिवारी (Narayan Dutt Tiwari) ही ऐसे मुख्यमंत्री हुए जिन्हे लगातार दो बार मुख्यमंत्री बनने का अवसर मिला।
कांग्रेस की सरकारों में आते रहे ऐसे अवसर
कांग्रेस की स्थायी सरकारों के दौर में यह अवसर आते रहे जब चुनावों के बाद उसी मुख्यमंत्री को फिर से यह मौका मिलता रहा। इससे पहले सिर्फ चार मुख्यमंत्री 1957 में संपूर्णानंद, 1962 में चंद्रभानु गुप्ता, 1974 में हेमवती नंदन बहुगुणा और 1985 में नारायण दत्त तिवारी ही विधानसभा चुनाव के बाद फिर से सत्ता में लौटें हैं। योगी आदित्यनाथ पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने अपने पांच साल के कार्यकाल में केन्द्र सरकार की 44 योजनाओं में यूपी को नम्बर एक बनाने का भी काम किया है।
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