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TMC के लिए भारी पड़ सकता है ममता का यह जुमला, मौका भुनाने में जुटी BJP

ममता की ओर से लगाए जा रहे आरोपों से नाराज यह वोट बैंक BJP के पाले में खिसकने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

Shreya
Published on: 2 April 2021 10:39 AM IST (Updated on: 2 April 2021 11:10 AM IST)
TMC के लिए भारी पड़ सकता है ममता का यह जुमला, मौका भुनाने में जुटी BJP
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TMC के लिए भारी पड़ सकता है ममता का यह जुमला, मौका भुनाने में जुटी बीजेपी (फोटो- सोशल मीडिया)

अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की कड़ी चुनौतियों का सामना कर रही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लगातार भाजपा पर यूपी-बिहार के गुंडों को बुलाने का आरोप लगा रही हैं। नंदीग्राम में चुनावी शोर थमने से पहले उन्होंने अपनी हर जनसभा में यूपी और बिहार के लोगों को टारगेट किया है। दरअसल ममता बनर्जी इस पूरी लड़ाई को बंगाली बनाम बाहरी बनाने की कोशिश में जुटी हुई हैं।

टीएमसी को नुकसान पहुंचा सकता है जुमला

सियासी जानकारों का मानना है कि ममता बनर्जी का यूपी-बिहार के गुंडों को बुलाने का जुमला उनके लिए भारी भी पड़ सकता है। दस साल पहले हुई जनगणना के मुताबिक पश्चिम बंगाल में हिंदीभाषी लोगों की आबादी करीब 63 लाख यानी 6.96 फीसदी है।

ममता की ओर से लगातार लगाए जा रहे आरोपों से नाराज यह वोट बैंक भाजपा के पाले में खिसकने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

रोड शो के बाद शाह का बड़ा दावा

पश्चिम बंगाल में इस बार के विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी को कड़े सियासी संघर्ष का सामना करना पड़ रहा है। भाजपा ने ममता बनर्जी की तगड़ी घेरेबंदी कर रखी है और भाजपा के दिग्गज नेता बंगाल में डेरा डाले हुए हैं। नंदीग्राम में चुनाव प्रचार के आखिरी दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जबर्दस्त रोड शो किया।

उनके रोड शो में काफी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी। लोगों की भीड़ देखकर उत्साहित अमित शाह ने दावा किया कि नंदीग्राम के संग्राम में इस बार शुभेंदु अधिकारी ही विजयी होंगे। नंदीग्राम में उन्होंने एक बार फिर पश्चिम बंगाल में 200 से अधिक सीटें जीतने का दावा किया।

(फोटो- ट्विटर)


मिथुन के रोड शो में भी उमड़ी भीड़

अमित शाह के अतिरिक्त सिने अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती भी मंगलवार को सड़कों पर उतरे और भाजपा के समर्थन में रोड शो किया। मिथुन के रोड शो में भी भारी हुजूम उमड़ा। मिथुन ने लोगों से भाजपा प्रत्याशियों को जिताने की अपील की।

यूपी-बिहार के गुंडों का बार-बार जिक्र

भाजपा की चुनौतियों का सामना करने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी कई दिनों तक नंदीग्राम में ही डेरा डाल रखा। हाल के दिनों में उन्होंने अपनी जनसभाओं में भाजपा पर यूपी और बिहार से गुंडे बुलाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि बंगाल के लोगों का समर्थन न मिलने के कारण भाजपा ने यूपी-बिहार से गुंडे बुलाकर चुनाव जीतने की साजिश रची है।

मां, माटी और मानुष की बात करके चुनाव जीतने वाली ममता बनर्जी इस बार खेला होबे का दावा कर रही हैं। भाजपा की ओर से मुस्लिम तुष्टीकरण का सवाल उठाकर ममता की घेराबंदी किए जाने के बाद ममता काफी बौखलाई हुई दिख रही हैं और भाजपा पर निशाना साधने में जुटी हुई हैं।

(फोटो- ट्विटर)

भाजपा को हो सकता है सियासी फायदा

सियासी जानकारों का मानना है कि ममता बनर्जी की ओर से लगातार यूपी-बिहार के गुंडों का जुमला दोहराने से भाजपा को उन सीटों पर फायदा हो सकता है जिन सीटों पर यूपी-बिहार के रहने वाले लोगों की संख्या ज्यादा है।

नंदीग्राम की सभा में ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि मुझ पर हमला नंदीग्राम के किसी व्यक्ति ने नहीं किया बल्कि भाजपा की ओर से यूपी और बिहार से लाए गए गुंडों ने मुझे चोट पहुंचाई है।

उन्होंने महिलाओं से इन लोगों को पीटने का भी आह्वान किया। उन्होंने लोगों से अपील की कि अगर गुंडे मुझको निशाना बनाने की कोशिश करते हैं तो आपके हाथ में जो कुछ भी आए, आप उसे लेकर उन्हें दौड़ा लें।

हिंदी भाषी मतदाताओं की भारी संख्या

ममता बनर्जी कई दिनों से यूपी-बिहार के लोगों का जुमला दोहरा रही हैं। जानकारों का मानना है कि बंगाल के रहने वाले लोगों में बिहार और यूपी से आए हिंदी भाषी लोगों के खिलाफ नाराजगी का भाव दिखता है और ममता बनर्जी इसी भाव को भुनाने में जुटी हुई हैं।

पश्चिम बंगाल में पिछले दशकों के दौरान हिंदी भाषी लोगों की तादाद काफी बढ़ी है। राज्य में 2011 में की गई जनगणना के मुताबिक बंगाल में हिंदीभाषी लोगों की संख्या 63 करोड़ यानी 6.96 फ़ीसदी है। कई जानकारों का कहना है कि पिछले 10 वर्षों के दौरान इनकी संख्या में और भी बढ़ोतरी हुई है।

हिंदी भाषी मतदाताओं की बढ़ी नाराजगी

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि ममता बनर्जी की ओर से यूपी और बिहार का नाम लेकर किए जा रहे लगातार हमलों से हिंदीभाषी लोगों की नाराजगी बढ़ रही है। भारतीय जनता पार्टी को भी लोगों की इस नाराजगी की जानकारी है और वह मौका भुनाने की कोशिश में है जुट गई है।

जानकारों का कहना है कि ममता के हमलों से नाराज हिंदी भाषी मतदाताओं का समर्थन भाजपा के पक्ष में जा सकता है। ऐसी स्थिति में ममता बनर्जी को सियासी नुकसान हो सकता है। भाजपा बंगाल की माटी की महक बनाए रखने के साथ ही हिंदीभाषी मतदाताओं को भी साधने में जुटी हुई है। अब देखने वाली बात यह होगी कि पार्टी को इस काम में कहां तक कामयाबी मिल पाती है।




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