TRENDING TAGS :
Dr. Harsh Vardhan: टिकट कटने के बाद डॉ हर्षवर्धन ने किया राजनीति से संन्यास का ऐलान, बताया आगे का प्लान
Dr. Harsh Vardhan: डॉ हर्षवर्धन ने 2019 के लोकसभा चुनाव में चांदनी चौक लोकसभा सीट से चुनाव जीता था मगर इस बार भाजपा ने इस सीट पर प्रत्याशी बदलने का फैसला किया है। डॉ हर्षवर्धन की जगह इस बार प्रवीण खंडेलवाल को इस लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा गया है। इसके बाद डॉक्टर हर्षवर्धन ने राजनीति को गुड बाय बोल दिया है।
Dr. Harsh Vardhan: लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के कई बड़े नेताओं ने राजनीति से किनारा करने का ऐलान कर दिया है। पहले मशहूर क्रिकेटर गौतम गंभीर और फिर जयंत सिन्हा के बाद अब पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने भी राजनीति को अलविदा कह दिया है।
डॉ हर्षवर्धन राजधानी दिल्ली की चांदनी चौक लोकसभा सीट से सांसद हैं मगर शनिवार को भाजपा की ओर से घोषित सूची में उनका टिकट काट दिया गया था। 2024 के लोकसभा चुनाव में टिकट कटने के बाद अब डॉक्टर हर्षवर्धन ने सोशल मीडिया पर लिखी गई लंबी पोस्ट में राजनीति से किनारा करने के अपने फैसले का ऐलान किया है। अब वे एक बार फिर अपनी क्लीनिक में मरीजों की सेवा करेंगे।
भाजपा ने काट दिया था चांदनी चौक से टिकट
डॉ हर्षवर्धन ने 2019 के लोकसभा चुनाव में चांदनी चौक लोकसभा सीट से चुनाव जीता था मगर इस बार भाजपा ने इस सीट पर प्रत्याशी बदलने का फैसला किया है। डॉ हर्षवर्धन की जगह इस बार प्रवीण खंडेलवाल को इस लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा गया है। इसके बाद डॉक्टर हर्षवर्धन ने राजनीति को गुड बाय बोल दिया है।
भाजपा ने शनिवार को 195 लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नामों का ऐलान किया था। पार्टी ने दिल्ली की सात में से पांच लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है और पार्टी की ओर से इनमें से चार सीटों पर नए चेहरों को मौका दिया गया है। जानकार सूत्रों का कहना है कि टिकट काटे जाने के बाद ही डॉक्टर हर्षवर्धन ने राजनीति से अलग होने का फैसला किया है।
शानदार चुनावी कॅरियर का किया जिक्र
डॉ हर्षवर्धन ने एक्स पर अपनी पोस्ट में लिखा कि तीस साल से अधिक के शानदार चुनावी कॅरियर में मैंने सभी पांच विधानसभा और दो संसदीय चुनाव लड़े, जो मैंने बड़े अंतर से जीते और पार्टी संगठन और राज्य और केंद्र की सरकारों में कई प्रतिष्ठित पदों पर काम किया। अब मैं अपनी जड़ों की ओर वापसी के लिए अनुमति चाहता हूं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने लिखा कि पचास साल पहले जब मैंने गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करने की इच्छा के साथ जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, कानपुर में एमबीबीएस में प्रवेश लिया तो मानव जाति की सेवा ही मेरा आदर्श वाक्य था। दिल से एक स्वयंसेवक बनकर, मैं हमेशा कतार के अंतिम व्यक्ति की सेवा करने की कोशिश करता रहा हूं। इस तरह मैं दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय दर्शन को मानने वाला रहा हूं।
तत्कालीन आरएसएस नेतृत्व के आग्रह पर मैं चुनावी मैदान आया। वे मुझे केवल इसलिए मना सके क्योंकि मेरे लिए राजनीति का मतलब हमारे तीन मुख्य शत्रुओं गरीबी, बीमारी और अज्ञानता से लड़ने का अवसर था।
कोविड महामारी के दौर को किया याद
डॉ हर्षवर्धन ने कोविड महामारी के दौर को भी याद किया है। उसे दौर को याद करते हुए उन्होंने लिखा कि मैंने दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री के साथ-साथ दो बार केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के रूप में कार्य किया, यह विषय मेरे दिल के करीब है। मुझे पहले पोलियो मुक्त भारत बनाने की दिशा में काम करने और फिर उसके पहले और दूसरे चरण के दौरान खतरनाक कोविड-19 से जूझ रहे हमारे लाखों देशवासियों के स्वास्थ्य की देखभाल करने का दुर्लभ अवसर मिला।
मानव जाति के लंबे इतिहास में केवल कुछ ही लोगों को गंभीर समय में अपने लोगों की रक्षा करने का विशेषाधिकार दिया गया है और मैं गर्व से दावा कर सकता हूं कि मैंने जिम्मेदारी से मुंह नहीं मोड़ा, बल्कि इसका स्वागत किया।
पीएम मोदी के नेतृत्व की तारीफ
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लीडरशिप की जी भरकर प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि मुझे यह अवश्य स्वीकार करना चाहिए कि मैं भारत के इतिहास में सबसे गतिशील प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर काम करना एक बड़ा सौभाग्य मानता हूं। देश उनकी फिर से सत्ता में वीरतापूर्ण वापसी की कामना करता है। मैं तंबाकू और मादक द्रव्यों के सेवन के खिलाफ, जलवायु परिवर्तन के खिलाफ और सरल और टिकाऊ जीवन शैली सिखाने के लिए अपना काम जारी रखूंगा। उन सभी के लिए एक बड़ी जयकार, जो उस समय चट्टान की तरह मेरे साथ खड़े रहे, जब मैंने कई चीजें पहली बार हासिल कीं और एक पूर्ण राजनीतिक जीवन जीया।
मेरा क्लीनिक कर रहा मेरा इंतजार
अपनी पोस्ट के अंत में उन्होंने लिखा कि मैं आगे बढ़ता हूं। मैं वास्तव में इंतजार नहीं कर सकता। मुझे वादे निभाने हैं और सोने से पहले मीलों चलना है! मेरा एक सपना है.. और मैं जानता हूं कि आपका आशीर्वाद हमेशा मेरे साथ रहेगा। कृष्णानगर में मेरा ईएनटी क्लीनिक भी मेरी वापसी का इंतजार कर रहा है। डॉ हर्षवर्धन की इस पोस्ट से साफ हो गया है कि वे एक बार फिर अपनी क्लीनिक के जरिए मरीजों की सेवा करेंगे और अब उनका राजनीति में बने रहने का कोई इरादा नहीं है।