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BJP New President: नड्डा की जगह नए चेहरे के लिए करना होगा इंतजार,कार्यकारी अध्यक्ष संभाल सकता है पार्टी की जिम्मेदारी

BJP New President: जानकारों का कहना है कि पार्टी का अध्यक्ष बदलना तो तय है मगर स्थायी अध्यक्ष की जगह अभी कार्यकारी अध्यक्ष से काम चलाया जा सकता है।

Anshuman Tiwari
Published on: 12 Jun 2024 8:04 AM GMT
Social- Media- Photo
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BJP New President: भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा को केंद्रीय मंत्री बनाए जाने के बाद पार्टी के नए अध्यक्ष को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। जानकारों का कहना है कि पार्टी का अध्यक्ष बदलना तो तय है मगर स्थायी अध्यक्ष की जगह अभी कार्यकारी अध्यक्ष से काम चलाया जा सकता है। अध्यक्ष के रूप में नड्डा का कार्यकाल 30 जून को खत्म होने वाला है।

तय नियमों के मुताबिक अध्यक्ष के चुनाव से पहले कम से कम 50 फ़ीसदी राज्यों में पार्टी संगठन का चुनाव पूरा होना जरूरी है। ऐसे में माना जा रहा है कि पार्टी की ओर से पहले सदस्यता अभियान चलाया जाएगा और उसके बाद राज्यों में संगठन के चुनाव कराए जाएंगे। इस कारण नड्डा कार्यकाल थोड़ा बढ़ाया जा सकता है या फिर कार्यकारी अध्यक्ष के जरिए पार्टी की गतिविधियों का संचालन किया जा सकता है।

अध्यक्ष पद की रेस में कई नामों की चर्चा

भाजपा के अध्यक्ष नड्डा के कैबिनेट मंत्री पद की शपथ लेने के साथ ही पार्टी के नए अध्यक्ष को लेकर कयासों का दौर तेज हो गया है। पहले इस पद को लेकर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और भूपेंद्र यादव के नाम सबसे आगे बताए जा रहे थे मगर तीनों को मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री पद की शपथ दिलाई जा चुकी है।


ऐसे में अब पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े, सुनील बंसल और नरेंद्र तोमर का नाम सबसे आगे माना जा रहा है। वैसे हिमाचल प्रदेश की हमीरपुर लोकसभा सीट से पांचवीं बार जीत हासिल करने वाले अनुराग ठाकुर को भी अध्यक्ष पद की रेस में माना जा रहा है। अनुराग ठाकुर पिछली मोदी सरकार में मंत्री थे मगर इस बार उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया है।

कई राज्यों में बदले जाएंगे प्रदेश अध्यक्ष

पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ ही कई राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष बदलने की भी तैयारी है। बिहार में सम्राट चौधरी ने डिप्टी सीएम के पद के साथ ही प्रदेश अध्यक्ष की भी जिम्मेदारी संभाल रखी है। ऐसे में वहां नया अध्यक्ष नियुक्त किया जाएगा। पश्चिम बंगाल में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार को मोदी सरकार में शामिल किया जा चुका है।


हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष नायब सिंह सैनी ने मुख्यमंत्री पद की कमान संभाल ली है। उत्तर प्रदेश और राजस्थान के लोकसभा चुनाव में इस बार भाजपा को करारा झटका लगा है। ऐसे में इन दोनों राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष बदलने की चर्चाएं भी काफी तेज हो गई है।

नए अध्यक्ष के सामने चुनौतियों का अंबार

इस बार के लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा के शीर्ष नेताओं की ओर से 400 पार का नारा दिया गया था मगर पार्टी 240 सीटें ही हासिल कर सकी है। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और हरियाणा जैसे राज्यों में भाजपा को करारा झटका लगा है। यही कारण है कि भाजपा अपने दम पर बहुमत हासिल नहीं कर सकी। ऐसे में भाजपा के नए अध्यक्ष के सामने चुनौतियों का अंबार होगा और संगठन को मजबूत बनाने के लिए नए अध्यक्ष को काफी मेहनत करनी होगी।


विधानसभा चुनाव में दिखानी होगी ताकत

महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं और ऐसे में भाजपा के पास संगठन को मजबूत बनाने के लिए ज्यादा वक्त नहीं बचा है। दिल्ली में भी अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाला है। लोकसभा चुनाव में झटका लगने के बाद बीजेपी इन राज्यों के विधानसभा चुनाव में ताकत दिखाने की कोशिश करेगी।इसके साथ ही भाजपा बूथ प्रबंधन पर काफी जोर देती रही है मगर लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा का बूथ प्रबंधन का फार्मूला फेल साबित हुआ है। ऐसे में बूथ प्रबंधन में पार्टी की स्थिति को मजबूत बनाना भी आसान साबित नहीं होगा। संविधान संशोधन और आरक्षण खत्म करने की चर्चाओं से बिदकने वाले ओबीसी और दलित वोट बैंक को साधना भी नए अध्यक्ष के लिए बड़ी चुनौती होगी।


Shalini Rai

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