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Goa Election 2022: पत्रकारों को लुभाने की योजना, यहां जाने गोवा चुनाव का हाल
Goa Election 2022: भारत के चुनाव आयोग द्वारा गोवा और चार अन्य राज्यों की विधानसभाओं के चुनावों की घोषणा और इसके साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू होने के 48 घंटे से भी कम समय में प्रमोद सावंत सरकार ने दो योजनाओं की अधिसूचना जारी कर दी।
Goa Election 2022: चुनाव आते ही सभी सरकारें विशेष योजनाओं और सुविधाओं की घोषणा के साथ मतदाताओं और ख़ास समूहों को जीतने का प्रयास करती हैं। इसीलिए अचार संहिता लागू होने से पहले ढेरों घोषणाएं हैं और सरकारी स्कीमें लांच कर कर दी जाती हैं। गोवा की प्रमोद सावंत के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार भी इन्हीं में शामिल है जिसे ऐन चुनाव के पहले पत्रकारों और नाविकों की याद आई है।
भारत के चुनाव आयोग द्वारा गोवा और चार अन्य राज्यों की विधानसभाओं के चुनावों की घोषणा और इसके साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू होने के 48 घंटे से भी कम समय में प्रमोद सावंत सरकार ने दो योजनाओं की अधिसूचना जारी कर दी।
पहली योजना नाविकों के लिए है। नाविकों में वे शामिल हैं जो समुद्र नौवहन से किसी न किसी रूप में जुड़े हैं। इनमें गोवा की आबादी का एक बड़ा वर्ग शामिल है। गोवा सरकार द्वारा अधिसूचित योजना पेंशन के बारे में है। दूसरी योजना राज्य के पत्रकारों के लिए कंप्यूटर, लैप-टॉप, टैबलेट और कैमरों की खरीद के लिए है। इन दोनों योजनाओं की अधिसूचना गृह और सूचना एवं प्रचार विभागों द्वारा चुनाव आयोग की आदर्श आचार संहिता लागू होने से दो दिन पहले 6 जनवरी को जारी की गई थी।
गोवा में पेंशन योजना
सेवानिवृत्त भारतीय नाविकों के लिए पेंशन योजना में मर्चेंट नेवी में निचले स्तर के पदों पर रहने वालों को 2,500 रुपये की मासिक पेंशन देने की बात है। इस योजना को एनआरआई आयुक्त कार्यालय के माध्यम से लागू किया जाना है।
गोवा में कैमरा-कंप्यूटर योजना
पत्रकारों और फोटो-पत्रकारों के लिए कंप्यूटर, लैपटॉप, टैबलेट और कैमरे की खरीद के लिए जिस योजना का ऐलान किया गया है वह वास्तव में 2013 में शुरू की गयी सब्सिडी योजना ही है जिसे अब पुनर्जीवित किया गया है। इस सब्सिडी योजना के तहत आठ साल या उससे अधिक समय से पत्रकारिता के पेशे में रहने वाले पत्रकार लैपटॉप, पीसी और टैबलेट की खरीद के लिए 50,000 रुपये तक की सब्सिडी के पात्र हैं।
इसी तरह, फोटो-पत्रकार, पेशेवर कैमरों की खरीद के लिए एक लाख रुपये तक की सब्सिडी के पात्र हैं। हालांकि, 2013 में योजना का लाभ उठाने वाले अब पात्र नहीं होंगे। माना जा रहा है कि चुनावों के दौरान पॉजिटिव प्राचार पाने के लिए ये योजना ऐसे समय में दोबारा शुरू की गयी है।
विअसे, इस बार गोवा के चुनाव में पार्टियाँ मतदाताओं को लुभाने के लिए एक से बढ़ कर एक लोकलुभावनी स्कीमों के वादे कर रही हैं। ऐसे वादे करने वालों में आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस सबसे आगे हैं।