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Lok Sabah Election 2024:फैजाबाद लोकसभा, भाजपा के सामने राम मंदिर निर्माण का फ़ैसला वोटों में दिखाने की चुनौती

Lok Sabah Election 2024: यह धार्मिक नगरी है। इस शहर का पुराना नाम साकेत हुआ करता था। यह क्षेत्र डॉ राममनोहर लोहिया, कुंवर नारायण, राम प्रकाश द्विवेदी की जन्मभूमि है

Neel Mani Lal
Published on: 17 May 2024 11:33 AM IST
Lok Sabah Election ( Social Media Photo)
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Lok Sabah Election ( Social Media Photo)

Lok Sabah Election 2024: अयोध्या शहर पहले फैजाबाद जिले का हिस्सा था, फिर जिले का नाम बदलकर फैजाबाद से अयोध्या कर दिया गया, हालांकि संसदीय सीट का नाम नहीं बदला गया। यह अभी भी फैजाबाद के नाम पर ही है। योगी आदित्य नाथ सरकार ने 6 नवंबर , 2018 को जिले का नाम बदलकर अयोध्या कर दिया।सरयू नदी के किनारे अयोध्या बसा हुआ है। यह धार्मिक नगरी है। इस शहर का पुराना नाम साकेत हुआ करता था। यह क्षेत्र डॉ राममनोहर लोहिया, कुंवर नारायण, राम प्रकाश द्विवेदी की जन्मभूमि है।पावन अयोध्या धाम के अलावा कलकत्ता क़िला, नागेश्वर मंदिर, गुरुद्वारा ब्रह्मकुण्ड और गुप्तार घाट, गुलाब बाड़ी, बहुबेगम का मकबरा यहां के प्रमुख एवं प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से हैं।

विधानसभा क्षेत्र

- फैजाबाद लोकसभा क्षेत्र में विधानसभा की पांच सीटें आती हैं, जिनके नाम हैं - दरियाबाद, बीकापुर, रुदौली, अयोध्या और मिल्कीपुर (एससी)। 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अयोध्या, बीकापुर, दरियाबाद और रुदौली सीटें जीतीं। वहीं सपा गठबंधन ने मिल्कीपुर सीट जीती।


जातीय समीकरण

- फैजाबाद लोकसभा क्षेत्र में 22 लाख से ज्यादा वोटर हैं। यहाँ 76 प्रतिशत आबादी हिंदू और 22 प्रतिशत मुस्लिम समुदाय की है। ओबीसी मतदाता करीब 26 फीसदी बताये जाते हैं, जिनमें यादवों की संख्या करीब 13 फीसदी है। दलित चार फीसदी और सवर्ण 29 फीसदी माने जाते हैं।


राजनीतिक इतिहास और पिछले चुनाव

- फैजाबाद लोकसभा सीट का मिजाज हमेशा बदला-बदला सा रहता है। यहां लगभग सभी दलों को जीत मिली है। शुरूआती दिनों में 1957 से 1971 तक लगातार यहां कांग्रेस का राज रहा। उसके बाद भाजपा को छोड़कर किसी और दल ने यहां से लगातार दो बार जीत हासिल नहीं की है।

- माना जाता है कि दरियाबाद के वोटरों ने जिसके पक्ष में बढ़-चढ़कर मतदान किया, वह फैजाबाद का सांसद चुना जाता रहा है। रामसनेहीघाट व सिरौलीगौसपुर तहसील के 502 बूथ दरियाबाद विधानसभा क्षेत्र में आते हैं। यहां चार लाख, छह हजार, 762 मतदाता निर्णायक की भूमिका निभाते हैं। बाराबंकी जिले के दरियाबाद की सीमाएं अयोध्या जिले से लगी हैं।

- 1957 के चुनाव में कांग्रेस के राजा राम मिश्र को यहाँ विजय हासिल हुई।

- 1962 में कांग्रेस के बृज बासी लाल, 1967 तथा 1971 में राम कृष्ण सिन्हा जीते।

- 1977 में जनता पार्टी की लहर में अनंतराम जयसवाल को जीत मिली।

- 1980 के चुनाव में कांग्रेस के जय राम वर्मा सांसद बने।

- 1984 में कांग्रेस के निर्मल खत्री को जीत हासिल हुई।

- 1989 में सीपीआई के मित्रसेन यादव ने कब्जा जमाया।

- 1991 और 1996 में भाजपा के विनय कटियार ने जीत दर्ज की।

- 1998 में मित्रसेन यादव जीते, इस बार समाजवादी पार्टी के टिकट पर।

- 1999 में फिर भाजपा के विनय कटियार को जीत मिली।

- 2004 में मित्रसेन यादव जीते और इस बार बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी के रूप में।

- 2009 में कांग्रेस की वापसी निर्मल खत्री की जीत के साथ हुई।

- 2014 और 19 में भाजपा के लल्लू सिंह विजयी रहे।


इस बार के उम्मीदवार

- वर्तमान में फैजाबाद लोकसभा सीट से सांसद भाजपा के लल्लू सिंह हैं। भाजपा ने इस बार फिर उन्हें टिकट दिया है। इंडिया अलायन्स के तहत सपा के अवधेश प्रसाद मैदान में जबकि बसपा ने सच्चिदानंद पांडेय को उम्मीदवार बनाया है।


स्थानीय मुद्दे

- मुद्दों की बात की जाए तो यहां रोजगार के साधन कम हैं। इस क्षेत्र का औद्योगिक विकास काफी धीमी रफ्तार से है। हालांकि, राम मंदिर बनने से एक धार्मिक पर्यटन नगरी के रूप में अयोध्या जरूर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चमक उठी है। रोजाना लाखों की तादाद में श्रद्धालुओं के आने से यहां के लोगों को पर्यटन से जुड़े तमाम रोजगार के अवसर मिले हैं।

Shalini Rai

Shalini Rai

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