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Lok Sabah Session: बंगला, गाड़ी, फ्री ट्रेवल, फ्री टोल! आज से बदल जाएगी 280 नए सांसदों की लाइफ? जानिए कैसे
Lok Sabah Session 2024: 18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून यानी आज से शुरू हो गया है। पहले दो दिन चुने गए सासंद अपने पद की शपथ लेंगे, जिसके बाद से वे आधिकारिक रुप ये सांसद कहलाएंगे।
Lok Sabah Session 2024: 18वीं लोकसभा के पहले सत्र की 24 जून यानी आज से शुरुआत हो गई है। पहले और दूसरे दिन यानी 24 और 25 जून को लोकसभा चुनाव में चुने गए सासंद अपने पद की शपथ लेंगे और इसके साथ ही वे सदन के आधिकारिक सदस्य बन जाएंगे। हर बार की तरह इस बार भी कई ऐसे सांसद हैं, जो पहली बार लोकसभा का चुनाव जीत कर आए हैं और सासंद पद की शपथ लेंगे। सांसद बनने के साथ ही जन प्रतिनिधियों को सासंद को मिलने वाली सुविधाएं मिलने लग जाएगी और इस तरह से वो आम से खास लोगों की गिनती में आ जाएंगे।
जानिए कितने सांसद पहली बार लेंगे शपथ?
18वीं लोकसभा में संसद पहुंचे सासंदों में अधिकतर सासंद वो हैं जो पहली बार लोकसभा का चुनाव जीतकर सांसद बने हैं। बता दें कि लोकसभा में 52 फीसदी सासंद ऐसे हैं जो पहली बार सासंद पद की शपथ लेंगे। इनकी कुल संख्या 280 है। अकेले उत्तर प्रदेश से 45 ऐसे सांसद हैं जो पहली बार लोकसभा का चुनाव जीत कर संसद पहुंचे हैं। वहीं, महाराष्ट्र से 33 सांसद पहली बार चुने गए सांसद हैं।
और इस तरह से बदल जाएगी लाइफ?
18वीं लोकसभा में पहली बार चुने गए सांसद आज से सदन का हिस्सा होंगे और लोकसभा सदस्य की ओर से मिलने वाली सुविधाओं का फायदा ले सकेंगे। ऐसे में यहां यह जानना जरूरी है कि सांसदों को आज के बाद से कौन-कौन सी सुविधाएं मिलेंगी। बता दें सांसद चुने जाने के बाद मोटे तौर पर सांसद सदस्यों को सैलरी के साथ कई भत्ते, यात्रा सुविधाएं, चिकित्सा सुविधाएं, आवास, टेलीफोन, पेंशन आदि सुविधाएं दी जाती हैं। 11 मई 2022 की सैलरी और भत्ते में किए गए बदलावों के अनुसार, सांसदों को एक लाख रुपये सैलरी दी जाती है, जिसके अलावा घर पर मीटिंग को लेकर हर दिन के 2000 रुपये अलाउंस के रुप में भी मिलते हैं।
मिलती हैं ये भी सुविधाएं-
इसके अलावा सासंद को सदन सत्र, कमेटी की मीटिंग आदि अटेंड करने के लिए ट्रैवल की सुविधा भी दी जाती है। इसके लिए सांसदों को सत्र में आने और जाने के ट्रैवल का पैसा दिया जाता है। अगर कोई सासंद सत्र में 15 दिन से कम दिन तक सत्र में अनुपस्थित रहते हैं तो ट्रेवलिंग का पैसे मिलते हैं। इसके अलावा सासंदों को कुछ यात्राओं के लिए रेलवे के फर्स्ट क्लास कोच में फ्री यात्रा की सुविधा मिलती है और परिवार को लेकर भी कुछ नियम हैं। इसमें कुछ यात्राओं में परिवार के सदस्यों को भी छूट मिलती है।
यहां के सांसदों को मिलती हैं ये सुविधाएं-
वहीं, अंडमान निकोबार आइलैंड, लक्ष्यद्वीप के सांसदों को स्टीमर की सुविधा दी जाती है। ट्रैवल को लेकर छूट की कई शर्ते हैं, जिनके अनुसार सांसद को छूट मिलती है। इसके साथ ही हर सासंद को अपने साथ ऑफिस कार्यालय के खर्चों के लिए भी पैसे मिलते हैं। आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, हर सासंद को 20 हजार रुपये भत्ता, 4000 रुपये लेखन सामग्री के लिए, 2000 रुपये पत्रों के लिए और स्टाफ के लिए पैसे दिए जाते हैं। वहीं, टोल में छूट के लिए हर सासंद को दो फास्टैग दिए जाते हैं, जो एक दिल्ली और एक उनके क्षेत्र की गाड़ी के लिए होता है। इससे वे बिना टोल के यात्रा कर सकते हैं। साथ ही सांसद को कई ऐसी जगह एक्सेस या प्रोटोकॉल मिलता है, जहां से आम आदमी को दूर रखा जाता है।
इस तरह से अगर टोटल देखें तो सासंद को सैलरी में 1 लाख रुपये, निर्वाचन क्षेत्र के लिए करीब 70 हजार भत्ता, कार्यालय खर्च के लिए करीब 60 हजार रुपये और दैनिक भत्ता मिलता है। इसके अलावा ट्रैवलिंग अलाउंस, घर, मेडिकल की सुविधाएं अलग मिलती है। सांसदों को घर उनकी सीनियरटी को देखकर दिए जाते हैं। बता दें कि इन सांसदों में जो मंत्री होते हैं, उन्हें अलग सुविधाएं मिलती हैं।
पेंशन को लेकर क्या है नियम?
अगर पेंशन की बात करें तो कोई भी सासंद कितने भी दिन तक सांसद रहे, उन्हें हर सत्र के हिसाब से हर महीने 22 हजार रुपये पेंशन और कुछ सुविधाएं मिलती हैं। अगर वो दूसरे सत्र में भी सांसद रहते हैं तो उन्हें अगले सत्र की भी पेंशन मिलती है।