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Lok Sabha Election 2024: बसपा सुप्रीमो ने घोसी लोकसभा सीट से पूर्व सांसद को बनाया उम्मीदवार
Lok Sabha Election 2024 : लोकसभा चुनाव 2024 के लिए मतदान की तारीख जितनी नजदीक आ रही है, सूबे का सियासी पारा उतना तेजी से बढ़ रहा है।
Lok Sabha Election 2024 : लोकसभा चुनाव 2024 के लिए मतदान की तारीख जितनी नजदीक आ रही है, सूबे का सियासी पारा उतना तेजी से बढ़ रहा है। बहुजन समाज पार्टी एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने अपने भतीजे आनंद को पहली स्टार प्रचारक के तौर पर चुनावी मैदान में उतार दिया है, जो जुट गए हैं। बता दें कि बहुजन समाज पार्टी ने पिछली बार लोकसभा का चुनाव समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर लड़ा था, लेकिन इस बार अकेले की चुनाव मैदान में हैं।
बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने सूबे की घोसी लोकसभा सीट से पूर्व सांसद बालकृष्ण चौहान को टिकट देने का ऐलान किया है। वह दो दिन पहले ही कांग्रेस छोड़कर बहुजन समाज पार्टी में शामिल हुए हैं। पिछली बार 2019 में वह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इस बार उनका मुकाबला एनडीए प्रत्याशी ओम प्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर से होगा। वहीं, समाजवादी पार्टी ने इस सीट से राजीव राय को चुनाव मैदान में उतारा है।
कांग्रेस के टिकट पर लड़ा था चुनाव
गौरतलब है कि बालकृष्ण चौहान ने 1999 में बहुजन समाज पार्टी से ही लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज कर दिल्ली का रास्ता तय किया था। लोकसभा चुनाव 2004 में वह मैदान में उतरे थे, लेकिन समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार चंद्रदेव राजभर ने उन्हें शिकस्त दी थी। इसके बाद 2012 में उन्होंने बहुजन समाज पार्टी छोड़ दी थी और समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे। 2018 में उन्होंने फिर बसपा में वापसी की, हालांकि उन पर अनुशासनहीनता का आरोप लगा था। इसके बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए थे। 2019 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था, अब वह फिर से बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गए हैं।
2019 में बसपा के अतुल राय ने दर्ज की थी जीत
बता दें कि बीते लोकसभा चुनाव 2019 में बहुजन समाज पार्टी ने घोसी लोकसभा सीट से अतुल राय को मैदान में उतारा था। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी हरि नारायण राजभर को हराया था। हालांकि चुनाव के नतीजे आने के बाद दुष्कर्म सहित अन्य आरोपों में अतुल राय को जेल जाना पड़ा था। हालांकि बाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने उन्हें मेडिकल के आधार अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया था।