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Lok Sabha Election 2024: अमेठी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र

Lok Sabha Election 2024:अमेठी रियासत का इतिहास एक हजार वर्ष से भी पुराना है। राजा सोढ़ देव ने तुर्कों के आक्रमण के दौरान 966 ई. में इस रियासत की स्थापना की थी

Neel Mani Lal
Published on: 19 May 2024 4:08 PM IST
Lok Sabah Election 2024 ( Social Media Photo)
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 Lok Sabah Election 2024 ( Social Media Photo)

क्षेत्र की खासियत

- अमेठी रियासत का इतिहास एक हजार वर्ष से भी पुराना है। राजा सोढ़ देव ने तुर्कों के आक्रमण के दौरान 966 ई. में इस रियासत की स्थापना की थी। तुर्कों के बाद मुगल शासकों ने भी इस रियासत पर हमले किए।

- अंग्रेजों ने अमेठी रियासत के विलय का भी प्रयास किया, जिसमें वे असफल रहे। 1842 में राजा विशेषवर बख्श सिंह की मौत हो गई। उनकी मौत के बाद रानी पति के मृत शरीर को गोद में लेकर सती हो गईं। मान्यता के अनुसार आज भी क्षेत्र की महिलाएं प्रत्येक गुरुवार को सती महारानी मंदिर पर दुरदुरिया का आयोजन कर सुहागिन रहने का आशीर्वाद मांगती हैं।

- राजा विशेषवर बख्श सिंह के बाद राजा लाल माधव सिंह ने 1842 में गद्दी संभाली।

- 1962 ई. में राजा रणंजय सिंह ने ब्लॉक भेटुआ के अमेयमाफी निवासी गयाबख्श सिंह के पुत्र संजय सिंह को अपना दत्तक पुत्र बनाया।

- पीपरपुर ग्राम सभा में मनोरमा नदी के पूर्वी तट पर महर्षि पिप्पलाद का पावन पौराणिक आश्रम स्थित है।

- 1857 में "भालेसुल्तान क्षत्रियों" द्वारा अंग्रेजों के साथ लड़ाई हुई जिसमें सैकड़ों क्षत्रियों ने अपने प्राणों की आहुति दी। उनकी याद में मुसाफिर खाना तहसील में एक विशाल शहीद स्मारक का निर्माण हुआ जहाँ प्रत्येक वर्ष कार्तिक एकादशी के दिन मेला लगता है।

- देवी पाटन धाम, हिंदू धार्मिक मंदिर, उल्टा गढ़ा हनुमान मंदिर, हनुमान गढ़ी मंदिर, सती महरानी मंदिर और मालिक मोहम्मद जायसी की मस्जिद यहां के प्रमुख धार्मिक स्थल हैं।

विधानसभा क्षेत्र

- अमेठी लोकसभा सीट में 5 विधानसभा सीटे आती हैं। 4 विधानसभा सीटें - तिलोई, जगदीशपुर, अमेठी और गौरीगंज सीट अमेठी जिले की हैं। जबकि सलोन विधानसभा सीट रायबरेली जिले में पड़ती है। इनमें से तिलोई, सलोन (एससी) और जगदीशपुर (एससी) सीट पर भाजपा का कब्जा है जबकि गौरीगंज तथा अमेठी सीट सपा के खाते में हैं।



जातीय समीकरण

- इस सीट पर दलित और मुस्लिम वोट निर्णायक हैं। अमेठी में लगभग 26 फीसदी यानी करीब चार लाख वोटर मुस्लिम हैं, जबकि लगभग साढ़े तीन लाख वोटर दलित समाज के हैं। यादव, राजपूत और ब्राह्मण भी इस सीट पर निर्णायक भूमिका में हैं।


राजनीतिक इतिहास और पिछले चुनाव

- अमेठी में अब तक हुए 16 लोकसभा चुनावों और 2 उपचुनाव में कांग्रेस ने 16 बार जीत दर्ज की है। बसपा इस सीट पर अभी तक खाता नहीं खोल सकी है, जबकि समाजवादी पार्टी ने लगातार तीन चुनावों से इस सीट पर अपना प्रत्याशी नहीं उतारा है।

- देश में पहले लोकसभा चुनाव में अमेठी सीट नहीं बनी थी। तब ये इलाका सुल्तानपुर दक्षिण लोकसभा सीट में आता था। यहां से तब कांग्रेस के बालकृष्ण विश्वनाथ केशकर चुनाव जीते थे।

- 1957 में मुसाफिरखाना लोकसभा सीट अस्तित्व में आई। जो इस वक्त अमेठी जिले की एक तहसील है। कांग्रेस के बीवी केशकर फिर से यहां के सांसद बने। 1962 के लोकसभा चुनाव में राजा रणंजय सिंह मुसाफिरखाना लोकसभा सीट से कांग्रेस के सांसद बने। राजा रणंजय सिंह अमेठी राजघराने के 7 वें राजा थे।

- 1967 के आम चुनाव में अमेठी लोकसभा अस्तित्व में आई। नई सीट पर कांग्रेस के विद्याधर वाजपेयी को अमेठी का पहला सांसद बनने का गौरव मिला।

- 1971 में फिर से कांग्रेस के विद्याधर वाजपेयी अमेठी से सांसद चुने गए।

- 1977 में इमरजेंसी के बाद हुए चुनाव में कांग्रेस ने राजा रणंजय सिंह के बेटे संजय सिंह को प्रत्याशी बनाया। उस चुनाव में भारतीय लोकदल के रविन्र्ं प्रताप सिंह सांसद चुने गए।

- 1980 के चुनाव में इंदिरा गांधी के छोटे बेटे संजय गांधी ने चुनाव जीता। इस सीट पर पहली बार नेहरू-गांधी परिवार का कोई सदस्य चुनाव लड़ा।

- 23 जून 1980 को संजय गांधी की विमान दुर्घटना में मौत हो गई।1981 में हुए उपचुनाव में राजीव गांधी सांसद चुने गए।

- 1984 के चुनाव कांग्रेस से राजीव गांधी ने संजय गांधी की पत्नी और निर्दलीय प्रत्याशी मेनका गांधी को जबर्दस्त शिकस्त दी। 1989 और 1991 के चुनावों में राजीव गांधी फिर से सांसद बने। 1989 में उन्होंने जनता दल के प्रत्याशी और महात्मा गांधी के पौत्र राजमोहन गांधी को हराया।

- राजीव गाँधी की ह्त्या के बाद 1991 में हुए उपचुनाव में कांग्रेस के सतीश शर्मा विजयी हुए। 1996 में सतीश शर्मा फिर से जीते।

- 1998 में कांग्रेस से भाजपा में आए संजय सिंह चुनाव जीत गए।

- 1999 में सोनिया गांधी चुनाव मैदान में ऊतरीं और अमेठी की सांसद बनीं।

- 2004 में अमेठी से राहुल गांधी पहली बार सांसद चुने गए। इसके बाद वह 2009 और 2014 में भी जीते।

- 2019 में भाजपा के टिकट पर स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को हरा दिया।


इस बार के उम्मीदवार

- अमेठी लोकसभा सीट पर भाजपा की उम्मीदवार और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के खिलाफ कांग्रेस ने गांधी परिवार के विश्वासपात्र किशोरीलाल शर्मा को उम्मीदवार बनाया है। बसपा ने अमेठी से रवि प्रकाश मौर्य को मैदान में उतारा है।



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Shalini Rai

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