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Lok Sabha Protem Speaker: कैसे और कौन करता है प्रोटेम स्पीकर का चुनाव? जानिए महताब के नाम पर क्यों मचा है विवाद

Lok Sabha Protem Speaker: वैसे तो संविधान में प्रोटेम स्पीकर के पद का कोई जिक्र नहीं है, लेकिन संसदीय मामलों के मंत्रालय की नियमावली में प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति और शपथ का जिक्र है।

Ashish Kumar Pandey
Published on: 21 Jun 2024 4:46 PM IST (Updated on: 21 Jun 2024 4:52 PM IST)
Lok Sabha: Social- Media- Photo
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Lok Sabha: Social- Media- Photo

Lok Sabha Protem Speaker: 24 जून से लोकसभा का सत्र शुरू होने जा रहा है। 24 और 25 जून को लोकसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों को सदस्यता दिलाई जाएगी। बता दें कि नए निर्वाचित सदस्यों को प्रोटेम स्पीकर ही शपथ दिलाता है। भाजपा सांसद भृतहरि महताब को लोकसभा का अस्थायी अध्यक्ष (प्रोटेम स्पीकर) बनाया गया है। संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि सात बार के लोकसभा सदस्य भृतहरि महताब नए सांसदों को शपथ दिलाएंगे और लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होने तक पीठासीन अधिकारी के रूप में काम करेंगे।


हालांकि इसके साथ ही भृतहरि के नाम पर विवाद भी शुरू हो गया है और कांग्रेस ने महताब को प्रोटेम स्पीकर बनाने को लेकर संसदीय मानदंडों का उल्लंघन बताया। अब यहां इस खबर के बीच स्वभाविक है कि यह सवाल उठे कि आखिर प्रोटेम स्पीकर होते कौन हैं? उनके क्या काम होते हैं और उन्हें चुनने की प्रक्रिया क्या है?यहां हमने इन्हीं सवालों के जवाब देने की कोशिश की है। इसके साथ ही हम यहां यह भी जानेंगे कि प्रोटेम स्पीकर चुने गए भृतहरि महताब के नाम पर विवाद क्यों हो रहा है।


प्रोटेम स्पीकर कौन होते हैं?

वैसे तो लोकसभा का पीठासीन अधिकारी होने के नाते स्पीकर की ही लोकसभा के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। लोकसभा स्पीकर का चुनाव बहुमत के आधार पर होता है, लेकिन जब तक स्पीकर का चुनाव नहीं होता है तब तक लोकसभा की अहम जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए प्रोटेम स्पीकर को चुना जाता है और यही वजह है कि प्रोटेम स्पीकर को अस्थायी स्पीकर भी कहते हैं। वैसे तो संविधान में प्रोटेम स्पीकर के पद का कोई जिक्र नहीं है, लेकिन संसदीय मामलों के मंत्रालय की नियमावली में प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति और शपथ का जिक्र है।

कैसे होता है चुनाव?

संसदीय मामलों के मंत्रालय की नियमावली के अनुसार नई लोकसभा द्वारा जब तक अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं की जाती है, तब तक लोकसभा स्पीकर की जिम्मेदारियों के निर्वहन के लिए राष्ट्रपति लोकसभा के ही किसी सीनियर सदस्य को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त करते हैं। यही प्रोटेम स्पीकर नई लोकसभा के सदस्यों को शपथ ग्रहण कराता है। लोकसभा के नए सदस्यों को शपथ दिलाना प्रोटेम स्पीकर का प्राथमिक कार्य है। नियमों के अनुसार, राष्ट्रपति द्वारा तीन अन्य लोकसभा सांसदों को भी सांसदों को शपथ दिलाने के लिए नियुक्त किया जाता है। सामान्यतः संसद के सबसे वरिष्ठ सांसद को ही प्रोटेम स्पीकर की जिम्मेदारी सौंपी जाती है, लेकिन अपवाद भी हो सकते हैं।


राष्ट्रपति द्वारा लोकसभा के तीन अन्य निर्वाचित सदस्यों को भी सांसदों के समक्ष शपथ लेने के लिए नियुक्त किया जाता है। पुस्तिका के अनुसार, वैसे तो सदन की सदस्यता के वर्षों की संख्या के संदर्भ में सबसे वरिष्ठ सदस्यों को आम तौर पर इस कार्य के लिए चुना जाता है, हालांकि इसमें अपवाद भी हो सकता है। जैसे ही नई सरकार का गठन होता है तो उसके बाद सरकार का विधायी विभाग बकायदा लोकसभा के सीनियर सांसदों की एक लिस्ट तैयार करता है और इस लिस्ट को संसदीय मामलों के मंत्री या प्रधानमंत्री को भेजा जाता है। प्रधानमंत्री की मंजूरी के बाद संसदीय मामलों के मंत्री प्रोटेम स्पीकर और तीन अन्य सांसदों के नामों की जानकारी राष्ट्रपति को देते हैं और वहां से मंजूरी मिलने के बाद नामों का एलान कर दिया जाता है।

कैसे शपथ लेते हैं नए सांसद?

राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद मंत्रालय नियुक्त किए गए प्रोटेम स्पीकर और अन्य सांसदों के पैनल को नियुक्ति के बारे में सूचित करता है। इसके बाद राष्ट्रपति, राष्ट्रपति भवन में प्रोटेम स्पीकर को शपथ दिलाते हैं उसके बाद वहीं सांसदों के पैनल को प्रोटेम स्पीकर द्वारा शपथ दिलाई जाती है। इसके बाद अन्य सभी सांसदों को प्रोटेम स्पीकर शपथ दिलाते हैं। लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही सांसदों को शपथ दिलाई जाती है।

अब जानिए क्या है भृतहरि महताब के नाम पर विवाद

जैसे ही संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने भृतहरि महताब के नाम का प्रोटेम स्पीकर के लिए एलान किया, वैसे ही कांग्रेस ने विरोध शुरू कर दिया। कांग्रेस का कहना है कि उनकी पार्टी के आठ बार के सांसद कोडिकुनिल सुरेश लोकसभा के सबसे वरिष्ठ सांसद हैं, ऐसे में उन्हें लोकसभा का अस्थायी अध्यक्ष नियुक्त किया जाना चाहिए, जबकि महताब सात बार के ही सांसद हैं। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि वरिष्ठता की अनदेखी कर भाजपा संसदीय मानदंडों को खत्म करने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि परंपरा के अनुसार, जिस सांसद ने संसद में अधिकतम कार्यकाल पूरा किया है, उसे ही प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया जाना चाहिए।


जानिए कौन हैं भृतहरि महताब

भृतहरि महताब का जन्म 8 सितंबर 1957 को ओडिशा के भद्रक में हुआ था। वे ओडिशा के पहले मुख्यमंत्री डॉ. एच महताब के बेटे हैं। महताब, नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली पार्टी बीजू जनता दल के संस्थापक सदस्य रहे हैं और कभी वे नवीन पटनायक के काफी करीबी हुआ करते थे। बता दें कि महताब छह बार बीजू जनता दल के ही टिकट पर लोकसभा पहुंचे हैं। हालांकि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले भृतहरि महताब ने बीजद छोड़कर भाजपा की सदस्यता ले ली थी और अब वह भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे हैं।



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Shalini Rai

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