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Hardoi: हरदोई और मिश्रिख लोकसभा सीट पर बढ़त बना रहा NOTA , जनता नकार रही प्रत्याशी

Hardoi News: 2009 में नोटा का दिए गए विकल्प के बाद लोगों ने इसे काफी पसंद किया। यह विकल्प 100% से अधिक की ग्रोथ रेट सभी प्रमुख पार्टियों पर बनाये हुए हैं।

Pulkit Sharma
Published on: 11 April 2024 3:33 PM IST (Updated on: 11 April 2024 3:51 PM IST)
NOTA is leading in Hardoi and Misrikh Lok Sabha seats, candidates are denying it
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हरदोई और मिश्रिख लोकसभा सीट पर बढ़त बना रहा नोटा, जानता नकार रही प्रत्याशी: Photo- Newstrack

Hardoi News: लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। राजनीतिक दलों ने अपने-अपने प्रत्याशियों को मैदान में उतार दिया है। अभी कुछ सीटों को अगर छोड़ दें तो अधिकांश सीटों पर समाजवादी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी, बहुजन समाजवादी पार्टी, कांग्रेस समेत अन्य दलों ने अपने-अपने प्रत्याशी को मैदान में उतार दिया है। देश में लोकसभा का चुनाव को लेकर माहौल काफी गर्म हो चुका है। जहां एक और विपक्ष का गठबंधन एक होकर चुनाव लड़ रहा है वहीं भारतीय जनता पार्टी अपने गठबंधन एनडीए के साथ मजबूती से सामना कर रही है। लोकसभा चुनाव में आरोप प्रत्यारोप का दौर भी जारी है लेकिन इन सब के बीच राजनीतिक दलों द्वारा उतारे गए प्रत्याशी को लेकर चर्चाएं हैं।

2009 में निर्वाचन आयोग द्वारा नोटा ( इनमें से कोई नहीं) का एक नए विकल्प ईवीएम (EVM) में जनता के सामने दिया गया था। क्षेत्र के लोग नोटा का प्रयोग तब कर सकते हैं जब उन्हें राजनीतिक दलों द्वारा उतारे गए प्रत्याशी पसंद ना आए हो। चुनाव आयोग द्वारा लगातार मतदान प्रतिशत को बढ़ाने की क़वायद की जा रही है, मतदाताओं को हर सुख सुविधा मतदान केंद्र पर उपलब्ध कराई जा रही है। इसी क्रम में यदि मतदाता को प्रत्याशी पसंद नहीं आता था तो वह अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं करता था ऐसे में मतदाता को सहूलिया देते हुए और मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए नोटा का विकल्प लाया गया था। विकल्प के साथ ही नोटा काफी तेजी से लोगों के बीच लोकप्रिय भी हुआ हैं।

दो लोकसभा चुनाव में कई पार्टियो को छोड़ा पीछे

2009 में नोटा का दिए गए विकल्प के बाद लोगों ने इसे काफी पसंद किया। यह विकल्प 100% से अधिक की ग्रोथ रेट सभी प्रमुख पार्टियों पर बनाये हुए हैं। 2014 में हरदोई लोकसभा चुनाव में जनपद की हरदोई संसदीय सीट से भाजपा के अंशुल वर्मा विजय हुए थे वहीं मिश्रिख लोकसभा सीट से अंजू बाला ने जीत हासिल की थी। इस चुनाव में पहली बार नोटा का विकल्प दिया गया था। पहली बार आए विकल्प में भाजपा सपा कांग्रेस बसपा के बाद सर्वाधिक 7660 मत नोटा को प्राप्त हुए थे। इस चुनाव में नोटा ने आम आदमी पार्टी पीस पार्टी बहुजन मुक्ति पार्टी भारतीय किसान दल सहित कई अन्य पार्टियों पर बढ़त बनाई थी। वही मिश्रिख लोकसभा क्षेत्र में भी यही हाल था। यहां नोटा को 0.56 प्रतिशत यानी की 9633 मत प्राप्त हुए थे।

2014 में लोकसभा का चुनाव लड़ है 15 प्रत्याशियों में नोट पांचवें स्थान पर आया था। हरदोई क्षेत्र की जनता नोट का काफी हद तक प्रयोग कर रही है क्योंकि हरदोई जनता के मन का प्रत्याशी राजनीतिक दल नहीं उतार रहे हैं। नोटा का ग्राफ 2019 के लोकसभा चुनाव में और बढ़ गया 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने जयप्रकाश रावत को प्रत्याशी बनाया था जबकि समाजवादी पार्टी ने उषा वर्मा को टिकट दिया था 2019 का लोकसभा चुनाव भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी जयप्रकाश रावत ने जीता था लेकिन यहां भी नोटा ने बढ़त बनाते हुए 11024 मत प्राप्त किए थे।

2019 लोकसभा चुनाव में नोटा चौथे नंबर पर

2019 लोकसभा चुनाव में हरदोई संसदीय सीट पर लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं 12 प्रत्याशियों में नोटा चौथे स्थान पर आया था वहीं मिश्रिख संसदीय क्षेत्र में नोट को 10181 मत प्राप्त हुए थे।यहां भी नोटा चौथे नंबर पर रहा था। राजनीतिक दल प्रत्याशियों को उतारने से पहले उनकी ग्राउंड रिपोर्ट और रिपोर्ट कार्ड तैयार करते हैं लेकिन कुछ राजनीतिक दल क्षेत्र की जनता के मन के अनुसार प्रत्याशी को नहीं उतारती है ऐसे में जनता को जब निराशा लगती है तो वह नोटा का प्रयोग कर अपना मतदान करती हैं। क्षेत्र के लोगों की मांग है कि राजनीतिक दल प्रत्याशी उतारने से पूर्व क्षेत्र की जनता की राय लेने उसके बाद ही प्रत्याशी को मैदान में उतारे। हालांकि वर्तमान में राजनीतिक दल अपने कोऑर्डिनेटर प्रभारी मंत्रियों जिला अध्यक्षों की रिपोर्ट पर प्रत्याशी का चुनाव करती है।



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Shashi kant gautam

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