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Lok Sabha Election 2024: चुनाव से पहले राजद सुप्रीमो लालू यादव की बढ़ीं मुश्किलें, गिरफ्तारी वारंट जारी
Lok Sabha Election 2024: करीब तीन दशक पुराने आर्म्स एक्ट के एक मामले में ग्वालियर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने राजद सुप्रीमो लालू यादव के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 लेकर सियासी पारा आसमान पर है, इस बीच राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के सु्प्रीमो लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दरअसल, करीब तीन दशक पुराने आर्म्स एक्ट के एक मामले में ग्वालियर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने राजद सुप्रीमो लालू यादव के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। बता दें कि यह मामला हथियारों की सप्लाई से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है।
मध्य प्रदेश में ग्वालियर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के मुखिया एवं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ करीब तीन दशक पुराने में गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। कोर्ट ने बताया कि इस मामले में लालू यादव कोई पहले भी नोटिस जारी किया जा चुका है, लेकिन वह कोर्ट में पेश नहीं हुए थे। इसके बाद उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। यह मामला पिछले कई सालों से ठंडा पड़ा हुआ था, लेकिन चुनाव से ऐन वक्त पहले इस मामले को फिर से खोल दिया गया है।
पूर्व सीएम लालू यादव सहित 23 आरोपी नामजद
बता दें कि लालू प्रसाद यादव को जिस मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है, वह साल 1995 और 1997 का है। बताया जा रहा है कि इस इस अवधि के बीच तीन फर्म से कारतूसों की खरीदारी की गई थी। पुलिस ने इस मामले में जुलाई 1998 में चार्जशीट दाखिल की थी। इसके बाद यह मामला ग्वालियर की एमपी-एमएलए कोर्ट में गया था। पुलिस ने इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव सहित कुल 23 आरोपियों को नामजद किया था, जिसमें से दो आरोपियों की मौत हो चुकी है। अब इसी मामले में ग्वालियर की एमपी एमएलए कोर्ट ने कार्रवाई की है।
लालू यादव को इन मामलों में हो चुकी है सजा
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला मामले में पांच साल की कैद की सजा सुनाई गई थी। वह रांची सेंट्रल जेल में बंद रहे, लेकिन उन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई थी। यही नहीं, इसके बाद उन्हें कई अन्य मामलों में भी सजा सुनाई जा चुकी है।
देवघर ट्रेजरी मामले में में साढ़े तीन साल की सजा।
चाईबासा ट्रेजरी मामले में पांच साल की सजा।
दुमका ट्रेजरी मामले में सात साल की सजा।
डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में पांच साल की सजा।