×

13 साल की उम्र में बलात्कार की शिकार हुई थी ये महान गजल गायिका

राम केवी
Published on: 30 Oct 2018 5:52 AM GMT
13 साल की उम्र में बलात्कार की शिकार हुई थी ये महान गजल गायिका
X

जुबां पर एक ही नाम आता है मलिका ए गजल बेगम अख्तर जब कहीं गूंजती है ‘वो जो हममें तुममें क़रार था, तुम्हें याद हो के न याद हो’, ‘ऐ मोहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आया’, मेरे हमनफस, मेरे हमनवा, मुझे दोस्त बन के दवा न दे’, जैसी दिल को छू लेने वाली गजलों का जब भी जिक्र आता है।

Special story : इस सुपरकॉप को कभी मिला था पदक, आज गजल बन रही पहचान

उत्तर प्रदेश के फैजाबाद की रहने वाली बेग़म अख्तर की आज 44वीं पुण्यतिथि है। अपने दौर की वह बहुत बहादुर महिला थीं। जो जिंदगी के तमाम झंझावातों को झेलते हुए अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित रहीं। और आखिरी सांस तक गाने की हसरत पूरी करके गईं। लेकिन क्या आपको पता है आज से तकरीबन 104 साल पहले जन्म लेने वाली भारत की इस प्रसिद्ध गायिका को भी मात्र 13 वर्ष की उम्र में यौन शोषण का शिकार होना पड़ा था। इस बलात्कार से हुई संतान को न सिर्फ उन्होंने पाला बल्कि बेटी की जगह बहन के रूप में लोगों से रू ब रू कराया।

कवि गोपाल दास नीरज की वो ‘4 गजलें’ जो हिला के रख देती हैं

दरअसल बेगम अख्तर के साथ बचपन में एक हादसा हुआ था जिसमें वह मात्र 13 वर्ष की उम्र में ही माँ बन गयी थीं। हुआ ऐसा की बिहार के एक राजा ने उनका कदरदान बनकर उनकी कला देखने के लिए उन्हें बुलाया और वहां उनका बलात्कार हुआ। अख्तरी बाई इस हादसे में गर्भवती हो गई और एक बच्ची को जन्म दिया। जिसका नाम शमीमा रखा। परन्तु लोकलाज के भय से उन्होंने इस बात को दुनिया से छुपाए रखा और शमीमा को अपनी छोटी बहन बताती रहीं। काफी लंबे समय बाद दुनिया को पता चला कि शमीमा उनकी बहन नहीं बल्कि बेटी है। लेकिन इस हादसे ने अख्तरी के कदम नहीं रोके। वह अपनी मंजिल की ओर बढ़ती चली गईं।

मल्लिका ए गजल बेगम अख्तर को दादरा, ठुमरी व ग़ज़ल में महारत हासिल थी। उन्हें कला के क्षेत्र में भारत सरकार ने पहले पद्मश्री तथा सन १९७५ में मरणोपरांत पद्म भूषण से सम्मानित किया।

डेढ़ इश्किया में विशाल भारद्वाज ने बेगम अख्तर की प्रसिद्ध ठुमरी हमरी अटरिया पे का आधुनिक रीमिक्स प्रस्तुत कर इस गायिका की जयंती शताब्दी वर्ष में खूबसूरत श्रद्धांजलि दी। बेगम अख्तर को बचपन से ही संगीत में रुझान था। हालांकि घरवाले इसके खिलाफ थे। लेकिन बाद में इनकी लगन देखकर वह भी मान गए।

गजलों का आकर्षण वापस लाने की कोशिश कर रहे सिंगर पेपॉन

बेगम अख्तर का जन्म 7 अक्टूबर 1914 को हुआ था और 30 अक्टूबर 1974 को उनका स्वर्गवास हो गया। बेगम अख्तर का असली नाम अख्तरी बाई फैजाबादी था।

उन्होंने ‘एक दिन का बादशाह’ से फिल्मों में अपने अभिनय करियर की शुरूआत की लेकिन अभिनेत्री के रुप में कुछ खास पहचान नहीं बना पायीं। इसके बाद बेगम अख्तर की जिंदगी में अहम मोड़ तब आया जब निर्माता-निर्देशक महबूब खान से बेगम अख्तर की मुलाकात हुई। वह बेगम की प्रतिभा से बहुत प्रभावित हुए और उन्हें मुंबई बुला लिया। मुंबई जाने के बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।

राम केवी

राम केवी

Next Story