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'कितने आदमी थे' डायलॉग से आइकॉनिक साबित हुई फिल्म 'शोले', आइए जाने किस तरह मिला अमजद खान को गब्बर का रोल

फिल्म शोले के आइकॉनिक किरदार 'गब्बर' की भूमिका के लिए शुरुआत में डैनी डेन्जोंगपा को चुना गया था। लेकिन उन्होंने इस ऑफर को ठुकरा दिया। इसके बाद अभिनेता अमजद खान को फिल्म लेखक सलीम खान ने चुना।

Priya Singh
Report Priya SinghPublished By Deepak Kumar
Published on: 12 Nov 2021 9:01 AM GMT
कितने आदमी थे डायलॉग से आइकॉनिक साबित हुई फिल्म शोले, आइए जाने किस तरह मिला अमजद खान को गब्बर का रोल
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हिंदी सिनेमा के सबसे प्रतिष्ठित खलनायक के रुप में उभरे अमजद खान (actor amjad khan) को 'गब्बर' की भूमिका आसानी से नहीं मिली थी। कई रुकावटों को पार करते हुए अमजद खान (actor amjad khan) के झोली में आ गिरा था यह किरदार।

फिल्मी दुनिया से अवगत रहने वाले लोगों को मालूम होगा कि फिल्म शोले के आइकॉनिक किरदार 'गब्बर' की भूमिका के लिए शुरुआत में डैनी डेन्जोंगपा को चुना गया था। लेकिन उन्होंने इस ऑफर को ठुकरा दिया, जिससे फिल्म मेकर्स को बेहद निराशा हुई। किसी साधारण अभिनेता से भारी भरकम डायलॉग 'कितने आदमी थें' को पर्दे पर प्रदर्शित करवाने की कल्पना करना, फिल्म मेकर्स के लिए खुद के पैरों पर कुल्हाड़ी मारने जैसा था। सदी के बड़े हीरो के सामने एक बड़े विलेन को ही खड़ा करना पड़ता है और सदी के सबसे बड़े फिल्म को एक बड़े खलनायक की आवश्यकता होती है।

अभिनेता अमजद खान (actor amjad khan) ही वह कलाकार थे, जो भारतीय सिनेमा में इस किरदार को कई युगों तक के लिए जीवंत कर सकते थे। अमजद ने अपनी अभिनय प्रतिभा के दम पर भारतीय सिनेमा उद्योग में खलनायक की भूमिका का एक बेंचमार्क सेट कर दिया। जिसे तोड़ पाना शायद अब किसी भी अभिनेता के लिए मुमकिन न हो पाए। हालांकि वो उस वक्त फिल्मों में पैर जमाने के लिए संघर्ष कर रहे थें। अमजद उस वक्त थियेटर में बहुत अच्छा काम करते थें। फिल्म लेखक सलीम खान ने एक अभिनेता के रुप में अमजद के कौशल के बारे में सुना था।

एक्टर डैनी डेन्जोंगपा डेट डायरी खाली न हो पाने और फिरोज खान की फिल्म 'धर्मात्मा' को दिए कमीटमेंट के कारण इस फिल्म को हां न कर पाएं। जिसके बाद फिल्म शोले के लेखक जोड़ी सलीम - जावेद के सलीम खान ने डायरेक्टर रमेश सिप्पी को अमजद खान (actor amjad khan) का नाम सुझाया। डैनी डेन्जोंगपा ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में इस रोल पर बात करते हुए कहा था, 'मुझे पता था कि गब्बर का किरदार शानदार था। लेकिन मेरी अंतरात्मा ने सही निर्णय लेने के लिए निर्देशित किया। मुझे बिल्कुल भी पछतावा नहीं है। अगर मैंने शोले की होती तो हम अमजद खान (actor amjad khan) नामक एक अद्भूत अभिनेता के सभी अद्भूत प्रदर्शनों को देखने से चूक जाते।'

अमजद खान रोल के लिए थे उपयुक्त

सलीम खान को अमजद खान (actor amjad khan) उनकी शारीरिक बनावद के कारण इस रोल के लिए उपयुक्त नजर आएं। उन्होंने एक्टर से कहा, 'मैं आपसे कुछ भी वादा नहीं कर सकता, लेकिन एक बड़ी फिल्म में एक भूमिका है। मैं आपको निर्देशक के पास ले चलता हूं। अगर आपको यह रोल मिल जाए, आपकी कोशिश से या आपकी किस्मत से, तो मैं आपको बता रहा हूं कि यह इस फिल्म की सबसे बेहतरीन भूमिका है।' ऐसा कहा जाता है कि गब्बर के किरदार ने अभिनेता संजीव कुमार और अमिताभ बच्चन को इस कदर प्रभावित किया था कि दोनों अपने हीरो वाले इमेज को तोड़ इस खलनायक की भूनिका निभाना चाहते थें।

अमजद ने गब्बर सिंह की भूमिका से अपने अभिनय में छोड़ी छाप

कहते हैं न कि दाने - दाने पर लिखा है खाने वाले का नाम। ऐसा ही हुआ गब्बर के भूमिका के साथ। गब्बर का रोल अंतत: अमजद खान (actor amjad khan) के गोद में आ गिरा। गब्बर सिंह हिंदी सिनेमा का एक प्रमुख उदाहरण है,जहां एक खलनायक अपनी निर्दयता के बावजूद दर्शकों के लिए आइकॉनिक बन गया। इसका श्रेय उनके भयावह तरीके से देखने के अंदाज, भारी आवाज में किए गए डायलॉग डिलीवरी या शैंतानी हंसी को दें। लेकिन गब्बर को अमजद खान (actor amjad khan) में एक अपूरणीय चेहरा जरुर मिल गया। अमजद ने गब्बर सिंह की भूमिका से अपने अभिनय का ऐसा छाप छोड़ा है जो किसी भी ट्रॉफी से बड़ा है। बॉलीवुड में सबसे यादगार भूमिकाओं में से एक यह किरदार अब किसी पुरस्कार का मोहताज नहीं ।

Deepak Kumar

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