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फरहान अख्तर ने बेटी के लिए 'खत' में लिख दी ऐसी बात, पढ़ने वाले हो रहे हैं शॉक
मुंबई: देश भर में जिस तरह से महिलाओं के प्रति घिनौने अपराध बढ़ रहे हैं, उससे बॉलीवुड के स्टार्स को भी चिंता हो रही है। बॉलीवुड के स्टार्स अपनी बेटियों को देश भर में हो रही इस तरह की घटनाओं के प्रति जागरूक कर रहे हैं। वह अपनी बेटियों को अभी से देश में महिलाओं के प्रति होने वाले व्यवहार को समझा रहे हैं।
हाल ही में मेगास्टार अमिताभ बच्चन ने अपनी पोती आराध्या और नातिन नव्या को 'खत' लिखकर सोसायटी की मानसिकता के बारे में बताया था। ठीक उसी तरह अब एक्टर फरहान अख्तर ने अपनी बेटी के लिए 'खत' लिखा है। बता दें कि फरहान का यह 'खत' अंग्रेजी भाषा में हुआ है। जिसे बाद में हिंदी में कन्वर्ट किया गया है। इसमें फरहान ने रेप और यौन हिंसा जैसे मुद्दों पर बेटी से खुलकर बात की है। फरहान ने इस 'खत' की शुरुआत एक कविता से की है।
आगे की स्लाइड में जानिए क्या लिखा है 'खत' में फरहान ने
फरहान अख्तर ने 'खत' में लिखा हैं, प्यारी बेटी, मैं तुम्हें रेप या यौन हिंसा जैसे मुद्दे पर कुछ कैसे लिख सकता हूं? मेरा नेचर, एक फादर का नेचर है, सुरक्षा और पालन-पोषण के लिए, लेकिन यह एक ऐसा मुद्दा है। जिस पर हमें सामने आना चाहिए और बात करनी चाहिए। खबरों की मानें तो ता दें कि ये सारी बातें फरहान ने पहले एक कविता में लिखी थी। जो उनकी टीम के वकील की दर्दनाक हत्या के बाद लिखी थी। उस समय उनकी बड़ी बेटी शाक्या 12 साल की थी। इसलिए ये सारी बातें फरहान अख्तर ने अपनी बेटी से नहीं की। इसके अलावा फरहान ने कहा कि हमें समाज के हर एक मुद्दे पर खुलकर बात करनी चाहिए।
आगे की स्लाइड में पढ़िए फरहान अख्तर का बेटी के लिए 'खत'
फरहान की कविता और खत
यह कैसा देश है जहां मैं रह रहा हूं?
जो उसके प्यार करने के अधिकार को छीन लेता है
उसके साथ एक लोहे की रॉड से बर्बर व्यवहार करता है
बेखौफ उसके साथ बलात्कार करता है,
क्या उसके आंसुओं के साथ न्याय होगा ?
…मैं अपनी बेटी को क्या बताऊं?
कि वह किसी भेड़ की तरह हलाल कर दिए जाने के लिए बड़ी हो रही हैं,
हमें बदलाव लाना होगा।
रीबूट(पुनः शुरुआत) , रिफॉर्म (सुधार), रिअरेंज (पुनर्व्यवस्थित)
और कभी हार नहीं माननी होगी।
कोई फर्क नहीं पड़ता कि हमारा सर कितना घूमता है
बस इस सवाल को पूछते रहिए
मैं यह किस देश में रह रहा हूं?
फरहान अख्तर ने लिखा कि अब तुम 16 की हो गई हो और मैं तुम्हारे मन में आने वाले सवालों को पढ़ सकता हूं।