आशा पारेख को इस डायरेक्टर ने था नकारा, बाद में सबने कहा-'दिल देके देखो'

suman
Published on: 30 Sep 2016 11:18 AM GMT
आशा पारेख को इस डायरेक्टर ने था नकारा, बाद में सबने कहा-दिल देके देखो
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मुंबई : डांस , एक्टिंग और अपनी खूबसूरती से ना जाने कितने दिलों पर राज करने अपने समय की बेहतरीन एक्ट्रेस आशा पारेख ने लोगों का दिल खूब जीता। उनकी एक्टिंग तो कमाल की थी ही उनका डांस भी कमाल का था । अपने समय हर एक्टर के साथ काम किया था, उनकी जोड़ी शम्मी कपूर, जितेंद्र, राजेश खन्ना के साथ खूब जमी और पसंद की गई। उन्‍होंने पंजाबी, गुजराती और कन्नड़ भाषाओं में भी अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाया।

आगे की स्लाइड्स में सुनिए आशा पारेख की फिल्म दिल देके देखों का गाना...

सौजन्य: यूट्यूब

चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर शुरुआत

आशा पारेख का जन्‍म 2 अक्‍टूबर 1942 को मीडिल क्लास फैमिली में हुआ था। उनकी इमेज हमेशा नटखट, चंचल, चुलबुला, टॉम-बॉय की ही रही है इनके पिता हिन्दू और मां मुस्लिम थीं और परिवार साई बाबा का परमभक्त था। आशा की मां ने इन्हें बचपन में ही क्लासिकल डांस की शिक्षा दी। जब वे सिर्फ 10 साल थी तब फिल्मी दुनिया में आई। वे सेंसर बोर्ड की अध्‍यक्ष भी रह चुकी हैं। उन्‍होंने अपने फिल्मी करियर की शुरआत साल 1952 में एक बाल कलाकार के रूप में फिल्‍म 'आसमान' से की थी।

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जानेमाने प्रोड्यूसर विमल राय ने आशा पारेख को डांस करते देखा और उन्‍होंने उससे प्रभावित होकर आशा पारेख को फिल्‍म 'बाप बेटी' में काम करने का मौका दिया, लेकिन फिल्‍म बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाल नहीं कर पाई। इसके बाद उन्‍होंने और कई फिल्‍मों में काम किया जो खास कमाल नहीं कर पाई। इसके बाद आशा पारेख ने एक्टिंग छोड़ पढाई की ओर ध्‍यान देना शुरू कर दिया।

आगे की स्लाइड्स में सुनिए आशा पारेख की कारवां का गाना..

सौजन्य: यूट्यूब

नहीं थे स्टार के गुण

पहले आशा पारेख को विजय भट्ट ने शुरु में ये कहकर नकार दिया कि उनमें ,टार बनने के गुण नही है पर निर्देशक नसीर हुसैन उनकी छुपी प्रतिभा को पहचाना और उनकी 6 फिल्मों में आशा ने काम किया। साल 1959 में आई उनकी फिल्‍म 'दिल देके देखो' से उन्‍होंने थोड़ी कामयाबी हासिल की और फिर एकबार अभिनय की ओर अपने कदम बढ़ा लिए।

इस फिल्म से बनी पहचान

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साल 1960 में उन्‍हें निर्देशक नासिर हुसैन की फिल्‍म 'जब प्‍यार किसी से होता है' में काम करने का मौका मिला। ये फिल्म बॉक्‍स ऑफिस पर हिट हो गई और आशा पारेश एक हिट एक्ट्रेस के रूप में बॉलीवुड में पहचान बना ली। इस फिल्‍म के बाद नासिर हुसैन ने उन्‍हें अपनी और कई फिल्‍मों में लिया जो सुपरहिट रही। उनकी फिल्‍मों में 'तीसरी मंजिल', 'कारवां', 'प्‍यार का मौसम' और 'बहारों के सपने' जैसी फिल्‍में शामिल है।

आगे की स्लाइड्स में सुनिए आशा पारेख की फिल्म मैं तुलसी तेरे आंगन का गाना...

सौजन्य: यूट्यूब

मिला कई सम्मान

साल 1966 में रिलीज हुई उनकी फिल्‍म 'तीसरी मंजिल' उनकी सफलतम फिल्‍मों में से एक मानी जाती है। इस फिल्‍म ने उनके करियर को नये मोड़ पर लाकर दिया। साल 1970 में फिल्‍म 'कटी पतंग' के लिए उन्‍हें बेस्ट एक्ट्रेस का फिल्‍मफेयर अवॉर्ड दिया गया। साल 1992 में कला के क्षेत्र में सराहनीय योगदान के लिए उन्‍हें पद्मश्री अवॉर्ड से सम्‍मानित किया गया।

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सौजन्य: यूट्यूब

उनकी हिट फिल्में

आशा पारेख की हिट फिल्‍मों में 'मेरा गाँव मेरा देश', मैं तुलसी तेरे आंगन, 'अंजान राहें', 'नादान', 'नया रास्ता', 'कन्यादान', 'आया सावन झूम के', 'लव इन टोक्यो' और 'फिर वही दिल लाया हूँ' जैसी फिल्‍में शामिल है। उनके साथ जिन एक्टर्स ने काम किया उन सब की फिल्में सिल्वर जुबली मनाती रही।

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आशा पारेख ने शादी नहीं की और फिलहाल वे अकेली है। उनका कहना है कि कभी-कभी अकेलापन खलता है। लेकिन ये जिंदगी उनकी चुनी हुई है और वे खुश है। उनके साथ की ज्यादातर एक्ट्रेसेस नंदा, माला सिन्हा, सायरा बानो, साधना एक-एक कर गुमनामी के अंधेरे में खो गई, लेकिन आशा पारेख अपनी समाज सेवा और अन्य एक्टिविटी की वजह से चर्चा में बनी रहती है।

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