देवदास ने दिलाई सुचित्रा को हिंदी सिनेमा में पहचान, ऐसी थी उनकी जिंदगी

सुचित्रा सेन बंगाली और हिंदी सिनेमा की मशहूर अभिनेत्रियों में से एक थी। सुचिता सेन को आज भी बंगाली फिल्मों में उत्तम कुमार के साथ काम करने के लिए याद किया जाता हैं।

Monika
Published on: 17 Jan 2021 7:29 AM GMT
देवदास ने दिलाई सुचित्रा को हिंदी सिनेमा में पहचान, ऐसी थी उनकी जिंदगी
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देवदास ने दिलाई सुचित्रा को हिंदी सिनेमा में पहचान, ऐसी थी उनकी जिंदगी

सुचित्रा सेन बंगाली और हिंदी सिनेमा की मशहूर अभिनेत्रियों में से एक थी। सुचिता सेन को आज भी बंगाली फिल्म उत्तम कुमार के साथ काम करने के लिए याद किया जाता हैं। जो बंगाली सिनेमा के इतिहास में कालजयी बन गईं। सुचित्रा सेन अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में पुरस्कार प्राप्त करने वाली दूसरी भारतीय अभिनेत्री थीं, जब 1963 के मॉस्को अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में, उन्हें फिल्म सात पाके बांधा के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का रजत पुरस्कार जीता था।

आज ही के दिन कहां था दुनिया को अलविदा

यही नहीं अभिनेत्री को 1972 में, चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्मश्री से सम्मानित किया गया। आज 17 जनवरी के ही दिन सुचित्रा सेन ने दुनिया को अलविदा कहा था। लेकिन उनकी फिल्म ममता पर फिल्माया गया -रहे ना रहे हम, महका करेंगे गीत से उन्हें आज भी याद किया जाता है।

15 साल की उम्र में हुई शादी

बता दें, राम दासगुप्तो उर्फ ​​सुचित्रा सेन का जन्म 6 अप्रैल 1931 को बेलकुची उपजिल के भंगा बाड़ी गाँव के बंगाली परिवार में हुआ था। उन्होंने पाबना गवर्नमेंट गर्ल्स हाई स्कूल में अपनी शिक्षा प्राप्त की। जिसके बाद सुचित्रा सेन के पिता ने साल 1947 में 15 साल की उम्र में उद्योगपति आदिनाथ सेन के बेटे दिबानाथ सेन से शादी करा दी थी। उनकी बेटी मून मून सेन थी, वो भी एक अभिनेत्री हैं। उनके ससुर आदिनाथ सेन, उनकी शादी के बाद फिल्मों में उनके अभिनय करियर के समर्थक थे।

ससुराल का मिला पूरा सपोर्ट

ससुराल से मिले सपोर्ट के बाद सुचित्रा ने सेन ने 1952 में बंगाली फिल्मों में अपना पहला कदम रखा। जिसके बाद उन्हें हिंदी फिल्मों के ऑफर आने लगे। बता दें, कि सुचित्रा सेन ने 1952 में शीश कोथाय की फिल्म के साथअपने कैरियर की शुरुआत की , लेकिन यह कभी रिलीज़ नहीं हो पाई। जिसके एक साल बाद ही निर्मल डे की एक फिल्म Sharey Chuattor में उत्तम कुमार के साथ उनका अभिनय देखा गया। यह बॉक्स-ऑफिस पर हिट रही साथ ही उत्तम-सुचित्रा की जोड़ी भी पर्दे पर हिट रही। सुचित्रा ने अपनी 60 फिल्मों में से 30 में उत्तम कुमार के साथ अभिनय किया है।

देवदार से हिंदी सिनेमा में रखा कदम

अभिनेत्री को फिल्म देवदास (1955) के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार मिला, जो उनकी पहली हिंदी फिल्म थी। उनके बंगाली मेलोड्रामा और रोमांस, विशेष रूप से उत्तम कुमार के साथ, उन्होंने उन्हें सबसे प्रसिद्ध बंगाली अभिनेत्री बना दिया। सुचित्रा के पति की 1970 में बाल्टीमोर, मैरीलैंड, अमेरिका में मृत्यु हो गई। जिसके बाद भी सुचित्रा ने हिंदी फ़िल्म में अपना काम जारी रखा।

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ये फ़िल्में आज भी देखना पसंद करते है लोग

फिल्म आँधी (1974) जैसी फ़िल्मों में अभिनय किया। फिल्म आंधी देख प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी काफी प्रेरित हुईं थी । सुचित्रा सेन को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के रूप में फिल्मफेयर पुरस्कार नामांकन मिला, जबकि उनके पति की भूमिका निभाने वाले अभिनेता संजीव कुमार ने सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के रूप में फिल्मफेयर पुरस्कार जीता। जिसके बाद उन्होंने इंद्राणी (1958), दीप जले जाई (1959), स्मृति टुकु ठाके (1960), बॉम्बे का बाबू ,बिपाशा, ममता, देवी चौधरानी जैसे कई बेहतरीन फिल्मों में नज़र आईं। जिसे लोग आज भी देखना पसंद करते हैं।

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पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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