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Adipurush: अपने ही गाँव में घुस नहीं पाएंगे मनोज मुंतशिर! माता-पिता ने फिल्म पर बोली बड़ी बात
Adipurush: मनोज मुन्तशिर के माता पिता ने अपने बेटे की प्रसंशा करते हुए कहा कि फिल्म बहुत अच्छी है, जिनको ज्ञान नहीं है वही लोग विरोध कर रहे हैं। जिस नजर से देखेंगे उसी नजर से दिखाई देगा।
Adipurush: आदिपुरुष फिल्म रिलीज होते ही विवादों के घेरे में आ गई है। फिल्म की पटकथा को लेकर तरह-तरह की टिप्पणी लोगों द्वारा आ रही है। ऐसे में जहां प्रसिद्ध संत मौनी स्वामी पीठाधीश्वर सगरा आश्रम ने कहा कि यह फिल्म हमारे अराध्य प्रभु श्री राम का अपमान है तो वहीं मनोज मुंतशिर के माता पिता ने अपने बेटे की प्रसंशा करते हुए कहा कि फिल्म बहुत अच्छी है, जिनको ज्ञान नहीं है वही लोग विरोध कर रहे हैं।
बॉलीवुड के मशहूर गीतकार मनोज मुंतशिर उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले के गौरीगंज के रहने वाले हैं। मनोज मुंतशिर के पिता शिव प्रताप शुक्ला ने खास बातचीत में कहा कि आदिपुरुष फिल्म बहुत अच्छी है। इस फिल्म को पहले वेदों और पुराणों को पढ़ने के बाद ही लिखा गया। लोग बिना किसी कारण के फिल्म को ले करके विवाद कर रहे हैं। शिव प्रताप शुक्ला ने बेटे की सराहना करते हुए कहा कि आदिपुरुष फिल्म को लेकर उनके परिवार में चर्चा अक्सर होती रहती थी। यह बहुत अच्छी फिल्म है, विवादित डायलॉग को लेकर पिता ने कहा कि डायलॉग तो डायलॉग होता है। लेकिन मनोज मुंतशिर के माता-पिता को इस फिल्म से कोई शिकायत नहीं है। बहुत अच्छी फिल्म है। इस फिल्म से लोगों को प्रभु श्रीराम के बारे में जानकारी मिल रही है।
यह मन की वेदना है और हिंदू धर्म पर वार है-मौनी स्वामी
वहीं इस मामले पर संत समाज ने भी अपनी नाराजगी जाहिर की है। प्रसिद्ध संत मौनी स्वामी ने कहा कि यह मन की वेदना है और हिंदू धर्म पर वार है। मौनी स्वामी ने नाराजगी जताते हुए कहा कि दुर्भाग्य है कि इसी धरती पर जन्म हुआ सनातन को मानने वाले परिवार के एक साक्षर व्यक्ति का। हमारे धर्म शास्त्रों पर इतना आक्रमण करेगा। इसकी कल्पना तो कि नहीं जा सकती थी। उसको देख करके ना तो सहने की क्षमता है ना ही देखने के लिए आंखें तैयार होती हैं। उन्होंने कहा कि उसे देखकर जो दर्द अपमान हमारे आराध्य का दिखाई देता है। उसे देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि इन्होंने अपनी कलम से उस इतिहास को लिखा है। जिससे हमारे सनातन धर्म का का पतन हो। लोगों में आक्रोश फैले, पैसा कमाने के लिए इन्हें अन्य धर्मावलंबियों से सहारा मिले। इन्होंने पैसा कमाने के लिए अपना नाम चमकाने के लिए पूरे धर्म के साथ अन्याय किया है।
उन्होंने आगे कहा कि सरकार को तत्काल संज्ञान लेना चाहिए। कार्रवाई करना चाहिए। प्रतिबंध लगाना चाहिए क्योंकि यह केवल एक नहीं करोड़ों करोड़ों लोगों की आस्था के साथ कुठाराघात और बज्रपात है। उन्होंने कहा कि पूरा संत समाज इसकी निंदा करता है। इस पर कार्रवाई नहीं हुई तो संत समाज आंदोलन करेगा जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी जिसने इसे लिखा है उसकी होगी। आगे उन्होंने कहा कि फिल्म को कार्टून का रूप दे दिया है। आदिपुरुष भगवान राम को उन्होंने मजाक बना दिया है। उन्होंने कहा कि यह मजाक ही हमारे धर्म का अपमान है।
इस कहानी में कोई भी बातें शास्त्रोक्त नहीं हैं। उन्होंने पटकथा के लेखक मनोज मुंतशिर को चुनौती देते हुए कहा कि वह आकर हमसे बहस करें। यदि उनके लेखनी में इतनी ताकत है तो किसी भी मंच पर वह आकर हमसे शास्त्रार्थ करें यदि वे प्रमाण दे देंगे तो हम अपना कासंभर छोड़ देंगे। व्यक्ति को इतना बेशर्म नहीं होना चाहिए कि खुद को चमकाने के लिए पूरे देश का मान सम्मान दांव पर लगा दे। आपको बताते चलेगी फिल्म के लेखक मनोज मुझसे शुक्ला अमेठी के गौरीगंज के रहने वाले हैं।
पिता बोले-जिस नजर से देखेंगे उसी नजर से आपको दिखाई देगा
वहीं मनोज मुंतशिर के पिता ने बताया कि मैंने अभी तक फिल्म देखी नहीं है। लेकिन जो पता है। यह मूवी बहुत अच्छी है। हमारे धर्म ग्रंथों पर आधारित है। हम इसको अपने सनातन से जोड़कर देखते हैं। पूरी मूवी देखने के बाद ही बताएंगे। यह मुझे अच्छी लग रही है। सीता जी के कपड़े को लेकर उन्होंने कहा कि नजरिया अपना अलग अलग होना चाहिए जिस नजर से देखेंगे उसी नजर से आपको दिखाई देगा। वैसे फिल्म बहुत अच्छी है।
मां ने कहा-फर्जी का लोग विवाद कर रहे हैं।
मनोज मुंतशिर की माता प्रेमा शुक्ला ने बताया कि लोगों के विवाद को लेकर हम क्या करें। यह मूवी बहुत अच्छी है। धार्मिक मूवी है। सीता जी पूरे कपड़े पहनी हुई हैं। उसमें नग्नता कहीं दिखाई नहीं दे रहा है। फर्जी का लोग विवाद कर रहे
हैं।