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Anant Amabni Vantara: क्यों अनंत अंबानी ने शादी से पहले शुरू किया वनतारा? क्या है इसकी खासियत
All About Anant Ambani Vantara: अपनी शादी से पहले अनंत अंबानी ने 'वनतारा' की स्थापना की है। आइए आज हम आपको इसकी खासियत बताते हैं।
Anant Ambani Vantara: मुकेश और नीता अंबानी के छोटे बेटे अनंत अंबानी (Anant Ambani) जल्द ही राधिका मर्चेंट के साथ शादी करने वाले हैं। इन दिनों कपल के प्री-वेडिंग सेरेमनी चल रहे हैं। इससे पहले अनंत अंबानी का वनतारा प्रेम काफी चर्चा में है, लेकिन कुछ लोगों के मन में अब भी यही सवाल है कि ये वनतारा क्या है और इसकी खासियत क्या है? तो हम आपको बता दें कि वनतारा (Vantara) यानी 'स्टार ऑफ द फॉरेस्ट' घायल-शोषित वन्यजीवों को बचाकर उनका उपचार और पुनर्वास करने की एक पहल है। दरअसल, अनंत अंबानी का पशु प्रेम काफी गहरा है। वे बचपन से ही जानवरों से काफी प्यार करते हैं। उन्होंने खुद कहा है कि इसी में उन्हें सबसे अधिक आनंद आता है और इसलिए उन्होंने वनतारा की स्थापना की थी।
जानें क्या है वनतारा?
'रिलायंस इंडस्ट्रीज' और 'रिलायंस फाउंडेशन' ने जामनगर में एनिमल वेलफेयर के लिए वनतारा पहल की शुरुआत की है। यह वनतारा इनिशिएटिव जामनगर रिफाइनरी कॉम्प्लेक्स के ग्रीन बेल्ट में 3000 एकड़ में फैला है। यहां वनतारा का रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर 650 एकड़ जमीन पर बना है। वनतारा इनिशिएटिव के तहत अब तक 200 से ज्यादा हाथियों और हजारों पक्षियों, सरीसृपों और दूसरे जानवरों को बचाया गया है। साथ ही वनतारा में मगरमच्छ, तेंदुआ और गैंडा जैसी प्रमुख प्रजातियों के लिए पुनर्वास की व्यवस्था भी है।
क्या है वनतारा की खासियत?
वनतारा इनिशिएटिव भारत में राष्ट्रीय प्राणी उद्यान, नागालैंड प्राणी उद्यान, सरदार पटेल प्राणी उद्यान और असम राज्य चिड़ियाघर आदि के साथ सहयोग करता है। वनतारा प्रोग्राम ने वेनेजुएला नेशनल फाउंडेशन ऑफ जू जैसे इंटरनेशनल संगठनों के साथ भी काम किया है। साथ ही यह स्मिथसोनियन और वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ जू एंड एक्वेरियम जैसे जाने-माने संगठनों के साथ जुड़ा है। यहां घायल जानवरों को दुनिया के टॉप प्राणिशास्त्रियों और डॉक्टरों की हेल्प से ठीक किया जाता है। इतना ही नहीं रेस्क्यू सेंटर में उन लोगों को जॉब दी जाती है, जो वेटरिनरी में ग्रेजुएट हैं।
कोविड काल में हुई थी सेंटर की शुरुआत
हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान अनंत अंबानी ने बताया कि वन्य जीवों के रेस्क्यू सेंटर की शुरुआत उन्होंने कोविड काल के दौरान की थी। जब कोरोना अपने चरम पर था। इसके लिए उन्होंने 600 एकड़ में जंगल खड़ा किया है। अनंत अंबानी ने बताया- ''हमने हाथियों के लिए एक संपूर्ण रेस्क्यू सेंटर बनाया है, जहां हमने साल 2008 में पहला हाथी बचाया था। ग्रीन्स जूलॉजिकल रेस्क्यू सेंटर साल 2020 में शुरू हुआ और हमारे साथ ग्रीन्स जूलॉजिकल रिसर्च एंड रेस्क्यू सेंटर के लिए कुल 3,000 लोग काम कर रहे हैं, जिसमें लगभग 20-30 प्रवासी हैं, ये सभी लोग इस सेंटर पर शिक्षक या प्रोफेसर की भूमिका में हैं।''