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'भोपाल गैस ट्रेजेडी' पर बनने जा रही वेब सीरीज, गैस कांड में हुई तबाही का दिखाया जाएगा मंजर

1984 में हुई औद्योगिक इतिहास की सबसे बड़ी दुर्घटना 'भोपाल गैस ट्रेजेडी' पर फिल्मकार रिची मेहता सीरीज बनाने जा रहे है।

Anshul Thakur
Written By Anshul ThakurPublished By Priya Panwar
Published on: 8 July 2021 11:10 PM IST
भोपाल गैस ट्रेजेडी पर बनने जा रही वेब सीरीज, गैस कांड में हुई तबाही का दिखाया जाएगा मंजर
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'भोपाल गैस ट्रेजेडी' पर फिल्मकार रिची मेहता बनाने जा रहे वेब सीरीज, फोटो क्रेडिट : सोशल मीडिया

Bhopal Gas Tragedy : 1984 में हुई औद्योगिक इतिहास की सबसे बड़ी दुर्घटना 'भोपाल गैस ट्रेजेडी' (Bhopal Gas Tragedy) पर फिल्मकार रिची मेहता (Richie Mehta) सीरीज बनाने जा रहे हैं। इसके लेखक और निर्देशक दोनों रिची मेहता होंगे। निर्माण कम्पनी 'आरएसवीपी' और 'ग्लोबल वन स्टूडियो' के बैनर तले इस वेब सीरीज निर्माण किय जाएगा।

यह वेब सीरीज 1997 में लेखक डोमिनिक लैपिएरे और जेवियर मोरो द्वारा लिखी किताब 'फाइव पास्ट मिडनाइट इन भोपाल: द एपिक स्टोरी ऑफ द वल्र्ड्स डेडलिएस्ट इंडिस्ट्रीयल डिजाज़स्टर' पर आधारित होगी। रिची मेहता ने नेटफ्लिक्स की अपनी सीरिज 'दिल्ली क्राइम' (Delhi Crime) के लिए काफी लोकप्रियता हासिल की थी। पिछले साल का 48वें अंतरराष्ट्रीय एमी पुरस्कार में रिची मेहता को सर्वश्रेष्ठ ड्रामा सीरीज का पुरस्कार भी मिला था।

इस वेब सीरीज को लेकर मेहता का कहना है कि, इस सीरिज के जरिए उनका मकसद लोगों को उस त्रासदी के बारे में 'निष्पक्ष' रूप से अवगत कराना है। जो शायद लोग भूल गए हैं।

रिची ने कहा कि, 'यह त्रासदी के 1980 के दशक में हुई थी। जिसके कारण युवाओं को इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है. ऐसे कई लोगों हैं, जिन्हे इसके बारे में कुछ नहीं पता और कुछ ने भारत तथा विदेश में इसके बारे में अटकलें सुनी है। इसलिए मुझे लगता है कि इसे निष्पक्ष रूप से और इस पर अच्छी तरह जानकारी हासिल कर पेश करना जरूरी है, जैसा कि किताब में लेखक ने किया है'

रिची के भाई शॉन मेहता इस सीरिज में उनके सह-लेखक होंगे। सीरिज में छह से आठ एपिसोड होने की संभावना है। इस सीरिज की शूटिंग 2022 की शुरुआत में शुरू की जाएगी.

भोपाल गैस ट्रेजेडी

साल 1984 में 2 और 3 दिसंबर की दरमियानी रात को भोपाल के 'यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री' (Union Carbide Factory) से जहरीली गैस 'मिथाइल आइसो साइनाइड' (Methyl isocyanate) रिसने लगी और हवा में फैल गई। इस जहरीली गैस से तकरीबन 15000 लोगों की मौत हो गई। जानकारों के मुताबिक 2 दिसंबर की रात 12:00 बजे कार्बाईड फैक्ट्री से गैस रिसना शुरू हुई और सुबह वॉल बंद किए जाने तक करीब 40 टन गैस रिस चुकी थी। बस कुछ ही घंटों में कई हजारों लोगों की मौत हो चुकी थी. यह त्रासदी विश्व भर के औद्योगिक इतिहास की सबसे बड़ी घटना है।



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Priya Panwar

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