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Alok Nath Birthday: संस्कारी बाबूजी रह चुके हैं रोमाटिक हीरो, इन फिल्मों में रोमांस देख यकीन नहीं करेंगे आप
Alok Nath Birthday: बॉलीवुड में बाबूजी के नाम से मशहूर अभिनेता आलोक नाथ अपने दमदार किरदारों से लोगों का दिल जीत लेते हैं।
Alok Nath Birthday: बॉलीवुड में बाबूजी के नाम से मशहूर अभिनेता आलोक नाथ अपने दमदार किरदारों से लोगों का दिल जीत लेते हैं। आलोक नाथ का जन्म 10 जुलाई 1956 में हुआ। वहीं इनका पिता एक डॉक्टर थे जबकि माता हाउसवाइफ थीं। इस साल आलोक नाथ अपना 65वां बर्थडे मना रहे हैं। तो आज हम आपको बताएंगे उनके बारे में कुछ दिलचस्प बातें..
आलोक नाथ बॉलीवुड फिल्मों के साथ-साथ टीवी जगत में भी जाने जाते हैं। आलोक नाथ बॉलीवुड की ज्यादातर फिल्मों में हीरो और हीरोइन के पिता का किरदार निभाया हैं। इनका यह रोल दर्शकों का मन मोह लिया। जिसके बाद इनका नाम 'संस्कारी बाबूजी' रखा गया।
आलोक नाथ की पढ़ाई
आलोक नाथ ने दिल्ली से ग्रेजुएशन किया हैं। कॉलेल के दिनों से ही उनका रिझाव अभिनय की तरफ था। जिसके बाद वह कॉलेज के रुचिका थिएटर से जुड़ गए। जहां पर आलोक नाथ ने तीन साल तक नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में अभिनय सीखा।
करियर की शुरुआत
आलोक नाथ फिल्म करियर की शुरुआत साल 1980 आई फिल्म 'गांधी' से की। इस फिल्म में उनका रोल बहुत छोटा था। जिसके बाद उन्हें 5 साल तक कोई दूसरा फिल्म नहीं मिला। फिर उन्होंने 2 साल तक पृथ्वी थिएटर में नादिरा बब्बर के साथ अभिनय किया। उस दौरान उन्हें फिल्म 'मशाल' के लिए एक छोटो सा रोल मिला। जिसे उन्होंने कर लिया। इसके बाद एक के बाद एक उन्होंने फिल्मे की जिसमें से 'हम आपके हैं कौन', 'विवाह', 'मैंने प्यार किया', 'एक विवाह' है। इसी के साथ आलोक नाथ ने 140 से अधिक फिल्मों में काम कर चुके हैं। बता दें कि इस सभी फिल्मों में उन्होंने पिता का किरदार निभाया। जिसे देख लोग अपने आसू को नहीं रोक सके।
इन फिल्मों मे निभा चुके हैं रोमांटिक हीरो का किरदार
बता दें कि संस्कारी बाबू टैग से मशहूर आलोक नाथ कई फिल्मों में रोमांटिंग हीरो का रोल प्ले कर चुके हैं। साल 1987 में आई फिल्म 'कामाग्नि' में आलोक नाथ ने बेहद रोमांटिक सींस दिए थे। इसके अलावा फिल्म 'बोल राधा बोल', 'विनाशक' और 'षड्यंत्र' वह खलनायक का रोल प्ले कर चुके हैं।
इन सीरियल्स में कर चुके हैं काम
आपको बता दें कि आलोक नाथ का ने कई प्रसिद्ध टीवी शोज किए हैं। जिसमें से ये रिश्ता क्या कहलाता है, विदाई, रिश्ते-नाते, दर्पण,बुनियाद, भारत एक खोज, , कभी-कभी, वो रहने वाली महलों की,तलाश, दाने अनार के, तारा, इम्तिहान, घर एक सपना, दो दिल बंधे एक डोरी से, तू मेरे अगल-बगल है, मेटे रंग में रंगने वाली।