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Amitabh Bachchan: कभी हार न मानने वाला एंग्री यंग मैन अमिताभ बच्चन साहब
Amitabh Bachchan Birthday: अमिताभ बच्चन की सफलता सर्वविदित है, लेकिन हममें से बहुतों ने अमिताभ बच्चन की असफलताओं के बारे में नहीं सुना होगा।
Amitabh Bachchan Birthday 11 October 2022: "असफलताएं ही सफलता की सीढ़ी होती हैं।" और ये बात अमिताभ बच्चन पर एकदम सटीक लागू होती है। एक एंग्री यंग मैन के रूप में मशहूर इस अभिनेता ने अपने जीवनकाल में कहीं अधिक असफलताओं को देखा है। अमिताभ बच्चन की सफलता सर्वविदित है, लेकिन हममें से बहुतों ने अमिताभ बच्चन की असफलताओं के बारे में नहीं सुना होगा।
आकाशवाणी से हुए रिजेक्ट
ऑल इंडिया रेडियो ने अमिताभ बच्चन को खारिज कर दिया था। क्योंकि आकाशवाणी को उनकी आवाज एक रेडियो जॉकी के लिए अनुपयुक्त लगी थी। लेकिन अमिताभ खुद पर काम करते रहे। विडंबना यह है कि कालांतर में इस अभिनेता के गहरे लहज़े और बेहतरीन डायलॉग डिलीवरी की शोहरत ने हदें पार कर दीं।
एक के बाद एक 12 फ्लॉप फिल्में
अपनी पहली बड़ी हिट फिल्म जंजीर से पहले फ्लॉप की बात करें तो अमिताभ को लगातार 12 फ्लॉप सहनी पड़ीं। जंजीर फिल्म के बाद अमिताभ का नाम 'एंग्री यंग मैन' रखा गया था। अपनी पहली ब्लॉकबस्टर हिट के बाद, अमिताभ की शायद ही कोई फ़िल्म फ्लॉप हुई।
दीवालिया हो गए
अमिताभ बच्चन 1995 में अपनी कम्पनी एबीसी लिमिटेड एबीसीएल के साथ फिल्म निर्माण में उतरने का फैसला किया। उनकी कम्पनी ने मिस वर्ल्ड 1996 आयोजित किया। लेकिन इसके बाद वह कई विवादों में फंस गए। जल्द ही वह अपनी बकाया राशि का भुगतान करने में असमर्थ हो गए और अमिताभ बच्चन ने कम्पनी को दिवालिया घोषित कर दिया। तब बच्चन ने यश चोपड़ा से बड़े पर्दे पर वापस आने का अनुरोध किया, जिसने 'मोहब्बतें' फ़िल्म को जन्म दिया और अमिताभ को नया जीवन मिला।
मौत की दहलीज
1983 में "कुली" की शूटिंग के दौरान अमिताभ बच्चन एक घातक दुर्घटना के शिकार हो गए। उनको इतनी गहरी चोट लगी कि मौत की दहलीज तक पहुंच गए थे। इस हादसे के बाद अमिताभ को कुछ वर्षों के लिए काम छोड़ना पड़ा था।
मायस्थेनिया बीमारी
कुली के सेट पर हुई दुर्घटना के बाद अमिताभ को मायस्थेनिया ग्रेविस नामक एक बीमारी हो गई जिसने उन्हें बेहद कमजोर कर दिया।
राजनीति से मोहभंग
1984 में अमिताभ बच्चन ने राजनीति में शामिल होने के लिए अभिनय से एक संक्षिप्त ब्रेक लिया। उन्होंने बड़ी जीत हासिल की, लेकिन 3 साल बाद राजनीति से मोहभंग होने के बाद सांसदी छोड़ दी।
अमिताभ बच्चन के जीवन से सीख
कुछ चीजें हैं जो हम अमिताभ बच्चन के जीवन से सीख सकते हैं। लगातार याद रखें कि निराशा का मतलब अंत नहीं है।
- हर निराशा हमें अपनी समृद्धि के करीब ले जाती है।
- कोई काम छोटा नहीं होता। काम कितना भी छोटा क्यों न हो, अपनी पूरी ऊर्जा लगाएं।
- वर्तमान में एक स्पष्ट रूप से अप्रासंगिक बात कल आपकी समृद्धि में एक महत्वपूर्ण हिस्सा हो सकती है।
- लगे रहना, प्रगति की महत्वपूर्ण कुंजी है।
- अपनी अपेक्षाएं ऊंची रखें और संयम दिखाएं।
- प्रगति के लिए कोई वैकल्पिक रास्ता नहीं है।
अमिताभ बच्चन से ये भी सीख मिलती है कि अपनी डिग्निटी को कायम रखना चाहिए। आपको दूसरों के लेवल पर नीचे नहीं गिरना चाहिए। अमिताभ उम्र के इस पड़ाव पर भी भरपूर एक्टिव हैं। उन्हें काम का पैशन है सो सिनेमा, केबीसी, विज्ञापन - सभी जगह शिद्दत से जुटे रहते हैं। अमिताभ के साथ के कितने ही लोग रिटायर हो गए, गुमनामी में चले गए या उनका अवसान हो गया। लेकिन गज़ब के जीवट वाले अमिताभ आज भी कायम हैं, पूरी मजबूती से।