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अनूप सोनी को क्राइम पेट्रोल के जरिए टेलीवुड में मिली नई पहचान, किए 1000 एपिसोड होस्ट
लखनऊ: प्यार, तकरार फिर वार.......यह लफ्ज सुनते ही दिमाग में, टेलीविज़न की दुनिया में अपनी पहचान बना रहा क्राइम शो क्राइम पेट्रोल पर आने वाली घटनाएं चलने लगती है। असली जिंदगी में हुए अपराधों घटनाओं को टीवी पर पेश करने का मक़सद लोगों को जागरूक करना है, न की अपराधियों को अपराध करने के लिए नई नई ट्रिक देना। यह कहना था क्राइम पेट्रोल के होस्ट अनूप सोनी का। शो के 1000 एपिसोड होस्ट करने की सफलता की ख़ुशी बांटने अनूप सोनी पहुंचे नवाबी नगरी लखनऊ ।
क्राइम पेट्रोल से बनी पहचान
गंगाजल और कई फिल्मो में अदाकारी कर चुके अनूप सोनी भले ही बॉलीवुड में अपनी पहचान नहीं बना पाए। लेकिन टेलीवुड की दुनिया में उन्होंने क्राइम पेट्रोल को होस्ट करते हुए 1000 एपिसोड पूरे कर लिए हैं। अनूप का मानना है कि टेलीविज़न में क्राइम शोज़ की दौड़ में बिना शामिल हुए क्राइम पेट्रोल एक ऐसा कार्यक्रम है, जो न सिर्फ उनके दिल के करीब है बल्कि जिसने अनूप सोनी को एक नई पहचान दी। हालांकि अनूप को एक्टिंग में और कुछ न करने का मलाल है। लेकिन क्राइम पेट्रोल का हिस्सा बनते हुए बहुत सी सीख मिलना बेहद संतोषजनक है।
एक किताब ने बदली अनूप की ज़िंदगी
दिल्ली नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा से एक्टिंग की ए बी सी डी सीखने के बाद अनूप सोनी ने दिल्ली से मुंबई का रुख किया। दिल्ली में मां का प्यार और घर का दुलार छोड़ बम्बई नगरिया में अपनी किस्मत आज़माने आए अनूप को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा, पैसे की कमी और काम न मिलने से परेशान अनूप ने वापस जाने का मन बना लिया था कि एक किताब में लिखी आगे बढ़ने के लिए आपको अपना आराम छोड़ना पड़ता है जैसी चंद लाइन ने उनमें कॉफिडेंस जगाते हुए उनकी पूरी ज़िंदगी ही बदल डाली।
मिलता है लोगों का पॉसिटिव रिस्पांस, तो अच्छा लगता है
क्राइम शोज़ ने लोगों के दिल में शक पैदा कर दिया है। इस बात से इंकार न करते हुए शो के होस्ट अनूप सोनी का कहना था कि सावधान होना बुरा नहीं है। वही अपने शो के कांसेप्ट की तारीफ करते हुए अनूप का कहना था कि जब लोग उन्हें आ कर पॉजिटिव फीडबैक देते हैं, तो उन्हें काफी अच्छा लगता है। यही नहीं उनका मानना है की अपराधी कभी किसी भी शो को देखकर अपराधी नहीं बनता बल्कि उसकी नीयत में खोट की वजह ही उसे अपराधी बनाती है।
पुलिस की मिलती है मदद
असली अपराध घटनाओ से प्रेरित शो होने की वजह से शो की रिसर्च टीम पुलिस के संपर्क में रहती है। जिसको पुलिस की चार्जशीट से शो बनाने में मदद मिलती है। यही नहीं शो की ख़ास बात यह है कि मुम्बई के असिस्टेंट कमिश्नर ने शो की 100 डीवीडी को अपने जवानों की ट्रेनिंग के लिए इस्तेमाल किया है। यही वजह है की शो की वास्तविकता और टीआरपी दोंनो बनी हुई है।