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Bollywood Boycott Culture: बॉलीवुड में "बॉयकॉट कल्चर "पर बोले अनुराग कश्यप, सुशांत सिंह राजपूत अभी भी ट्रेंड कर रहे
Bollywood Boycott Culture: बॉलीवुड में चल रहे बॉयकॉट कल्चर को लेकर अनुराग कश्यप का तीखा रिएक्शन आया है।जानिए क्या कहा फिल्म निर्माता सुशांत सिंह राजपूत के लिए।
Bollywood Boycott Culture: अनुराग कश्यप (Anurag Kashyap) बॉलीवुड के बेहतरीन फिल्म निर्माताओं में से एक हैं। उनकी फिल्मों ने अक्सर सीधे फैंस के दिलों में जगह बना ली है। खैर, कुछ हिट फिल्में बनाने के अलावा, फिल्म निर्माता अपने दिल की बात खुलकर कहने के लिए भी जाने जाते हैं। वो जो महसूस करते है उसे व्यक्त करने से कभी नहीं हिचकिचाते है। हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने अपने दिल के कई राज़ खोले। दरअसल अनुराग कश्यप तापसी पन्नू स्टारर फिल्म ' दोबारा' को लेकर एक बार फिर दर्शकों के बीच हैं। उन्होंने अपनी इस फिल्म के बारे में बात करी।
अनुराग कश्यप ने कहा कि आज अगर उन्हें ब्लैक फ्राइडे या गैंग्स ऑफ वासेपुर बनाना है, तो वो इसे नहीं बना सकते क्योंकि उन्होंने बहुत सारी स्क्रिप्ट लिखने की कोशिश की है लेकिन उनकी इन स्क्रिप्ट्स को कोई लेने वाला नहीं है जो राजनीति या धर्म के बारे में हैं। उन्होंने सवाल किया, "अगर कोई बहादुरी के साथ किसी ऐसे विषय पर फिल्म नहीं बना सकता , तो देश में कोई फिल्म कैसे बना सकता है? इन फिल्मों को कोई लेने वाला ही नहीं है, तो आप उन्हें कैसे बनायेगे हैं? आज के जमाने में अगर आपको अपनी बात लोगों तक पहुचानी है तो आप फिल्म कैसे बनाएंगे?"
बॉयकॉट की संस्कृति के बारे में बात करते हुए, अनुराग कश्यप ने खुलासा किया कि ऐसे आजकल सोशल मीडिया के ज़रिये ऐसे हैशटैग हैं जो फिल्म इंडस्ट्री के खिलाफ हथियारों में बदल जाते हैं। उन्होंने कहा कि सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) के लिए न्याय एक सामाजिक और राजनीतिक आंदोलन में बदल गया है जो अभी भी कभी-कभी इंटरनेट पर हावी हो जाता है और कई बॉलीवुड फिल्मों के बहिष्कार की आग को भड़कता है।
अनुराग ने आगे कहा कि देश में लोग अब "बॉयकॉट कल्चर " में जी रहे हैं, और इसी में सांस ले रहे हैं। "हम बहुत अजीब समय में रह रहे हैं। दो साल बाद भी सुशांत सिंह राजपूत आज भी हर दिन ट्रेंड करते हैं। ये अजीब समय है, जहां हर चीज का बहिष्कार करना है। सभी का बहिष्कार किया जा रहा है राजनीतिक दल, भारतीय क्रिकेट टीम, सभी। इस देश में अब बॉयकॉट कल्चर हावी हो चुका है। अगर आपका बहिष्कार नहीं किया जा रहा है, तो आपको कोई फर्क नहीं पड़ता।'लेकिन जिनके साथ ऐसा हो रहा है वो कुछ कह भी नहीं पा रहे।