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Anurag Kashyap : फिल्मों के बिजनेस और भाषा पर बात करते नजर आए अनुराग कश्यप, बोले- जैसे दर्शक, वैसे मेकर्स

Anurag Kashyap : अनुराग कश्यप की गिनती बॉलीवुड इंडस्ट्री के वर्सेटाइल फिल्म मेकर्स में होती है। वह एक ऐसे निर्माता है जो हमेशा अलग विषयों पर फिल्म बनाते हैं।

Richa Vishwadeepak Tiwari
Published on: 12 Dec 2023 10:12 AM GMT
Anurag Kashyap
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Anurag Kashyap 

Anurag Kashyap : अनुराग कश्यप बॉलीवुड इंडस्ट्री के एक ऐसी फिल्म मेकर है जिनकी फिल्में हमेशा लीक से हटकर होती है। वह जो भी फिल्में लेकर आते हैं वह पाथ ब्रेकिंग होती है और इसमें दिखाई गई कहानी दर्शकों के लिए हमेशा नई रहती है। उनकी कहीं फिल्में है जो हिट साबित हुई है जिनमें गुलाल, गैंग्स ऑफ़ वासेपुर, देव डी जैसी फिल्में शामिल हैं। कुछ समय पहले रिलीज हुई कैनेडी भी बहुत शानदार फिल्म है जिसे खान फिल्म फेस्टिवल में स्टैंडिंग ओवेशन मिला था। अब हाल ही में फिल्म मेकर को सिनेमा की भाषा और बिजनेस को लेकर बात करते हुए देखा गया।

क्या बोले अनुराग कश्यप

अनुराग कश्यप का कहना है कि हमारे यहां पर सिर्फ फिल्मों की कमाई के बारे में बात की जाती है लेकिन जब मैं विदेशी फिल्म फेस्टिवल का हिस्सा बनता हूं तो वहां पर सिनेमा और उसके आर्ट फॉर्म के बारे में बातें की जाती है। समाज का संतुलित होना बहुत जरूरी है। फिल्म मेकर ने कहा कि दर्शक अलग-अलग हो चुके हैं और फिल्मकार भी अलग हो गए हैं। अगर एक तबके का मेकर कोई फिल्म बनाता है तो दूसरे तबके के दर्शक उसे गालियां देने लगते हैं। जब दूसरे तबके का मेकर फिल्म बनाता है तो पहले तबके के दर्शक उसे गाली देते हैं। लेकिन सिनेमा एक ऐसा आर्ट है कि जो दर्शक देखेंगे वही फिल्म मेकर बनाएंगे। इसलिए आप जिस तरह की फिल्में देखना चाहते हैं उसके लिए आपको सिनेमा घर में जाना पड़ेगा वरना आप बस सोशल मीडिया पर ही बोलते रह जाएंगे।

भाषा पर कही ये बात

अनुराग को यहां सिनेमा में उपयोग होने वाली भाषा के बारे में भी बातें करते हुए देखा गया। उन्होंने कहा कि सिनेमा से हिंदी और उर्दू धीरे-धीरे खोती हुई जा रही है क्योंकि लोग अंग्रेजी में सोचते हैं और लिखते भी अंग्रेजी में ही है यहां तक की रोमन अंग्रेजी में स्क्रिप्ट तैयार की जाती है जबकि क्षेत्रीय सिनेमा अभी भी अपनी भाषा में ही लिख रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि लोग उर्दू के डायलॉग नहीं समझेंगे क्योंकि फिल्म उसे माहौल पर नहीं है अगर कोई डायलॉग डालता है तो वह बिल्कुल आउट ऑफ प्लेस लगता है।

सैम बहादुर पर दिया रिएक्शन

इस दौरान अनुराग कश्यप को विकी कौशल की फिल्म सैम बहादुर के बारे में बात करते हुए भी देखा गया। उन्होंने कहा कि फिल्म में भाषा को ट्रांसलेट करके इस्तेमाल किया गया है। जबकि असल में सम ब्रिटिश इंग्लिश बोलते थे। यही वजह है कि कहीं लोगों ने उसे अप्रमाणिक बोलकर खारिज कर दिया है और जिन लोगों को इस बारे में जानकारी नहीं है उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया है।

Richa Vishwadeepak Tiwari

Richa Vishwadeepak Tiwari

Content Writer

मैं रिचा विश्वदीपक तिवारी पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हूं। 2011 से मैंने इस क्षेत्र में काम की शुरुआत की और विभिन्न न्यूज चैनल के साथ काम करने के अलावा मैंने पीआर और सेलिब्रिटी मैनेजमेंट का काम भी किया है। साल 2019 से मैंने जर्नलिस्ट के तौर पर अपने सफर को शुरू किया। इतने सालों में मैंने डायमंड पब्लिकेशंस/गृह लक्ष्मी, फर्स्ट इंडिया/भारत 24, UT रील्स, प्रातः काल, ई-खबरी जैसी संस्थाओं के साथ काम किया है। मुझे नई चीजों के बारे में जानना, लिखना बहुत पसंद हैं , साथ ही साथ मुझे गाना गाना, और नए भाषाओं को सीखना बहुत अच्छा लगता हैं, मैं अपने लोकल भाषा से बहुत प्रभावित हु जिसमे , अवधी, इंदौरी, और बुंदेलखंडी आती हैं ।

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