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AR रहमान ने कहा- आज के युवाओं को हैं संगीत की अच्छी समझ

अपने रूहानी संगीत से दुनिया के लोगों का दिल जीतने वाले ऑस्कर विजेता संगीतकार ए.आर. रहमान का सुरों के साथ नाता ठीक वैसा ही है, जैसे आत्मा और शरीर का होता है। भारतीय संगीत की खुशबू अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर फैलाने वाले रहमान सूफी संगीत के कायल हैं और उनका कहना है कि सूफी संगीत रूह को सुकून देता है।

priyankajoshi
Published on: 19 Sept 2017 5:20 PM IST
AR रहमान ने कहा- आज के युवाओं को हैं संगीत की अच्छी समझ
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नई दिल्ली : अपने रूहानी संगीत से दुनिया के लोगों का दिल जीतने वाले ऑस्कर विजेता संगीतकार एआर रहमान का सुरों के साथ नाता ठीक वैसा ही है, जैसे आत्मा और शरीर का होता है। भारतीय संगीत की खुशबू अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर फैलाने वाले रहमान सूफी संगीत के कायल हैं और उनका कहना है कि सूफी संगीत रूह को सुकून देता है।

विश्व स्तर पर अपने संगीत का लोहा मनवाने वाले रहमान 18 नवंबर को नई दिल्ली में होने वाले एक सूफी संगीत कार्यक्रम का हिस्सा बनने जा रहे हैं, जिसे शांति को बढ़ाना देने के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है। रहमान ने यहां एक कार्यक्रम में इसकी आधिकारिक घोषणा की।

आयोजकों को किया धन्यवाद

उन्होंने बताया, 'मैं इस कार्यक्रम का हिस्सा बन बेहद गर्व महसूस कर रहा हूं। इस तरह का संगीत समारोह भारत में काफी लंबे समय से नहीं हुआ है, यह कई मायने में अलग है। मैं इस कार्यक्रम के आयोजकों को धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने मुझे इसमें शामिल किया।'

क्या है सूफीवाद?

रहमान के लिए सूफीवाद क्या है, यह पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'यह रूह को सुकून देने वाला होता है। इसके जरिए आप खुद को एक अलग नजरिए से देखते हैं। हम सभी को आध्यात्मिकता और प्यार की जरूरत है, जो सूफीवाद देता है। मैं मानता हूं कि यह कुछ ऐसा है, जिसे हम सभी को आपस में साझा करना चाहिए। सूफी संगीत शांति, स्वतंत्रता और विविधताओं की अभिव्यक्ति है।'

युवाओं को है संगीत की समझ

सूफी संगीत के प्रति युवाओं की समझ और उन्हें इस ओर आकर्षित करने के प्रयास के सवाल पर रहमान ने कहा, 'आज का युवा बहुत ही बुद्धिमान है। जो अच्छा है, वह उसे खुद तलाश कर लेते हैं। वह जो सुनना चाहते हैं, वह उसे वास्तव में सुनते हैं फिर चाहे वह पारंपरिक संगीत हो या सूफी। मुझे लगता है कि अधिक शुद्ध और पारंपरिक संगीत युवाओं को बहुत आकर्षित करता है और वह उसका आनंद उठाते हैं।'

फिल्म निर्देशक इम्तियाज अली ने हाल ही में कहा था कि रहमान पर भी बायोपिक बननी चाहिए, लेकिन कुछ समय बाद। अगर बायोपिक बनती है तो इसमें रहमान का किरदार कौन निभाएगा, वह इस बारे में क्या सोचते हैं? यह पूछने पर रहमान ने मुस्कुराते हुए कहा, 'अच्छी बात है, वह बहुत अच्छे शख्स हैं। वह इसके लिए सर्वश्रेष्ठ हैं। रही बात बायोपिक के अभिनेता की, तो मेरे हिसाब से यह निर्देशक पर निर्भर करेगा।'

दुनियाभर में लाखों प्रशंसक

ऑस्कर, गोल्डन ग्लोब जैसे विश्व प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किए जा चुके रहमान के दुनियाभर में लाखों प्रशंसक हैं। आपने अपने विभिन्न समुदाय, परिवेश और भाषाओं के लोगों को अपने संगीत का दीवाना बनाया है और कहा जाता है कि रहमान का संगीत लोगों के दिलों को छूता है।

संगीत को दिल से सुने

इस बात पर रहमान कहते हैं, 'मेरा संगीत एक बीज की तरह है, आप केवल पेड़ को देखकर इसका अंदाजा नहीं लगा सकते, इसके लिए आपको इसे अपने अंदर उतारना होगा। मुझे खुशी है कि लोग इसे दिल से महसूस करते हैं। संगीत हमें सकारात्मकता से भरता है और अगर मेरे संगीत से किसी को सकारात्मकता मिलती है, तो यह अच्छी बात है। आपको संगीत के फायदे हासिल करने के लिए, इसे दिल से सुनना होगा।'



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priyankajoshi

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इन्होंने पत्रकारीय जीवन की शुरुआत नई दिल्ली में एनडीटीवी से की। इसके अलावा हिंदुस्तान लखनऊ में भी इटर्नशिप किया। वर्तमान में वेब पोर्टल न्यूज़ ट्रैक में दो साल से उप संपादक के पद पर कार्यरत है।

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