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Diary Review: लेटेस्ट थ्रिलर मूवी "डायरी" आपको आपके सीट पर बिठाए रखेगी, शानदार फिल्म
Diary Review: साउथ फिल्म इंडस्ट्रीज कि हालिया रिलीज फिल्मों ने लाखों दर्शकों के दिल चुराया है और उन्हें अपनी फिल्म की कहानी और उस कहानी में आए मोड़ और सस्पेंस से लोगों को अपनी सीटों पर जमे रहने पर मजबूर किया है।
DIARY Review: साउथ फिल्म इंडस्ट्रीज कि हालिया रिलीज फिल्मों ने लाखों दर्शकों के दिल चुराया है और उन्हें अपनी फिल्म की कहानी और उस कहानी में आए मोड़ और सस्पेंस से लोगों को अपनी सीटों पर जमे रहने पर मजबूर किया है। इस बीच अपनी बैक टू बैक रिलीज हुई फिल्मों के बाद अरुलनिथी एक बार फिर अपनी थ्रिलर फिल्म "डायरी" के साथ सिनेमा घरों में और बड़े परदे पर छाने के लिए वापस आए हैं।
आपको बता दें कि, अरुलनिथी की लेटेस्ट फिल्म "डायरी" आज सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है और अरुलनिथी कि ये पिछले 2 महीनों में यह उनकी तीसरी रिलीज है। डायरी एक खोजी रहस्य थ्रिलर है जो अरुलनिथि की स्पेशलिटी है और यह नवोदित इन्नासी पांडियन द्वारा निर्देशित है। बता दें कि इस फिल्म के टीज़र और ट्रेलर ने पहले ही दर्शकों को एक अच्छे लेवल पर अपनी तरफ आकर्षित कर लिया था और फिल्म प्रेमियों के अंदर एक्साइटमेंट भर दी थी। वहीं क्या ये फिल्म अपने वादे पर खरी उतरी है? आइए जानते हैं
जहां अभिनेता अरुलनिथी एक के बाद एक रिलीज को लेकर काफी बिजी हैं। वहीं एक महीने के अंतराल में फिल्म "डायरी" उनकी तीसरी रिलीज है और तीनों फिल्में थ्रिलर जोन कि हैं। यह फिल्म नवोदित इनासी पांडियन द्वारा निर्देशित है और इससे उम्मीदें पहले ही दिन से ही बहुत बड़ी थीं, खासकर जब अरुलनिथि बोर्ड में आई थी।
वहीं कहानी कि बात करें तो वर्धन अन्नादुरई अरुलनिथी शहर में एक नया पुलिस वाला है और वह एक कोल्ड ब्लड वाले मामले को संभालता है और ये कैसे की छानबीन उसे ऊटी ले जाती है। उसे एसोसिएट पवित्रा (पवित्रा मारीमुथु) के साथ काम करना है। जैसे ही वह मामले की और जांच-पड़ताल करना शुरू करता है, उसे एक बस में ले जाया जाता है जो ऊटी से कोयंबटूर जा रही है। जांच एक अलग मोड़ लेती है क्योंकि बस में उनमें से प्रत्येक के साथ कुछ अलग होता रहता है। क्या होता हे उनके साथ? वे उस बस में क्यों हैं? यह सब जो एक साथ बस में होते हैं वह कहानी की जड़ बनाते हैं।
यह फिल्म इन्नासी पांडियन द्वारा निर्देशित है जो एक ऐसी कहानी लेकर आई है जो बहुत ही दिलचस्प है। वह रियल में इस प्वाइंट पर नहीं पहुंचता है, बल्कि खराब लिखी गई कॉमेडी के उपयोग से पिछड़ने का ऑप्शन चुनता है। ये दृश्य कुछ और नहीं बल्कि कहानी के प्लॉट को आगे बढ़ाने का एक में स्पीड ब्रेकर बन जाते हैं। कहानी पहले हाफ में थोड़ी स्लो है लेकिन बाद में गति पकड़ती है और तभी फिल्म "डायरी" और दिलचस्प हो जाती है। फिल्म का प्री-इंटरवल आधार सिर्फ धमाकेदार है। दूसरे भाग में, फिल्म कई ट्विस्ट और टर्न से भरी हुई है - कुछ का अनुमान लगाया जा सकता है।
यह बहुत क्लियर है कि अरुलनिथी ऐसी स्क्रिप्ट चुन रहे हैं जिनमें प्रदर्शन करने और अपनी एबिलिटी साबित करने की अच्छी गुंजाइश हो। उन्होंने एक शानदार प्रदर्शन दिया और यह फिल्म की नीड्स के लिए सूटेबल है।
इस फिल्म के सहायक कलाकारों में कई युवा और छोटे रोल के कलाकार हैं जो सिमिलर रूप से हाइलाइट हुए हैं। वहीं रॉन एथन योहान का संगीत और बीजीएम फिल्म में जान डाल देते हैं। अरविंद सिंह की सिनेमेटोग्राफी निशान तक है और यह देखने में काफी आकर्षक है।
बता दें कि, कुल मिलाकर फिल्म "डायरी" देखने लायक है। डेब्यू डायरेक्टर इन्नासी पांडियन ने दर्शकों को प्रभावित करने और उनका मनोरंजन करने के लिए इस थ्रिलर में हर संभव तत्व की पेशकश की है। वह पहले हाफ में कुछ मूर्खतापूर्ण कॉमेडी दृश्यों से बच सकते थे।