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Aryan Khan Cruise Drugs Case: अगर फंसे आर्यन खान तो मिल सकती है ये सजा, जानें NCB ने कैसे किया क्रूज़ पार्टी का भंडाफोड़
Aryan Khan Cruise Drugs Case: स्टार किड आर्यन खान इस मामले में पकड़े गए हैं। आर्यन की गिरफ्तारी के बाद से पूरे सिनेमा जगत में खलबली मच गई है।
Aryan Khan Cruise Drugs Case: जिस दिन भारत 'गांधी जयंती' मना रहा था उसी दिन बॉलीवुड के किंग शाहरुख़ खान के बेटे आर्यन खान (Shahrukh Khan son aryan khan) को क्रूज़ पार्टी (cruise party) से NCB ने हिरासत में लिया था, जो मुंबई से होते हुए गोवा जा रही थी। आर्यन की गिरफ्तारी (Aryan ki giraftari) के बाद से पूरे सिनेमा जगत में खलबली मच गई है। वैसे तो पिछले साल दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) के मौत के बाद से ही बॉलीवुड में ड्रग मामला (bollywood drug case) उजागर हुआ है। जिसके बाद से NCB लगातार इस मामले पर कई सितारों से पूछताछ कर चुकी हैं, तो कईयों के घर छापा भी मारा जा चुका है। जिसके बाद अब स्टार किड आर्यन खान (Star Kid Aryan Khan) भी इस मामले में पकड़े गए हैं। लेकिन इस मामले में सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि आखिर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) को क्रूज़ पार्टी के बारे में किसने जानकारी दी ? कैसे लगी NCB को इसकी भनक? कैसे NCB की टीम ने मौके पर पहुंच कर इस हाई प्रोफाइल ड्रग पार्टी का भंडाफोड़ किया? चलिए जानते हैं इन सभी सवालों के जवाब..
आपको बता दें, NCB ने हाल ही में कुणाल जानी (Kunal Jani) नाम के होटल मालिक को गिरफ्तार किया था। ये दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के मित्र हुआ करते थे। खबरों की माने तो पूछताछ के दौरान NCB को कुणाल ने ही क्रूज पार्टी के बारे में जानकारी दी थी। इसी आधार पर ही NCB पूरे प्लान के साथ शिप पर छापेमारी करने पहुंची थी जिसे उन्होंने सफलता पूर्वक अंजाम भी दिया। जो अब तक की NCB की सबसे बड़ी छापेमारी बताई जा रही है।
दिन पर दिन क्रूज पार्टी केस बड़ा रूप लेता जा रहा है। NCB के बाद मुंबई पुलिस भी इस केस में आ चुकी हैं। वह भी क्रूज पर हुई पार्टी की जांच में जुट गई है। वहीं आर्यन खान अब ड्रग केस के चलते 7 अक्टूबर तक के लिए NCB की कस्टडी में हैं।
आइए जानते हैं अगर इस केस में आर्यन खान फंसे तो उनको क्या सजा मिल सकती हैं और ड्रग्स सेवन सम्बंधित कानून क्या है?
एंटी ड्रग्स कानून (anti drugs law)
नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस एक्ट यानी NDPS एक्ट 1985 और NDPS एक्ट 1988 ये दो मुख्य कानून हैं, जिसे भारत में ड्रग्स संबंधित मामलों में लागू किया गया है। ड्रग्स का सेवन करना, बेचना, बनाना, उसका व्यापार करना सभी इसी कानून के अंदर आते हैं।
भारत में ड्रग्स पॉलिसी (Drug Policy in India)
भारत के संविधान में article 47 के तहत ड्रग्स नियंत्रण के लिए पॉवर मिले हैं।
03 श्रेणियों में कानून
-LSD , मेथ जैसे साइकोट्रॉपिक पदार्थ
-चरम, गांजा, अफीम जैसे नारोकोटिक पदार्थ
-मादक पदार्थों के केमिकल मिश्रित पदार्थ
कितने सालों की सजा (Kitne Salon Ki Saza)
NDPS एक्ट के तहत सजा इस बात से तय होगी कि आरोपी के पास कितनी मात्रा में ड्रग्स हैं। अगर उसके पास एक किलो से कम ड्रग्स मिलते हैं तो उस ड्रग्स रखने को व्यावसायिक नहीं माना गया है। अगर किसी के पास से निजी तौर पर ड्रग्स मिलते हैं तो उसे कम से कम 10 साल तक की जेल, वही कामर्शियल तौर पर ड्रग्स रखने पर 20 साल की कैद हो सकती है।