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आशा पारेख को देखकर एक्टर कहते थे दिल देके देखो, पर किसके लिए धड़का इनका दिल
मुंबई: जिनको देखकर 60-70 के दशक के हीरो कहते थे दिल देके देखो, जो थी हर दिल की धड़कन फिर क्यों रह गई वो एक्ट्रेस सारी उम्र अकेले। ये बात जब बीते जमाने की मशहूर एक्ट्रेस आशा पारेख के लिए कही गई है। इसके जवाब में खुद आशा पारिख का कहना है कि दिवंगत फिल्मकार नासिर हुसैन इकलौते ऐसे शख्स हैं, जिनसे उन्होंने प्यार किया था।
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हुसैन की फिल्म दिल देके देखो (1959) से ही आशा पारेख ने फिल्मी दुनिया में आगाज किया था। दोनों ने तीसरी मंजिल और कारवां सहित सात फिल्मों में साथ काम किया था। फिल्म इंडस्ट्री आशा पारेख और नासिर हुसैन रिलेशनशीप से वाकिफ थी।
दोनों के निजी संबंधों से जुड़ी बातें आशा पारेख की आत्मकथा द हिट गर्ल में सामने आई हैं। अपने जीवन के प्यार के बारे में आशा ने कहा, नासिर साब ही एकमात्र ऐसे इंसान थे जिससे उन्होंने प्यार किया। उनके जीवन में जो लोग मायने रखते हैं, अगर उनका जिक्र वे अपनी आत्मकथा में ना करें तो फिर इसे लिखने का कोई अर्थ ही नहीं है।
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अपनी जिंदगी के इस नाजुक पहलू को बखूबी संभालने का श्रेय वह अपनी आत्मकथा के असिस्टेंट राइटर खालिद मोहम्मद को देती हैं। आशा पारेख ने इस बात का खुलासा किया कि वह हुसैन को उनके परिवार से कभी भी अलग नहीं करना चाहती थीं, इसलिए उन्होंने शादी नहीं की।
आशा ने कहा, वे कभी भी घर तोड़ने वाली नहीं रही। उनके और नासिर साहब के परिवार के बीच कभी कोई अनबन नहीं हुई।आशा जी ने कहा बुक लॉन्च के मौके पर नुसरत (हुसैन की बेटी) और इमरान खान (नाती) को देखकर उन्हें बहुत खुश हुई। उन्हें लगता है कि उन्होंने अपने जीवन को गरिमापूर्ण रूप से और बिना किसी को तकलीफ पहुंचाए जिया है।