Bandaa Singh Chaudhary : वफ़ादारी, हार और भारत की आत्मा की लड़ाई की एक दमदार गाथा

Bandaa Singh Chaudhary : बंदा सिंह चौधरी राजनीतिक उथल-पुथल की एक और कहानी नहीं है - यह वफ़ादारी और राष्ट्र की आत्मा की रक्षा के लिए लड़ाई की एक दिल दहला देने वाली गाथा है।

Ashutosh Tripathi
Published on: 14 Oct 2024 12:00 PM GMT
Bandaa Singh Chaudhary : वफ़ादारी, हार और भारत की आत्मा की लड़ाई की एक दमदार गाथा
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Lucknow News : 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद एक नई लड़ाई उभरी - जिसने भारत के मूल ढांचे को खतरे में डाल दिया। इन सबमें पंजाब बढ़ते सांप्रदायिक तनाव का केंद्र बन गया, जहां हिंदू और सिख समुदाय हिंसा से अलग हो गए और छाया में छिपे पाकिस्तान की ISI ने कलह की आग को हवा दी।

बंदा सिंह चौधरी राजनीतिक उथल-पुथल की एक और कहानी नहीं है - यह वफ़ादारी और राष्ट्र की आत्मा की रक्षा के लिए लड़ाई की एक दिल दहला देने वाली गाथा है। अराजकता के बीच एकता की तलाश करने वाले टूटे हुए समुदायों की कहानी को दमदार तरीके से दर्शाती है यह फिल्म।

शानदार अभिनय और एक मनोरंजक कहानी के साथ बंदा सिंह चौधरी दर्शकों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव होने वाला है। जब यह फिल्म 25 अक्टूबर को सिनेमाघरों में आएगी, तो एक ऐसी कहानी के लिए खुद को तैयार रखें, जो इतिहास से परे है, एकता और राष्ट्र के लिए दिल से लड़ने का क्या मतलब होता है, यह आपको फिल्म के है सीन में दिखेगा।

अरबाज खान प्रोडक्शन, सीमलेस प्रोडक्शंस एलएलपी और अक्स मूवीज एंड एंटरटेनमेंट के सहयोग के बैनर तले बनी फिल्म बंदा सिंह चौधरी जिसका निर्माण अरबाज खान और मनीष मिश्रा ने किया है।

Rajnish Verma

Rajnish Verma

Content Writer

वर्तमान में न्यूज ट्रैक के साथ सफर जारी है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। मैने अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत इंडिया एलाइव मैगजीन के साथ की। इसके बाद अमृत प्रभात, कैनविज टाइम्स, श्री टाइम्स अखबार में कई साल अपनी सेवाएं दी। इसके बाद न्यूज टाइम्स वेब पोर्टल, पाक्षिक मैगजीन के साथ सफर जारी रहा। विद्या भारती प्रचार विभाग के लिए मीडिया कोआर्डीनेटर के रूप में लगभग तीन साल सेवाएं दीं। पत्रकारिता में लगभग 12 साल का अनुभव है। राजनीति, क्राइम, हेल्थ और समाज से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी है।

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