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Bappi Lahiri Passes Away: खर्राटों के दौरान सांस रुक जाने से हुई बप्पी लहरी की मौत

Bappi Lahiri Passes Away: बप्पी दा की मौत ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया यानी सोते समय सांस रुक जाने की वजह से हुई है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Monika
Published on: 16 Feb 2022 11:38 AM IST
Bappi Lahiri
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बप्पी लहरी (फोटो : सोशल मीडिया )

Bappi Lahiri Passes Away: भारत ने अपनी स्वर कोकिला लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) को खोने के ठीक 10 दिन बाद, स्टाइलिश गायक बप्पी लहरी ने आज मुंबई में अंतिम सांस ली। बताया जाता है कि बप्पी दा की मौत ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (obstructive sleep apnea) यानी सोते समय सांस रुक जाने की वजह से हुई है।

अस्पताल के निदेशक डॉक्टर दीपक नामजोशी ने बताया है कि बप्पी लहरी (Bappi Lahiri) को फेफड़ों में संक्रमण के कारण एक महीने के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था, ये संक्रमण भी ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (ओएसए) के कारण हुआ था। पिछले सोमवार को बप्पी लहरी को छुट्टी दे दी थी और वह बिल्कुल ठीक थे। उनकी स्थिति एकदम सामान्य थीं। लेकिन मंगलवार यानी 15 फरवरी को उनका स्वास्थ्य बिगड़ गया जिसके बाद उन्हें अस्पताल लाया गया। उन्हें कई स्वास्थ्य समस्याएं डेवलप हो गईं थीं। आधी रात से कुछ समय पहले ओएसए (ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया) के कारण उनकी मृत्यु हो गई।

क्या है ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया

(What is obstructive sleep apnea)

स्लीप एपनिया यानी सोते समय सांस रुक जाने के कई विकार हैं, जिनमें से ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया सांस के सबसे श्वास विकारों में से एक है। यह तब होता है जब किसी व्यक्ति की सांस सोते समय बार-बार रुकती है और चालू हो जाती है।

ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (ओएसए) में सोते समय ऊपरी वायुमार्ग किसी चीज से अवरुद्ध हो जाता है। रुकावट के कारण इंसान के डायफ्राम और छाती की मांसपेशियों को फेफड़ों में हवा खींचने और वायुमार्ग को खोलने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है। जब ऐसा होता है तब इंसान की सांस हलकी पड़ने लगती है और वह थोड़ी देर के लिए सांस लेना बंद कर सकता है और फिर जोर से झटके या हांफते हुए फिर से सांस ले सकता है। ओएसए से पीड़ित लोग भले ही ठीक से न सोएं लेकिन उन्हें शायद पता नहीं है कि उनके साथ सोते समय ऐसा हो रहा है। यह आम तौर पर तब होता है जब वायुमार्ग की मांसपेशियां जरूरत से ज्यादा शिथिल पड़ जाती हैं। इससे इंसान का गला संकरा हो जाता है। सोते समय जब ऐसा होता है तो झटके से नीद खुलती है और वायुमार्ग चालू हो जाता है लेकिन सुबह जागने पर किसी को याद नहीं रहता कि रात में क्या हुआ था। ओएसए के गंभीर मामलों में सांस रुकने-खुलने का एपिसोड एक घंटे में कई बार हो सकता है। मोटापा, सूजन वाले टॉन्सिल और यहां तक कि एंडोक्राइन डिसऑर्डर या हार्ट फेलियर जैसी स्वास्थ्य समस्याएं भी ओएसए का कारण बन सकती हैं।

ओएसए के लक्षण

(Symptoms of OSA)

-जोर से खर्राटे लेना स्लीप एपनिया के सबसे आम लक्षणों में से एक है।

-दिन में बहुत नींद आना

-नींद के दौरान सांस रुकने को किसी के द्वारा देखा जाना

-हांफने या घुटन के साथ अचानक जागना

-सूखे मुँह या गले में खराश के साथ जागना

-सुबह का सिरदर्द

-दिन के दौरान ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई

-मनोदशा में बदलाव, जैसे अवसाद या चिड़चिड़ापन

-उच्च रक्त चाप

-कामेच्छा में कमी

-स्लीप एपनिया का इलाज

ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के लिए सामान्य उपचारों में सांस के मार्ग को खोलने तथा वायुमार्ग में सकारात्मक दबाव बनाए रखने के लिए एक उपकरण का उपयोग शामिल है। नींद के दौरान निचले जबड़े को आगे बढ़ाने के लिए डॉक्टर माउथपीस का भी इस्तेमाल करते हैं। कुछ मामलों में सर्जरी भी एक विकल्प है। कुछ चिकित्सक जुबान के व्यायाम की भी सलाह देते हैं।



Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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