×

INTERVIEW: एक से बढ़कर एक हैं यह कलाकार, दुनिया बदलने का जज्बा रखते हैं इनके विचार

By
Published on: 9 April 2017 6:43 PM IST
INTERVIEW: एक से बढ़कर एक हैं यह कलाकार, दुनिया बदलने का जज्बा रखते हैं इनके विचार
X

संध्या यादव

लखनऊ: 'बच्चे मन के सच्चे' ये लाइन तो आपने सुनी ही होगी। साथ ही आपने यह भी सुना होगा कि बच्चों का मन उस कच्चे घड़े की तरह होता है, जिसे आप जितना ठोकोगे-पीटोगे, वह उतना ही गोल और सुंदर बनेगा। लेकिन कभी-कभी कुछ ज्यादा ही खूबसूरत बनाने के चक्कर में उसे इतना ज्यादा ठोंक-पीट दिया जाता है कि वह अपनी खूबसूरती खो देता है।

कहने की बात यह है कि बच्चे इस देश का भविष्य हैं और आजकल एंटरटेनमेंट की दुनिया में जिस तरह की फिल्में और सीरियल बन रहे हैं, वह सिर्फ टीआरपी बढ़ाने और पैसा कमाने के लिए बन रहे हैं। बच्चों में अच्छे संस्कार और मैसेज फैलाने वाले प्रोग्राम में कमी आ गई है। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए कानपुर रोड स्थित लखनऊ के फेमस सिटी मोंटेसरी स्कूल में आजकल इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है। जहां हर रोज बच्चों को शिक्षाप्रद और मनोरंजन से भरी फिल्में दिखाई जा रही हैं।

सिटी मोंटेसरी स्कूल के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के पांचवे दिन इसे और भी ज्यादा इंट्रेस्टिंग बनाने के लिए बच्चों के बीच उनके फेवरेट बाल कलाकार भावेश, सबकी चहेती क्यूट सी कॉमेडियन सलोनी और सीरियल 'बालवीर' की भटकानी परी यानी की मनीषा ठक्कर पहुंचे। टीवी के इन चहेते कलाकारों को अपने सामने पाकर बच्चे काफी खुश हुए। तो इन स्टार्स ने भी अपने-अपने तरीके से छोटे-छोटे बच्चों का हौसला बढ़ाया। Newstrack.com से हुई बातचीत में इन सभी सितारों ने कुछ यूं अपने दिल की बातें शेयर की।

आगे की स्लाइड में देखिए क्या है वीरा के वीर रह चुके चाइल्ड आर्टिस्ट भावेश बालचंदानी का इंटरव्यू

bhavesh-balchandani

सीरियल 'एक वीर की अरदास वीरा' में रणविजय के बचपन का किरदार निभाने वाले भावेश बालचंदानी को कौन नहीं जानता है? एक भाई-बहन के बीच कितना प्यार होता है? कुछ इन्हीं जज़्बातों की कहानी था सीरियल 'एक वीर की अरदास वीरा'। भावेश बालचंदानी बताते हैं कि रियल लाइफ में उनकी कोई बहन नहीं है। हां, एक कज़िन जरूर है, जिसे वह वीरा ऑनस्क्रीन बहन की तरह ही प्यार करते हैं। जल्द ही अपकमिंग सीरियल 'बालकृष्ण' में भावेश भगवान कृष्ण का रोल निभाने वाले हैं, जिसके बारे में। उन्होंने अपने विचार व्यक्त किए पेश हैं उनसे बातचीत की रिपोर्ट-

प्रश्न: भगवान कृष्ण का रोल निभा रहे हैं, ऐसे में आपके सामने कैसे चैलेंजेस हैं?

उत्तर: अब तक मैंने जितने भी सीरियल किए हैं, उनमें मैं काफी शांत और सीधा टाइप का बना हूं। यह मेरा दूसरा माइथोलॉजिकल शो है। वैसे मुझे यह किरदार करने में मजा आ रहा है, लेकिन कुछ डायलॉग थोड़ा सा डिफिकल्ट होते हैं।

प्रश्न: भगवान का रोल निभाने में कौन सी बातें ध्यान में रखनी होती हैं?

उत्तर: जब आप कोई ऐसा कैरेक्टर प्ले करते हैं, तो आपको अपनी लैंगवेज़ वगैरह में सॉफ्टनेस लानी होती है। हां, कॉस्टयूम काफी हैवी होती है।

प्रश्न: कृष्ण से आप खुद को कितना मैच करते हैं और क्या उनकी तरह ही गोपियां आपकी भी दीवानी हैं?

उत्तर: कृष्ण का रोल करना अपने आप में सबसे बड़ा चैलेंज है वह नटखट तो थे, पर शांत भी थे। ऐसे में उनकी तरह ही काफी नटखट हूं। सेट पर सबको किसी न किसी तरह से परेशान करता रहता हूं और गोपियां तो मेरी भी कई सारी दीवानी हैं। (हंसते हुए) अक्सर जब कहीं जाता हूं, तो मेरी उम्र की गोपियां ऑटोग्राफ लेने आ जाती हैं।

प्रश्न: सेट पर आपका बेस्ट फ्रेंड कौन है?

उत्तर: बालकृष्ण के सेट पर जो मेरे भैया यानि की बलराम बने हैं, वही मेरे बेस्ट फ्रेंड हैं। भले ही वह मेरे ऑनस्क्रीन भाई हैं, लेकिन हम दोनों में सगे भाइयों से भी ज्यादा प्यार है। दोनों सेट पर मिलकर मस्ती करते हैं।

प्रश्न: पढ़ाई और शूटिंग को कैसे मैनेज करते हैं, फिल्मी दुनिया के बारे में क्या ख्याल है?

उत्तर: शूटिंग से ब्रेक मिलते ही पढ़ाई कर लेता हूं मेरा फेवरेट सबजेक्ट मैथ्स तो बिलकुल नहीं है। (हंसते हुए) अक्सर सेट पर ही मेरी ट्यूशन टीचर पढ़ाने के लिए आ जाती हैं। हाल ही में मैंने टेंथ के एग्जाम दिए हैं और अभी तो मैंने एक्टिंग की दुनिया के कुछ स्टेप पार किए हैं, आप सबकी दुआ रही, तो जल्द ही बॉलीवुड में भी दिखाई दूंगा।

आगे की स्लाइड में पढ़िए सीरियल बालवीर में 'भटकानी परी' का रोल निभा चुकी एक्ट्रेस मनीषा ठक्कर का इंटरव्यू

बच्चों की नंबर एक पसंद रह चुका टीवी शो 'बालवीर' में सबको भटकाने वाली परी यानी की भटकानी परी का रोल निभाने वाली एक्ट्रेस मनीषा ठक्कर रियल लाइफ में भी उतनी ही नॉटी और समझदार हैं। उनका कहना है कि ऑफ एयर होने के बाद भी उनकी भटकानी परी वाली हरकतें अभी कम नहीं हुई हैं।

मनीषा कहती हैं कि 'बालवीर' एक ऐसा शो था, जो गलत राह पर जाते हुए बच्चों को अच्छी सीख देता था। उनका कहना है कि आजकल के बच्चे बहुत ज्यादा इंटेलिजेंट होते हैं। बड़ों से घुलना-मिलना आसान होता है, लेकिन बच्चों से मुश्किल अगर उन्हें कुछ नहीं पसंद होता है, तो वह साफ मना कर देते हैं और सामने पर ही कह देते हैं। मन में कभी कोई जहर नहीं रखते हैं। पेश है उनसे बातचीत की एक रिपोर्ट-

प्रश्न: सीरियल बालवीर का क्या उद्देश्य था?

उत्तर: इस शो का बस मेन एक ही उद्देश्य था - बच्चों को सही रास्ता दिखाते हुए उन्हें सत्य और ईमानदारी के रास्ते पर चलने का संदेश देना। कुछ बच्चे अपने पैरेंट्स की बात नहीं मानते हैं। पर उन्हें ध्यान रखना चाहिए कि बिना पैरेंट्स आप कुछ भी नहीं हो। लाइफ के हर कदम पर पैरेंट्स का सपोर्ट जरूरी है। लेकिन हां, पैरेंट्स को भी कभी बच्चों की बातें अनसुनी नहीं करनी चाहिए।

प्रश्न: अपने एक्टिंग करियर के बारे में कुछ बताइए?

उत्तर: मैंने एक्टिंग की शुरुआत सीरियल 'सास बिना ससुराल' से की थी। फिर मैंने सीरियल 'डोली अरमानों की' में भी काम किया था। इसके अलावा मैं कमर्शियल ऐड भी करती रहती हूं। सीरियल बालवीर के रोल 'भटकानी परी' से मुझे नई पहचान मिली।

प्रश्न: ग्लैमर की दुनिया से निकालने के बाद आपकी लाइफ कैसी है?

उत्तर: कैमरे के पीछे से मैं एक स्वीट इनोसेंट नॉर्मल पर्सन थी, हूं और हमेशा रहूंगी मैं कर्म में यकीन रखने वाली लड़की हूं। मेरा मानना है कि अगर आप किसी के साथ बुरा बर्ताव करते हो, तो उसे वापस पाने के लिए भी तैयार रहना चाहिए क्योंकि ज़िंदगी एक घूमती हुई साइकिल है, जिसमें जो इंसान सामने वाले के साथ जैसा करता है, उसे वापस वैसे ही मिलता है। इसलिए पर्दे के पीछे मैं अपनी ज़िंदगी को खुलकर नॉर्मल इंसानों की तरह जीती हूं। मैं रियल लाइफ में एक काफी फनी लड़की हूं, जिसे आप प्रैन्क मास्टर कहेंगे, तो गलत नहीं होगा।

प्रश्न: बॉलीवुड की कौन सी एक्ट्रेस आपकी फेवरेट है और क्यों?

उत्तर: करीना कपूर खान वो इसलिए क्योंकि वह जो कुछ भी करती हैं, बिल्कुल दिल से करती हैं। उनकी एक्टिंग नेचुरल होती है। कहीं बनावटीपन नहीं नहीं लगता है। मैं खुद को भी उनके जैसा ही पाती हूं, जिसे किसी आजाद पंक्षी की तरह ही रहना पसंद है।

प्रश्न: आपकी हॉबीज क्या-क्या हैं और इस फील्ड में होने पर फैमिली को कैसे मैनेज करती हैं?

उत्तर: मुझे सिंगिंग का शौक है। (हंसते हुए) वैसे आपको बता दूं कि मैं एक टैरो कार्ड रीडर भी हूं। इसके अलावा मुझे सबसे बड़ा सपोर्ट अपनी फैमिली का ही है। खासकर मेरे हसबैंड और मेरी सास का। इन फ़ैक्ट, मेरी सास ही मुझे सबसे ज्यादा इंस्पायर करती हैं। मैं भगवान का शुक्रिया अदा करती हूं कि उन्होंने मुझे ऐसी फैमिली दी।

प्रश्न: बच्चों के पैरेंट्स को क्या कहना चाहेंगी?

उत्तर: मैं जहां भी जाती हूं। सभी बच्चों के पैरेंट्स से एक ही रिक्वेस्ट करती हूं कि प्लीज अपने बच्चों पर प्रेशर मत डालिए। उनकी बातों को अनसुना मत कीजिए। आजकल के बच्चों को उनके पैरेंट्स के प्यार और साथ की जरूरत है। अगर आप उनके साथ क्लोज होंगे, तभी वह आगे बढ़ सकेंगे। साथ ही बच्चों को मेरा सजेशन है कि ज़िंदगी में कभी भी हार मत मानिए।

अगर आप एक बार फेल होते हैं, तो इसका मतलब यह नहीं की आप दुखी होकर बैठ जाएं, इससे आपको पता चला कि कहां आपने गलती की और क्या सुधार करना है?

आगे की स्लाइड में पढ़िए स्टैंड अप कॉमेडियन गंगूबाई यानी की सलोनी का इंटरव्यू

मात्र तीन साल की उम्र में ही कैमरे को बेधड़क फेस करने वाली मासूम सी सलोनी डैनी को देखकर कोई अंदाजा नहीं लगा सकता है कि यह बच्ची महानायक अमिताभ बच्चन से लेकर शशि कपूर, हेमा मालिनी, सनी देओल और राजेश खन्ना जैसे स्टार्स की इतनी अच्छी मिमिक्री कर सकती हैं।

कॉमेडी शो छोटे मियां, बड़े मियां की विजेता रह चुकी सलोनी का कहना है कि उन्हें कपिल शर्मा और सुनील ग्रोवर की कॉमेडी काफी पसंद है। उनका मानना है कि दोनों के ही पास गज़ब का सेंस ऑफ ह्यूमर है।

जब उनसे पूछा गया कि दूसरों को हंसाने के लिए इतने अच्छे जोक्स कहां से लाती हैं? तो सलोनी ने हंसते हुए जवाब दिया कि 'हम कहां लाते हैं? हमारे लिए स्पेशल स्क्रिप्ट रायटर होते हैं।

आगे के बारे में उन्होंने बताया कि फिलहाल वह अपनी पढ़ाई पर ध्यान दे रही हैं। अगर कोई शो उन्हें ऑफर किया जाता है, तो कोई परहेज भी नहीं होगा।



Next Story